क्या सिसवन ढाला अब बन जायेगा रेलवे ओवरब्रिज ?
दो दशक बाद भी नहीं बन सका ओवरब्रिज
अक्सर जाम के कारण आधा शहर हो जाता है अस्त-व्यस्त
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सिसवन ढाला पर दिन भर में घंटों लगने वाले जाम से लोग त्रस्त हैं। रेल की आवाजाही के दौरान दोनों तरफ वाहनों की कतार इतनी लंबी लगती है कि पैदल सरकना भी मुश्किल होता है. सिसवन ढाला पर लगने वाले जाम के कारण सिसवन से सीवान व सीवान से सिसवन आने-जाने के दौरान लोगों को घंटों ढाला पर खड़ा रहना पड़ता है।इस ढाला से दो प्रखंड के लोग सीधे तौर पर आते-जाते है। नगर परिषद के वार्ड 27 लक्ष्मीपुर का लंबा सिसवन ढाला से जुड़ा है। स्कूल-कॉलेज भी इस मार्ग में जिसके छात्र ढाला बंद होने से घंटों परेशान रहते हैं।
लेकिन दौरे पर आये रेल प्रबंधक रामाश्रय पांडेय ने बताया कि सिसवन ढाला पर रेल ओवरब्रिज के ड्राइंग का अप्रूवल हो जाने के बाद निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होगा. उन्होंने बताया कि रेल द्वारा गाया प्रस्ताव दिया गया था कि ओवर ब्रिज का ऐसा ड्राइंग बनाया जाये, जिसमें रेक प्वाइंट से सीधे टिकट रेल ओवरब्रिज पर चढ़ जाएं. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार द्वारा ऐसा ड्राइंग बनाने से इन्कार किये जाने के बाद उन्हें अपने मन से ड्राइंग बनाने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव दिया गया है कि पुल के नीचे से एक अंडरपास बनाया जाये, जिससे टू व्हीलर एवं फोर व्हीलर गाड़ियां आ जा सके.
’91 स्पेशल रेलवे क्रॉसिंग को बंद कर दिया जायेगा’
रामाश्रय पांडेय ने बताया कि निर्माण कार्य शुरू होते ही 91 स्पेशल रेलवे क्रॉसिंग को बंद कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि सीवान रेल माल गोदाम पर दूसरे राज्यों से काफी संख्या में मालगाड़ी सामान लेकर आती है. मालगाड़ी के रैक को जल्द से जल्द खाली कर वापस भेजने के संबंध में योजना बनायी जा रही है.उन्होंने बताया कि 91 स्पेशल रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रैफिक जाम होने के कारण रेल 90 स्पेशल रेलवे क्रॉसिंग होकर एक सड़क का निर्माण कर रहा है. इस साल के अंत तक नये सड़क के चालू हो जाने से व्यापारियों को काफी सहूलियत मिलेगी. प्लेटफाॅर्म संख्या पांच के निर्माण के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उसका निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जायेगा.
जनता ने भुगता सबकी अनदेखी व लापरवाही का खमियाजा
91 ए सिसवन ढाला पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण न होने के पीछे जितना जिम्मेदार रेलवे है उतना ही यहां के जनप्रतिनिधि, क्योंकि इस ओवर ब्रिज को लेकर सबने सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का काम किया है। लोगों को उम्मीद थी कि यहां पर रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के लिए रेल मंत्रालय व राज्य सरकार ने अनुमति दे दी है और इसके लिए वित्तीय सहमति भी दे दी गई है। इससे अब निर्माण के लिए टेंडर निकाला जाएगा और इसके बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। निर्माण शुरू होने के दो साल के बाद ही इस पर आवागमन भी शुरू हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
बता दें कि आधा से ज्यादा समय तक यह ढाला बंद रहता है। जंक्शन पर जब भी अप व डाउन लाइन की कोई भी ट्रेन आती-जाती है तो इस ढाला को बंद कर दिया जाता है। वहीं मालगोदाम भी यहीं होने के कारण ढाला समय समय पर बंद होता है और जाम का नजारा आम होता है। जाम के कारण कई बार तो दो किलोमीटर से अधिक दूरी तक गाड़ियों की लंबी कतारें लग जाती हैं।
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