दिल्ली से मुजफ्फरपुर जा रही सप्तक्रांति एक्सप्रेस हादसे का शिकार होते होते बच गई
श्रीनारद मीडिया, राकेश सिंह, स्टेट डेस्क:
दिल्ली से मुजफ्फरपुर जा रही सप्तक्रांति एक्सप्रेस हादसे का शिकार होते होते बच गई।रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे मजदूरों ने ट्रेन को रफ्तार से आता देख पोल को ट्रैक पर छोड़ दिया और वहां से भाग गए।पटरी पर पोल को देख ट्रेन ड्राइवर के होश उड़ गए। लेकिन ड्राइवर ने समझदारी दिखाई और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी।
बताया जाता है कि मोतीहारी के कुंवरपुर चिंतामनपुर रेलवे हॉल्ट पर यह घटना घटी।कुंवरपुर चिंतामनपुर रेलवे हाल्ट पूर्व मध्य रेलवे क्षेत्र के समस्तीपुर रेलवे डिवीजन के तहत मुजफ्फरपुर-गोरखपुर मुख्य लाइन पर एक हॉल्ट रेलवे स्टेशन है।
जानकारी के अनुसार पीपरा स्टेशन के नजदीक कुंवरपुर हॉल्ट के पास रेलवे पटरियों के दोहरीकरण के दौरान एक बड़ा सा ट्रैक मजदूरों के द्वारा पार करवाया जा रहा था। उसी समय सप्तक्रांति एक्स्प्रेस ट्रेन वहां पहुंच गई। ट्रेन की स्पीड करीब सौ किलोमीटर के आसपास थी।ट्रेन को देखकर मजदूर पोल रूपी ट्रैक को रेलवे ट्रैक पर ही फेंक भाग गए।
इसे ट्रेन के चालक ने देख लिया जिसे बाद चालक ने किसी तरह से ट्रेन का इमरजेंसी ब्रेक लगाना शुरू कर दिया।काफी प्रयास के बाद चालक ने ट्रेन को रोकने मे सफलता तो पायी लेकिन फिर भी ट्रेन पोल को करीब दो सौ मीटर तक घसीट कर ले गई।
इस दौरान ट्रेन में जोर जोर का झटका लगने लगा और आवाज़ आने लगी। ट्रेन मे हो रही तेज आवाज और झटके के कारण यात्रियों मे आग लगने की अफवाह फैलने लगी जिसे बाद अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया और यात्री आनन फानन मे ट्रेन से कूदने लगे जिससे कई यात्रियों को चोटें भी आई है।
फिलहाल घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है।
सबसे बड़ा सवाल है कि पटरी पर मजदूरों के काम करने के दौरान ट्रेन को आगे जाने की हरी झंडी कैसे दी गई? रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं।
ये घटना सुबह 11.45 की है।लगभग दो घंटे बाद इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सका है।
इस घटना के बाद रेलवे अधिकारियों मे हड़कंप मच गया।रेलवे के मजदूरों ने ट्रेन मे फंसे ट्रैक को बड़ी मुश्किल से ट्रेन से बाहर निकाला।
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