डेंगू से बचे, बरतें ये सावधानियां
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बदलते मौसम में सबसे ज्यादा फैलने वाली बीमारियों में से एक डेंगू भी है। मरीज के खून में पहले हफ्ते में ही डेंगू का वायरस मौजूद होता है। यदि किसी मच्छर ने डेंगू सी पीड़िक व्यक्ति को काट लिया हो तो बाकी अन्य सदस्यों को भी डेंगू हो सकता है। इसलिए डेंगू के मरीजों को अपने आस-पास की सफाई और अपने स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना पड़ता है। यदि आपके घर में भी कोई डेंगू का मरीज है तो वह इन तरीकों के साथ अपनी सेहत का ध्यान रख सकता है। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में…
डिहाइड्रेशन से करें बचाव
यदि आपके घर में किसी मरीज को डेंगू हो गया है तो उसे पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करवाएं। डिहाइड्रेशन की समस्या होने से आपकी तबीयत और भी खराब हो सकती है। डेंगू के कारण आपके शरीर में बुखार उल्टी जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं जिनके कारण शरीर में फ्लूड की मात्रा कम हो जाती है। आप डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नींबू पानी, नारियल पानी, सब्जियों के रस को डाइट में शामिल कर सकते हैं।
मच्छरों की एंट्री करें बंद
यदि आपके घर में कोई डेंगू का मरीज है तो अपने घर को मच्छरों से बचाएं। घर के सारे खिड़की दरवाजे, बंद रखें ताकि डेंगू के मरीज अंदर न जाएं। इसके अलावा घर में यदि कोई डेंगू से पीड़ित है तो उसे आराम करने दें।
बुखार होने पर ऐसे रखें मरीज का ख्याल
यदि आपके घर में किसी व्यक्ति को बुखार है तो डॉक्टर की सलाह के बिना उसे किसी भी तरह की दवाई न दें। अगर मरीज को तेज बुखार होता है तो उसे ठंडे पानी से स्पंच करें। इसके अलावा आप उसे पैरासिटामॉल की गोली भी दे सकते हैं। परंतु 4 गोली से ज्यादा मरीज को आप गोली न दें।
बुखार के बाद भी बरतें सावधानी
यदि डेंगू के मरीज का बुखार उतर भी गया है तो भी आप थोड़ी सावधानी जरुर बरतें। बुखार उतरने के बाद भी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। पेट में तेज दर्द, लाल चकत्ते, सांस लेने में परेशानी इत्यादि।
इमरजेंसी में रखें ध्यान
24 घंटे में यदि मरीज को 3 बार से भी ज्यादा उल्टी आती है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं। नाक या फिर गम्स में यदि मरीज को ब्लीडिंग हो रही है तो गौर जरुर करें। यह भी इमरजेंसी की स्थिति हो सकती है। उल्टी, स्टूल में ब्लड आने के कारण, त्वचा का ठंडा पड़ना भी डेंगू के लक्षण हो सकते हैं।
मरीज को दें ऐसे खाना
आप डेंगू के मरीज को ज्यादा फैट्स वाला खाना और ठंडा खाना न दें। घर में बना ताजा खाना ही मरीज को खिलाएं। इसके अलावा तरल पदार्थ जैसे सूप, जूस इत्यादि मरीज को आप दे सकते हैं। इसके अलावा मरीज को ज्यादा तेल या फिर मसाले भी न दें।
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