मिशन परिवार विकास अभियान में कटिहार को मिला अव्वल स्थान
सपने को साकार करने में अस्थायी साधनों के इस्तेमाल में संकोच नहीं करना चाहिए: जिलाधिकारी
परिवार नियोजन के लिए अस्थायी साधनों को अपनाने को लेकर बिहार में मिला पहला स्थान: सिविल सर्जन
गर्भनिरोधक विधियों को अपनाने में महिला एवं पुरूष नसबंदी का अहम योगदान: डीपीएम
श्रीनारद मीडिया, कटिहार, (बिहार):
कटिहार के जिलाधिकारी उदयन मिश्रा ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने में मिशन परिवार विकास अभियान का योगदान काफ़ी है। जनसंख्या वृद्धि को रोकने में हम सभी को ठोस कदम उठाना चाहिए। तभी छोटा और खुशहाल परिवार का सपना पूरा किया जा सकता है। इसके लिए परिवार नियोजन को अपनाना बेहद जरूरी है। जब आपका परिवार छोटा होगा तभी आपके पूरे परिवार के सपनों को साकार किया जा सकता है।
अस्थायी साधनों के इस्तेमाल में किसी तरह का कोई संकोच नहीं करना चाहिए। इसका कोई साइड इफेक्ट या महिलाओं के स्वास्थ्य पर कोई असर भी नहीं पड़ता है। इससे जच्चा व बच्चा दोनों पूरी तरह से स्वस्थ व तंदुरुस्त रहता है। मिशन परिवार विकास अभियान के दौरान डीसीएम सुरेश कुमार, डीपीसी अज़हर अमीर एवं एसीएमओ सह नोडल अधिकारी डॉ कनक रंजन सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मियों के अलावा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की आशा कार्यकर्ताओं के कारण ही इतनी बड़ी सफलता मिली है। कार्यक्रम के दौरान ही इनलोगों को डोर टू डोर भ्रमण कर जागरूक करने के लिए कहा गया था। ताकि इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा सके।
परिवार नियोजन में अस्थायी साधनों को अपनाने को लेकर बिहार में मिला पहला स्थान: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ दीनानाथ झा ने बताया कि राज्य में कटिहार ज़िले को अस्थायी रूप से परिवार नियोजन अपनाने के लिए अंतरा एवं अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (आईयूसीडी) वितरण में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। इतनी बड़ी क़ामयाबी मिशन परिवार विकास अभियान के तहत मिली है। इसके तहत पहले 05 से 11 सितंबर तक दंपति संपर्क अभियान चलाया गया और उसके बाद 12 से 24 सितंबर तक परिवार नियोजन पखवाड़ा का आयोजन किया गया था। ज़िले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में मेला का आयोजन एवं स्थायी तौर पर काउंटर के माध्यम से लोगों को परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधन को अपनाने के लिए जानकारी के साथ ही विभिन्न तरह के संसाधनों का वितरण भी कराया गया था। परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के स्टाल के माध्यम से परिवार नियोजन को अपनाने के लिए योग्य दंम्पत्तियों एवं उनके परिवार वालों को जागरूक किया जा रहा था।
गर्भनिरोधक विधियों को अपनाने में महिला एवं पुरूष नसबंदी का अहम योगदान: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ किशलय कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के दिशा-निर्देश एवं सिविल सर्जन के मार्गदर्शन में 12 से 24 सितंबर तक चले मिशन परिवार विकास अभियान में कटिहार ज़िले को अव्वल स्थान प्राप्त हुआ है जो हम सभी के लिए गौरव की बात है। पहले एवं दूसरे बच्चे के बीच लेने या अपनाने वाले गर्भनिरोधक उपकरण (आईयूसीडी), प्रसव के बाद अपनाने के लिए गर्भनिरोधक उपकरण (पीपीआईयूसीडी) एवं गर्भपात के बाद गर्भनिरोधक उपकरण (पीएआईयूसीडी) में 74.5 प्रतिशत एवं अस्थायी रूप से गर्भनिरोधक विधियों को अपनाने के लिए अंतरा वितरण में लक्ष्य से अधिक 101.7 प्रतिशत के साथ पूरे बिहार में अव्वल स्थान मिला है। पुरुष नसबंदी के लिए मिले 100 की संख्या को पार करते हुए 106 पुरुषों का नसबंदी कराया गया है। महिला नसबंदी में 63.1 प्रतिशत के साथ 16 वां स्थान मिला है। गर्भनिरोधक के लिए छाया के इस्तेमाल करने में 53 प्रतिशत एवं माला-एन वितरण में 61 प्रतिशत के साथ राज्य में दूसरा स्थान मिला है। वही अस्थायी साधन में 35 प्रतिशत के साथ ईजी में चौथा स्थान तो गर्भनिरोधक कंडोम वितरण में छठा स्थान प्राप्त हुआ है।
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