राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान शुरू
दवा खाने से वंचित बच्चों को 11 नवंबर को खिलाई जा सकेगी दवा:
लगभग 20 लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य: सिविल सर्जन
01 से 19 आयु आर्ग के सभी बच्चों को निःशुल्क खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल की गोली: शिवनाथ रजक
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति नियंत्रण की दवा सभी बच्चों को खिलाना जरूरी: डीपीएम
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
पूर्णिया पूर्व प्रखंड मुख्यालय स्थित परिसर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने संयुक्त रूप से स्कूली बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर शुभारंभ किया। जागरूकता अभियान को गति देने के उद्देश्य से प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, डीआईओ डॉ विनय मोहन, एमओआईसी डॉ शरद कुमार, पूर्णिया शहरी की सीडीपीओ रजनी गुप्ता एवं ग्रामीण की गुंजन मौली, बीईओ शहरी एवं ग्रामीण, बीएचएम विभव कुमार सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
लगभग 20 लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य: सिविल सर्जन
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि ज़िले में 19 लाख 68 हजार 399 बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। आंगनबाड़ी सेविका एवं शिक्षक किसी भी व्यक्ति या बच्चों को घर ले जाने के लिए नहीं बल्कि अपने सामने ही सभी बच्चों को दवा खिलाना सुनिश्चित करेंगे। एल्बेंडाजॉल की गोली बच्चों के लिए सुरक्षित दवा के रूप में जाना जाता है। ज़िले के सभी बच्चों को अपने नज़दीकी आंगनबाड़ी केन्द्रों और स्कूलों पर अवश्य लाएं और कृमि नियंत्रण की दवा निःशुल्क खिलवाएं। इसके बावजूद अगर कोई बच्चा दवा खाने से छूट जाता है तो आगामी 11 नवंबर को यह दवाई मॉप-अप दिवस के अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्रों एवं स्कूलों में पुनः खिलाई जाएगी।
01 से 19 आयु आर्ग के सभी बच्चों को निःशुल्क खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल की गोली: शिवनाथ रजक
जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवनाथ रजक ने बताया कि जिले के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, मदरसा, संस्कृत विद्यालय सहित सभी तकनीकी शिक्षण संस्थानों जैसे: पॉलिटेक्निक एवं आईटीआई सहित गैर तकनीकी संस्थानों एवं आँगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 01 से 19 आयु वर्ग के सभी बच्चों को अल्बेंडाजोल (400mg) की गोली खिलाई जाएगी। दवा खाने के बाद यदि किसी बच्चे को उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की आवश्यकता नहीं हैं। बच्चों के पेट में ज्यादा कीड़े होने पर दवा खाने के बाद सरदर्द, उल्टी, मिचली, थकान का होना, चक्कर आना या महसूस होना आम बात है। हालांकि कुछ ही देर के बाद सब कुछ सामान्य हो जाता है।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति नियंत्रण की दवा सभी बच्चों को खिलाना जरूरी: डीपीएम
जिला कार्यक्रम प्रबंधक ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि ज़िले के 01 से 19 आयुवर्ग के सभी बच्चों को कृमि संक्रमण चक्र की रोकथाम के लिए एल्बेंडाजोल की गोली निःशुल्क खिलाई जा रही है। कृमि नियंत्रण की दवा खाने से बच्चों के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है। सबसे अहम बात यह है कि दवा खाने के समय बच्चों के गले में दवा अटकने या फंसने की शिकायत आ सकती है। इससे बचने के लिए छोटे-छोटे बच्चों को हमेशा दवा को चबाकर पानी के साथ खाने की सलाह देने की आवश्यकता है। बग़ैर चबाकर खायी गयी एल्बेंडाजॉल दवा का प्रभाव महत्वपूर्ण रूप से कम हो सकता है। इसके साथ ही 01-03 आयुवर्ग के बच्चों को निर्धारित खुराक के अनुसार चूरा/बुरादा करने के बाद ही पानी में घोल कर चम्मच से देना चाहिए। ताकि बच्चा उसको आसानी से निगल जाए।
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