सीवान के तरवारा स्थित म. हक डिग्री म.वि. में विधान परिषद सदस्य स्व.केदार पाण्डेय के निधन पर शोक सभा का आयोजन
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
मजहरुल हक डिग्री महाविद्यालय,तरवारा में गुरुवार को महान शिक्षाविद,कर्मयोगी,बिहार विधान परिषद सदस्य स्व.केदार नाथ पांडेयजी के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया।जिसमें सभी शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं ने उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी साथ ही दो मिनट का मौन रख कर उनके दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया गया।
मौके पर प्राचार्य प्रोफेसर किशोर कुमार पांडेय ने कहा कि केदारनाथ पांडेय की मृत्यु दिनांक 23 अक्टूबर 2022 को 11 बजे रात्रि में गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में ह्रदयाघात के कारण हो गई।वे ह्रदय रोग से पीड़ित थे।वे रूटीन चेकअप में दिल्ली गए थे।उन्होंने कहा कि उनकी मौत की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ।शिक्षा के क्षेत्र में अपूर्णीय क्षति हुई है।वे शिक्षकों और सरकार के बीच के कड़ी थे।आज शिक्षक समाज अपने को अनाथ महसूस कर रहा है।
वे राजनेता के साथ-साथ विशुद्ध सामाजिक कार्यकर्ता थे।वे अपने व्यक्तित्व से एक साथ कई जिम्मेवार पद को सुशोभित कर रहे थे।इतना ही नही पद के जिम्मेवारी को अच्छे ढंग से पूर्ण भी करते थे।वे बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष,बिहार विधान परिषद सदस्य,बिहार सरकार में दूसरी बार निवेदन समिति के अध्यक्ष और मजहरुल हक डिग्री महाविद्यालय,तरवारा शासी निकाय के सचिव पद को भी अंतिम सांस तक गौरवान्वित किया।
सभा को राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रोफेसर अवधेश शर्मा ने भी संबोधित किया।उन्होंने कहा की
वे उत्तर प्रदेश के बलिया जिला अंतर्गत कोटवा नारायणपुर गांव में 1 जनवरी 1943 को जन्मे केदार नाथ पांडेय सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव निर्वाचित हुए थे। वे 1965 से 1981 तक सीवान स्थित श्रीकृष्ण उच्च विद्यालय कैलगढ़ में अध्यापक रहे। जबकि 116मार्च 1981 से 1995 तक सीवान के गया दाय कबीर उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर रहे।
1995 से96 तक उन्होंने मार्डन उच्च विद्यालय दरियापुर में भी प्रधानाध्यापक के रूप में अपनी सेवा दी। इससे पहले 1973 से 1975 तक विद्या भवन महाविद्यालय सीवान में उन्होंने शिक्षा शास्त्रा के अंशकालिक प्राध्यापक के रूप में भी अपनी सेवाएं दी।
केदारनाथ पांडेय हिन्दी साहित्य सम्मेलन सीवान के सचिव, भोजपुरी साहित्य सम्मेलन सीवान के सचिव और बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव पद पर लंबे समय तक रहे।
इसके अलावा वे भारत-सोवियत मैत्री संघ और भारत-जर्मन मैत्री संघ के भी सदस्य रहे। भारतीय जननाट्य संघ के उपाध्यक्ष और बिहार प्रगतिशील लेखक संघ के भी पदाधिकारी रहे। जबकि बिहार विधान परिषद के 7 मई 2002 से अद्यावधि सदस्य और परिषद की निवेदन समिति के अध्यक्ष रहे।
कई पुस्तकों का लेखन और संपादन
केदारनाथ पांडेय की प्रकाशित कृतियों में हिन्दी नाटक पृथ्वी राज चौहान, कैकेयी, गुरु दक्षिणा, वीर शिवाजी, भोजपुरी नाटक ‘शुरुआत’ शामिल है। अन्य पुस्तकों में ‘मैल धुल जाने के गीत’, शिक्षा के सामाजिक सरोकार, शिक्षा को आंदोलन बनाना होगा, ‘यादों के पन्ने’, बीते दौर के भी गीत गाये जायेंगे, महाकाल की भस्म आरती और गांव से शहर जाती सड़क शामिल है। उन्होंने भोजपुरी पत्रिका ‘माटी के गमक’ का भी संपादान किया। इसके अलावा अनेक लेख और कहानियां विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई।
केदार पांडे का पटना के बांस घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. इससे पहले विधान परिषद में सीएम नीतीश कुमार ने केदारनाथ पांडे को श्रद्धांजलि दी सीएम ने इस मौके पर दिवंगत एमएलसी के बेटे से भी मुलाकात की.
1 जनवरी,1943, कोटवा नारायणपुर, जिला- बलिया (उ. प्र.) | ||
पिता | : | स्व. राज नारायण पाण्डेय |
माता | : | स्व. बबुनिया देवी |
वैवाहिक स्थिति | : | विवाहित (पत्नी – स्व. सुभावती देवी) |
सन्तान | : | चार पुत्रियां एवं तीन पुत्र |
शिक्षा | : | एम. ए. (हिन्दी-संस्कृत), बी.एड, साहित्य रत्न |
व्यवसाय | : | शिक्षण |
सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियां :
विशिष्ट उपलब्धि- (क) प्रकाशित कृतियां :
अन्य पुस्तकें (ख)सम्पादन-
(ग) स्थापित संस्थाएँ-
अन्य-
शिक्षण-
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वहीं पुष्प अर्पित कर पुष्पांजलि करने वालो में प्रोफेसर अमर नाथ सिंह,प्रो.नागेंद्र सिंह,प्रो प्रभुदेव नारायण,प्रो अरुण कुमार सिंह,प्रो नंद किशोर प्रसाद,प्रो शंभु नाथ प्रसाद,प्रो कौशल किशोर पांडेय,धनंजय कुमार सिंह,प्रह्लाद सिंह,अशोक भारती,राजकुमार,मकसूद आलम,शारदा देवी,दत्ता सिंह,अजित सिंह,मदन पांडेय,जितेंद्र साह सहित प्रीति कुमारी,पमी कुमारी,नाजिया खातून और पुष्पा कुमारी शामिल थे।
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