सम्मान से सराहे गए जीवन को संवारनेवाले सृजनहार
शिक्षाविद् श्री गणेश दत्त पाठक, शिक्षक और साहित्यकार डॉक्टर मन्नू राय, मनोरंजन कुमार सिंह सहित जिले भर के कई वरिष्ठ शिक्षकों को शिक्षक गौरव सम्मान से किया गया सम्मानित
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
शनिवार का दिन था, सीवान शहर के फतेहपुर स्थित श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का सभागार। मौजूद थे जिलेभर के तमाम शिक्षकगण। आयोजन था शिक्षक दिवस पखवाड़ा के तहत शिक्षक गौरव पुरस्कार 2022 के वितरण का। मुख्य अतिथि थे बिहार सरकार के पूर्व मंत्री डॉक्टर महाचंद्रप्रसाद सिंह। विशिष्ट अतिथि थे डॉक्टर नवीन कुमार पांडेय, माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष श्री वगिंद्र पाठक सहित अन्य शिक्षक संघ के पदाधिकारीगण। अपने शानदार आवाज और उत्साहित करती शायरियाें से मंच संचालन को आकर्षक बना रहे थे मनोरंजन कुमार सिंह।
दीप प्रज्जवलन, प्रज्ञा पुष्प के सुमधुर स्वागत गान और माननीय अतिथियों के अभिनंदन की सांस्कृतिक परंपराओं के परिपालन के बाद समय आया शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान करने वाले विभूतियों के सम्मान का। जीवन को रचनात्मक और सृजनात्मक दिशा देने वाले शिक्षकों के सम्मान की बात तो अजीब सी लगती है। क्योंकि शिक्षक और सम्मान तो एक दूसरे के पूरक ही है। हर रचनात्मक सोच के आधार तो शिक्षक ही होते है।
हर सृजनात्मक विचार के खेवनहार तो शिक्षक ही होते हैं। जिंदगी की हर चुनौती से निबटने के तारणहार तो शिक्षक ही होते हैं। जिंदगी में सफलता का पाठ पढ़ानेवाले तो शिक्षक ही होते हैं। फिर उनको सम्मानित करने का सौभाग्य एक सुअवसर ही हो सकता है! मुख्य अतिथि ने भी अपने संबोधन में शिक्षक के समाज के प्रति महान योगदान पर ध्यान आकृष्ट कराया। शिक्षा का अलख जगाकर समाज को नई दिशा दे रहे शिक्षकों को स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। शिक्षाविद् श्री गणेश दत्त पाठक, डॉक्टर मन्नू राय, शिक्षक मनोरंजन कुमार सिंह सहित जिले के अन्य शिक्षको को सम्मानित किया गया।
सम्मान कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री डॉक्टर महाचंद्र प्रसाद सिंह, जो तकरीबन तीन दशक तक विधान परिषद के सदस्य भी रहे हैं, अपने जनप्रतिनिधि के व्यक्तित्व के तौर पर अपने उद्गार में शिक्षकों की व्यथा के कई मसलों पर अपनी बात रखी। मुख्य अतिथि स्वयं भी एक सेवानिवृत शिक्षक रहे हैं और पेंशन के महत्व से परिचित हैं।
ऐसे में वादा भी कर लिया कि जब भी आगे मौका मिलेगा तो वे शिक्षकों के पेंशन के पुनः शुरू करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने जय प्रकाश विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं के सुधार में अपने योगदान का भी जिक्र किया। पूर्व मंत्री ने मतदान को लोकतंत्र की धड़कन बताते हुए निर्वाचक सूचियों में अपना नाम जुड़वाने की अपील भी की। मुख्य अतिथि के संबोधन के बाद धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम तो समाप्त हो गया। लेकिन शिक्षक गण सम्मान से सम्मानित होकर अपने दायित्वों और जिम्मेदारियों की गंभीरता को अवश्य शिद्दत से महसूस कर रहे थे।
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