बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सीएम सख्त की हाइलेवल बैठक
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था की खराब स्थिति पर सीएम नीतीश कुमार ने सख्ती दिखाई है। मुख्यमंत्री नीतीश ने शनिवार को हाईलेवल बैठक में डीजीपी समेत आला पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि अपराध को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। कार्रवाई की सूचना रोजाना मीडिया को दी जाए। साथ ही जमीन विवाद के मसले स्थानीय अधिकारी हल करें।
इन हालातों में नीतीश कुमार की सुसाशन की सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। संभवतः इन्हीं घटनाओं को देखते हुए सीएम ने यह समीक्षा बैठक की। बैठक में डिजिटल प्रजेंटेशन के जरिए राज्य में अपराध की घटनाएं और उन मामलों में कार्रवाई की रियलिटी की समीक्षा की गई और पदाधिकारियों को दिशानिर्देश दिए।
इससे पहले राज्य के 11 जिलों के लिए ग्रामीण एसपी के पद का सृजन सरकार ने शुक्रवार को किया। इसके अलावा 40 डीएसपी साइबर क्राइम के पद का भी सृजन किया गया है।
महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बीजेपी लगातार सरकार पर अपराध को लेकर हमला बोल रही है. इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार एक्शन में दिख रहे हैं. मुख्यमंत्री ने विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश भी दिए.
डीजीपी ने स्थिति से कराई अवगत
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए. बैठक में डीजीपी एसके सिंघल ने मुख्यमंत्री को अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है. अपराध अनुसंधान के कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके.
जमीन से संबंधित आपसी विवाद जल्द खत्म करें- नीतीश कुमार
वहीं, बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करने के लिए महीने में एक बार डीएम, एसपी 15 दिनों में एक बार 15 दिन में एक बार एसडीओ और संबंधित अधिकारी सप्ताह में एक दिन जरूर बैठक समस्या का निष्पादन करें. उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं. लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाले अपराध में कमी आए. साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय मानक के अनुरूप प्रति एक लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की स्वीकृत पदों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए तेजी से काम करें. स्पीडी ट्रायल में तेजी लाएं.
‘थानों में लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहे’
साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें. गंभीर आपराधिक घटनाओं पर की गई कार्रवाई के संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय प्रेस को प्रतिदिन अवगत कराएं. सोशल मीडिया पर भी इसके संबंध में जानकारी दें. घटना की पूरी जानकारी, उस पर की जा रही कार्रवाई, घटना के विभिन्न पहलुओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दें ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके. उन्होंने कहा कि सभी थानों में लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहे, इसके लिए मुख्यालय स्तर से निरंतर अनुश्रवण करते रहें. अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके. गश्ती व्यवस्था को और सुदृढ़ करें. इसकी निरंतर निगरानी भी करते रहें. वहीं, इस दौरान कई अधिकारी मौजूद रहे.
इन जिलों में होंगे ग्रामीण एसपी
नयी सरकार पुलिसिंग को दुरुस्त करने के लिए कई कदम उठाने का फैसला किया है. बिहार पुलिस सेवा में स्टाफ अफसर के 15 अपर पुलिस अधीक्षक के 12 वरीय पुलिस उपाधीक्षक के 114 और पुलिस उपाधीक्षक स्तर के 40 पदों के साथ-साथ कुल 181 पदों के सृजन को मंजूरी दे दी गयी है. अब पटना जिले के अलावे गया, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, सारण, रोहतास, सहरसा, पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर, बेगूसराय और मुंगेर में ग्रामीण एसपी का पद होगा. यहां तैनात तो होने वाले अधिकारी बिहार प्रशासनिक सेवा के स्टाफ अफसर रैंक के अधिकारी होंगे.
जामलपुर में भी एएसपी का पद होगा
पुलिस अधीक्षक (लॉ एंड ऑर्डर) बिहार, पटना, सहायक पुलिस महानिरीक्षक (आधुनिकीकरण) बिहार, प्रशिक्षण केन्द्र डुमरांव और प्रशिक्षण केन्द्र सिमुलतला में प्राचार्य के पद बिहार प्रशासनिक सेवा के स्टाफ अफसर रैंक के अधिकारी के होंगे. स्टाफ अफसर के अलावे बिहार प्रशासिनक सेवा के अपर पुलिस अधीक्षक के नए पद भी सृजित हुए हैं. नए पदों में अरवल, बगहा, नवगछिया, सीआईडी में 3 व कमजोर वर्ग के अधीन 3, रेल पटना, मुजफ्फरपुर, कटिहार व जामलपुर में भी एएसपी का पद होगा.
181 नए पदों का सृजित हुए
सीआईडी, मद्यनिषेध, ईओयू, विशेष शाखा, एसएसजी, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, एसटीएफ, एटीएस, गृह विभाग, डीजीपी कार्यालय, पुलिस अकादमी के अलावा बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस में कुल 114 वरीय पुलिस उपाधीक्षक के पद सृजित हुए हैं. नए पद सृजन के बाद बिहार पुलिस सेवा में 1026 पद हो गए हैं. पहले इसकी संख्या 845 थी. 181 नए पदों का सृजित हुए हैं. 740 डीएसपी, 188 वरीय डीएसपी, 74 अपर पुलिस अधीक्षक और 24 स्टाफ अफसर के हैं.