सीवान के सरसर गांव में सैकड़ों वर्ष से होते आ रहा है रामलीला
श्रीराम वनगमन का प्रसंग का हुआ मंचन
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
आज विज्ञान के बढ़ते स्वरूप और पाश्चााात्य सभ्यता के कारण देश के युवा अपने संस्कृति और अपनी गांव की परंपरा से दूर होते जा रहे है। वहीं सीवान जिला मुख्यालय से गोपालगंज मार्ग पर स्थित सरसर गांव के युवा, बुजुर्ग और बच्चें अपनी संस्कृति और पंरपरा को संजो कर रखा है और आने वाली पीढ़ी को सहेजने की शिक्षा भी प्रदान कर रहे हैं।
सरसर गांव में दशहरा के बाद से रालीला मंचन करने की परंपरा सैकड़ों वर्ष से होते आ रहा है। यूं यह कहें कि यह परपंरा कब से इस गांव में चल रहा है तो हर बुजुर्ग यहीं कहते हैं कि हमारे पिता जी हमारे दादाजी कहते थे कि उनके पूर्वज भी मंचन करते आये हैं। इसी परंपरा को सरसर गांव के युवा, बच्चें, बुजुर्ग और ग्रामीण सभी सहेजकर रखे हैं।
बुधवार की राात्रि रामलीला मंचन में श्रीराम के वन गमन प्रसंग का मंचन किया गया। जिसका विधिवत उदघाटन राजवंशी देवी बालिका उच्च विद्यालय की सेवानिवृत प्राचार्या डा0 सुशीला पांडेय ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। राजा दशरथ का अभिनय संजय दुबे ने, समुंत का अजितेश कुमार ने, कैकयी की आशुतोष कुमार ने कौशल्या का नकुल कुमार ने, महर्षि वशिष्ठ का प्रियरंजन कुमार ने, राम का लव कुमार ने, लक्ष्मण का हैप्पी कुमार ने , द्वारपाल का पारस चौहान ने, सीता का रोमन कुमार ने, मंथरा का मनोज सिंह ने, निषाद राज का राजन सिंह ने, भरत का धनेश सिंह अधिवक्ता ने तथा शत्रुघ्न का अंश कुमार ने अभिनय किया।
बताते चले कि पूरे नाटंक का निर्देशन प्राेे0रामचंद्र सिंह सुरसरिया ने किया। इस मौके पर हजारों की संख्या में महिला पुरुष दर्शक मौजूद रहें।
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