कभी समाप्त न होने वाली आस्था का महापर्व छठ।
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
छठ पूजा सृष्टि से साधना का पर्व है।
समृद्धि का त्योहार … छठ पूजा
छठ पूजा सांस्कृतिक,मानसिक, आध्यात्मिक, पवित्रता का त्यौहार है।
छठ मैया का संदेश: सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया और वसुधैव कुटुंबकम।
प्रकृति से समन्वय का उत्सव है छठ।
लोक की शक्ति का महापर्व है छठ।
छठ में एक अलग तरह का प्रयोग उमंग से भर देता है।
छठ पूजा अपने जड़ों से जुड़ने का अच्छा माध्यम है।
छठ पूजा आस्था के साथ-साथ कला की अभिव्यक्ति भी है।
छठ पूजा की रहती है पूरे वर्ष प्रतीक्षा।
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा धार्मिकता से कहीं बढ़कर भावना का पर्व है।
इस त्यौहार में धर्म,जाति, प्रांत, भाषा की दीवार टूट जाते है।
छठ पूजा के तत्त्वों में सहयोग, सरोकार, संयम, समन्वय, समर्पण, संवेदना, सद्भाव जैसे विचार उपस्थित होते हैं।
छठ मईया की कृपा से सारे स्थूल विचार, तनाव के क्षण,पसीज कर सूक्ष्म हो जाते हैं तथा सद्भावना और उपासना का यह सबसे बड़ा अनुष्ठान नित्य नूतन-चिर पुरातन भारतीय संस्कृतिक-विरासत की स्मरण कराता है।
छठ है समृद्धि का त्योहार
सात घोड़ों के रथ पर सवार,
भगवान सूर्य आएं आपके द्वार
किरणों से भरे आपका घर संसार,
गेहूं का ठेकुआ,
चावल के लड्डू,
खीर अनानास,
नींबू और कद्दू
छठी मैया करे हर मुराद पूरी,
जय हो छठी मैया की
एक ऐसा पूजा
जिसमें कोई पंडित पुजारी नहीं होता,
जिसमें देवता प्रत्यक्ष उपस्थित हैं,
जिसमें डूबते सूर्य की भी अर्चना की जाती है,
जिसमें व्रती जाति समुदाय से परे है,
जिसमें सिर्फ लोकगीत गाते हैं,
जिसमें पकवान घर में बनते हैं,
जिसमें घाट पर कोई उच्च-नीच नहीं है,
जिसमें प्रसाद सभी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं,
सामाजिक सौहार्द सद्भाव शांति समृद्धि और सादगी के महापर्व छठ की शुभकामनाएं
जय हो छठ मईया।
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