जीविका दीदी की मेहनत रंग लाई, करने लगी दूसरों की भलाई
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
‘आंधियां भी आयी थीं तूफ़ान भी आये थे, मगर न जरा भी हमारे कदम लड़खड़ाये थे।’
ये पंक्तियां सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड की सदरपुर पंचायत के सदरपुर पश्चिम टोला निवासी स्व अशोक पटेल की पत्नी और जीविका दीदी रीता कुंवर पर अक्षरशः लागू होती है।
कुछ वैसी ही कहानी है जीविका दीदी रीता दीदी की। बताया जाता है कि अपने पति अशोक पटेल की अचानक मौत से विपत्तियों का पहाड़ टूट गया। लेकिन जीविका दीदी रीता देवी ने हिम्मत नहीं हारी।भले ही वह रोटी के लिए मोहताज रही, लेकिन आज अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बदौलत उपलब्धियों की नई लकीर खींचीं।
जीविका के नोडल रजनीश ने बताया कि बड़हरिया प्रखंड के सदरपुर पश्चिम टोला की जीविका दीदी अपने पति के देहांत के बाद परिवार के साथ गरीबी के दलदल मे दबी गयीं और इन्हें दूर दूर तक जीवन मे अंधेरा ही नजर आने लगा। पति की मृत्यु के बाद तीन बेटियों तथा एक बेटा के साथ किसी तरह गुजर बसर करना मुश्किल होने लगा। लेकिन आज उनकी आर्थिक स्थिति बदल चुकी है।
जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक नलिनी रंजन झा से बातचीत में पता चला कि बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत अत्यंत गरीब दीदी का चयन के उपरांत उनको चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण देकर छोटे से रोजगार से जोड़ा गया।जीविका दीदी को राशि मुहैया करायी गया, जिससे रीता दीदी ने किराना और पारचून की दुकान खोल ली।
मेहनत रंग लायी और आज के व समय मे दीदी अपने रोजगार से अपनी आर्थिक स्थिति काफी मजबूत हो चुकी है। बच्चों को विद्यालय भेजने से लेकर दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनी हुई है। अब रीता देवी दूसरों की मदद कर रही हैं।
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