बड़हरिया प्रखंड प्रमुख ने चहक प्रशिक्षण कार्यक्रम किया उद्घाटन
प्रखंड में पांच केंद्रों पर चल रहा है प्रशिक्षण
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बड़हरिया में बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा के कार्यक्रम चहक के पांच दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण का उद्घाटन प्रखंड प्रमुख रहीमा खातून,बीइओ शिवशंकर झा,पूर्व बीआरपी मनोज कुमार सिंह आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस मौके पर बीईओ शिवशंकर झा ने प्रखंड प्रमुख रहीमा खातून को डायरी व लेखनी प्रदान कर सम्मानित किया। नई शिक्षा नीति निपुन भारत अभियान के तहत बच्चों को खेल-खेल में सहज शिक्षा प्रदान करने के लि चल रहे चहक कार्यक्रम का शुभारंभ के अवसर पर मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए बीईओ शिवशंकर झा ने बताया कि इस पांच दिवसीय व गैर आवासीय चहक कार्यक्रम के तहत सफल प्रशिक्षण प्रदान को लेकर पांच प्रशिक्षण केंद्र बनाये गये हैं।
उन्होंने कहा कि चहक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को विद्यालय के प्रति सहज बनाना है।इसके लिए बच्चों के बीच अपनापन विकसित करने के साथ-साथ शिक्षकों को खेल के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना है। इसके तहत बच्चों को सीखने -सिखाने की प्रक्रिया को सहज,सरल और मनोरंजक बनाना है।
वहीं मुख्य अतिथि प्रमुख रहीमा खातून ने कहा कि तमाम शैक्षणिक गतिविधियों का लक्ष्य बच्चों में ज्ञान भरना है। उन्होंने कहा कि विद्यालय का माहौल पठन-पाठन के अनुकूल बनाना शिक्षकों का दायित्व है। वरीय शिक्षक मनोज कुमार सिंह ने कहा कि बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान कार्यक्रम स्कुल रेडीनेस मॉड्यूल चहक के क्रियान्वयन में गतिविधियों पर बच्चों को पढ़ाना है। बालकेंद्रित शिक्षण की इस विधा से माहौल को बोझिल नहीं बनने देना है और विद्यालय से नीरसता दूर करनी है।
इस प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को गाने,हंसने और खेलने वाली पढ़ाई करने के लिए तैयार करना है। जबकि मेंटर शंभूनाथ यादव ने कहा कि बच्चों की मन:स्थिति का आकलन कर उनके मिजाज के अनुकूल शिक्षण से बच्चों का ठहराव होगा और छीजन में कमी आयेगी। शिक्षा की रोचकता बनी रहे,इसके लिए प्रधानाध्यापक और पहली कक्षा के लिए नामित शिक्षक बच्चों की मुस्कुराहट बरकरार रखेंगे, इसी अवधारणा के तहत यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
वरीय शिक्षक शर्मानंद प्रसाद नू कहा कि विद्यालयों में पहली कक्षा के बच्चों को अब संगीतमय परिवेश में खेल-खेल में शिक्षा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि पक्षियों के कलरव की तरह ही बच्चे विद्यालय में चहकेंगे। माहौल मनोरंजक रहेगा तो बच्चों का विद्यालय से जुड़ाव बना रहेगा।
बीईओ श्री झा ने बताया कि मध्य विद्यालय सदरपुर प्रशिक्षण केंद्र में मेंटर की भूमिका में शंभूनाथ यादव हैं,जबकि प्रशिक्षक के रुप में विजय गुप्ता व मनोज वर्मा हैं।वहीं मध्य विद्यालय हरदियां में प्रशिक्षक के तौर पर पंकज कुमार और अरविंद कुमार गांधी और मेंटर की भूमिका में अमरेंद्र कुमार हैं।जबकि मध्य विद्यालय माधोपुर में बतौर प्रशिक्षक राधेश्याम यादव और यासमीन सुल्ताना प्रतिनियुक्त हैं तो डॉ जीतेंद्र कुमार मेंटर की भूमिका में हैं।
जबकि मध्य विद्यालय लकड़ी दरगाह में प्रशिक्षक के रुप में मुकेश कुमार और राजीव श्रीवास्तव हैं और मेंटर के रुप में सुनील कुमार यादव हैं। जबकि उत्क्रमित मध्य विद्यालय बड़हरिया में बतौर ट्रेनर कृष्णा जी पंडित और मुन्ना कुमार हैं।वहीं मेंटर की भूमिका में अजय कुमार श्रीवास्तव हैं।
बीईओ श्री झा ने बताया कि बच्चे विद्यालय में उपस्थित होकर पढ़ाई में रुचि लें और विद्यालय में उनकी मुस्कुराहट बनी रहे। ऐसी बातों का ख्याल रखते हुए बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा इस रोचक और आनंददायी प्रशिक्षण का शुभारंभ हो चुका है।उन्होंने बताया कि प्रत्येक केंद्र पर 40 शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं। जिनमें 20 प्रधानाध्यापक और 20 पहली कक्षा के लिए नामित शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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