हिन्दी में होगी MBBS कोर्स की पढ़ाई, अमित शाह ने किया हिंदी किताब का विमोचन

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देश में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा का नया अध्याय आज से शुरू हो रहा है। मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा, जहां चिकित्सा शिक्षा हिंदी में होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में एमबीबीएस हिंदी पाठ्यक्रम पुस्तक का विमोचन किया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर कहा – आज का दिन भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। जब भी आने वाले दिनों में इतिहास लिखा जाएगा आज के दिन को स्वर्ण के अक्षरों से लिखा जाएगा। ये देश में शिक्षा क्षेत्र के पुनर्जागरण का क्षण है।

इस दौरान अमित शाह के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दिखें । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके पर कहा – आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में मध्य प्रदेश की धरती पर होगी। हिंदी की पढ़ाई गरीब बच्चों की जिंदगी में एक नया प्रकाश लेकर आएगी।

एमबीबीएस प्रथम वर्ष के तीन विषयों की हिंदी पुस्तकों का विमोचन लाल परेड मैदान में आयोजित ‘हिंदी में ज्ञान का प्रकाश’ कार्यक्रम में हुआ।

कई दूसरे देशों की तरह अब मध्यप्रदेश में भी मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अपनी मातृभाषा हिंदी में होगी। एमपी के 97 डॉक्टरों की टीम ने 4 महीने में मेहनत करके अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है।

वहीं राज्य सरकार भी इस नए प्रयोग को लेकर रोमांचित है। सरकार के इस नय प्रयोग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीएम शिवराज और उनके सभी मंत्री, विधायक सहित बीजेपी के नेताओं ने सोशल मीडिया अकाउंट पर डीपी व कवर फ़ोटो बदला है। पहली बार ऐसी अनूठी पहल को लेकर प्रदेश के युवाओं में काफी उत्साह का माहौल है।

इस मौके पर मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, ‘आज का दिन देश और प्रदेश के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज पहली बार हम मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू करेंगे। हिंदी में पढ़ाई हो ये लगातार चर्चा का विषय था। इससे देश के हिंदी भाषी युवाओं के जीवन में परिवर्तन आएगा।’

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके को ऐतिहासिक बताया, उन्होंने कहा- आज प्रदेश के वो बच्चे जो प्राथमिक शिक्षा में अंग्रेजी माध्यम से नहीं पढ़े उनकी जिंदगी में एक नया सवेरा हो रहा है। आज का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। हम शिक्षा को अंग्रेजी की गुलामी से मुक्त करेंगे।

2018 में शुरू हुई थी प्रक्रिया

बता दें कि हिंदी में लिखने की सुविधा मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने वर्ष 2018 में ही शुरू कर दी थी। इसके परिणाम अच्छे रहे हैं। इस साल एमबीबीएस प्रथम वर्ष में एनाटामी, फिजियोलाजी और बायोकेमेस्ट्री की हिंदी में भी पढ़ाई कराई जाएगी। आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डा. आरएस शर्मा ने कहा कि कई विद्यार्थियों ने इस व्यवस्था की तारीफ की थी।

परीक्षा में लिखना होगा आसान

 

एमबीबीएस के करीब 10 प्रतिशत विद्यार्थी तब से हिंदी या फिर अंग्रेजी और हिंदी के मिले-जुले वाक्य परीक्षाओं में लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब हिंदी में किताबें उपलब्ध होने पर विद्यार्थियों के लिए परीक्षा में लिखना और आसान हो जाएगा। नेशनल मेडिकल कमीशन की भी यह बाध्यता नहीं है कि उत्तर अंग्रेजी में ही लिखे जाएं।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भारतीय भाषाओं के प्रोत्साहन के क्रम में अब बड़ा कदम उठा रही है।

सरकारी प्रेस नोट संस्कृत में जारी करने के साथ ही अब प्रदेश सरकार हिंदी भाषा में मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराएगी। प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारी काफी पहले से कर ली थी। मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की किताबों का हिंदी में ट्रासलेशन का काम पूरा होने के बाद अब इसको लागू भी किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य होगा, जहां पर मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी भाषा में होगी। प्रदेश में झांसी के कमिशनर तथा महोबा में जिलाधिकारी अपने फैसले भी संस्कृत में लिखा चुके हैं। देश में अभी तक मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अंग्रेजी में ही होती रही है। अब इनको पुस्तकें हिंदी में उपलब्ध होंगी, छात्र या छात्राएं इसे पढऩे के लिए तैयार होंगे।

छात्र-छात्राओं को बड़ा तोहफा

योगी आदित्यनाथ सरकार अंग्रेजी भाषा में कुछ कमजोर मेडिकल तथा इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को बड़ा तोहफा देने जा रही है। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कालेज संचालित करने में लगी प्रदेश सरकार ने आधा से अधिक लक्ष्य प्राप्त भी कर लिया है, जबकि एक दर्जन से अधिक में निर्माण कार्य जारी है। अब सरकार ने मेडिकल तथा इंजीनियरिंग के छात्र व छात्राओं को हिंदी भाषा में पठन-पाठन की व्यवस्था की है।

भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की दिशा में कई बड़े कदम

उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में हर स्तर पर पूरी तरह से लागू करने के अभियान में लगी है। इसी क्रम में योगी आदित्यनाथ सरकार भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की दिशा में कई बड़े कदम उठा रही है। सूबे में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी भाषा में भी होगी। सरकार ने कई अच्छे प्रकाशकों की पुस्तकों का अनुवाद का कार्य भी पूरा कराया है।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति

नरेन्द्र मोदी सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारतीय भाषाओं में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई का फैसला किया है। इसके लिए तीन पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कराया गया है, जिसका विमोचन गृह मंत्री अमित शाह ने आज भोपाल में किया है। अब बारी उत्तर प्रदेश की है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है जहां यह व्यवस्था लागू की गई है। अब इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश भी शामिल हो गया है।

 

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