रघुनाथपुर में डॉक्टर की लापरवाही से नवाजत की मौत, जच्चे की नाजुक है स्थिति
पीडि़त ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई नही करने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर लगाया मिलीभगत का आरोप
रेफ़रल अस्पताल भवन और परिसर में मंडराते रहते हैं निजी क्लिनिक,जांच घर व अल्ट्रासाउंड के दलाल.
श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान (बिहार)
सीवान जिले के रघुनाथपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में “ममता सेवा सदन” नाम से चल रहे निजी क्लिनिक के डॉक्टर पर एक गम्भीर आरोप की चर्चा आजकल सबकी जुबान पर है.रघुनाथपुर प्रखंड क्षेत्र के बडुआ निवासी अनिल दुबे की पत्नी सोनी दुबे जो प्रसव से पीड़ित थी जिसे इलाज के लिए ममता सेवा सदन में 1 सितंबर को भर्ती कराया गया।लेकिन डॉक्टर की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हो गई और जच्चे कि हालत नाजुक बनी हुई है।
डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की मौत और जच्चे कि हालत गम्भीर होने के मामले में पीड़ित अनिल दुबे द्वारा इस मामले की लिखित शिकायत स्थानीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ• नरेन्द्र पाठक को दी गई लेकिन लिखित शिकायत दिए जाने के एक सप्ताह बाद भी दोषी डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहींं हुई है। पीडित ने चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर नरेन्द्र पाठक द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर आरोपी डॉक्टर से मिलीभगत कर मामला को रफा दफा करने का आरोप लगाया है।
रेफ़रल अस्पताल परिसर और भवन में OPD के समय या यूं कहें तो मेडिकल स्टाफ भी अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजो को निजी क्लिनिक में इलाज कराने,फलां जांचघर में जांच कराने और फलां जगह से ही अल्ट्रासाउंड कराने को कहते/सुझाव देते हैं या बाइक पर बिठाकर उक्त सेंटर पर पहुचाकर दलाली का मोटी रकम उठाते हैं.
अनिल दुबे के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.जब अनिल अपनी प्रसव पीड़ित पत्नी को रेफ़रल अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराए और अस्पताल ने रेफर कर दिया तब मरीज के परिजन अनिल दुबे काफी चिंतित हो गए और कुछ सोचते या समझ पाते तब तक अस्पताल में ही मौजूद दलालों ने मरीज की हालत नाजुक बताते हुए नजदीक के ही डॉक्टर अविनाश एवं उनकी पत्नी प्रियंका यादव दाेेनों डॉक्टर है। आए दिन अस्पताल में मौजूद दलाल उनसे दिखाने की सलाह देते देते रिक्शा चालक से कहकर मरीज को ममता सेवा सदन में पहुँचवा दिया।सरकार बदल गई लेकिन बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार तनिक भी नही हुआ।
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