बरारी में फाइलेरिया सपोर्ट नेटवर्क के सदस्यों द्वारा फाइलेरिया जागरूकता रैली का किया गया आयोजन
फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में चलाया जाएगा सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम:
मच्छरों का प्रकोप अधिक होने के कारण होता हैं फाइलेरिया: सिविल सर्जन
फाइलेरिया दिवस को लेकर ज़िले के विभिन्न क्षेत्रों में किया गया कार्यक्रमों का आयोजन: डॉ जेपी सिंह
दीर्घकालिक विकलांगता के रूप में फाइलेरिया बीमारी:
श्रीनारद मीडिया, कटिहार, (बिहार):
फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के प्रति समुदाय को जागरूक करने और लोगों को इस बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस मनाया जा रहा है। जिसको लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरारी में फाइलेरिया सपोर्ट नेटवर्क के सदस्य आशा देवी के द्वारा फाइलेरिया जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बीएचएम मोहम्मद एखलाक, बीसीएम मरगूब आलम, वीबीडीएस सुबोध कुमार, सिफार की जिला समन्वयक पल्लवी कुमारी, केयर इंडिया के बीसी ओमकार ठाकुर, युनिसेफ के बीएमसी संतोष जायसवाल, सिफार के प्रखंड समन्वयक अमित कुमार, पीसीआई के बीसी वरुणेंद्र झा के अलावा दर्जनों आशा एवं स्थानीय ग्रामीणों द्वारा रैली में भाग लेकर लोगों को जागरूक किया गया।
मच्छरों का प्रकोप अधिक होने के कारण होता हैं फाइलेरिया: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ दीनानाथ झा ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए सोने के समय मच्छरदानी का प्रयोग करने एवं घर के आसपास साफ-सफाई रखने की आवश्यकता है। क्योंकि घरों के इर्द-गिर्द गंदगी रहने से मच्छरों का प्रकोप अधिक मात्रा में बढ़ता है। जिस कारण कई प्रकार की संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है। इससे बचाव के लिए सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त में दवा दी जा जाती है। फाइलेरिया मुक्ति अभियान में कार्यक्रम की सफलता के लिए आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी एवं प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया गया है जो डोर टू डोर भ्रमण कर दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दवा की खुराक खिलायेंगी ।
फाइलेरिया दिवस को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में किया गया कार्यक्रमों का आयोजन: डॉ जेपी सिंह
ज़िला वैक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश सिंह ने बताया कि फाइलेरिया से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। फाइलेरिया मुक्ति अभियान को घर-घर तक लेकर जाएं ताकि इस अभियान से एक भी व्यक्ति छूटे नहीं। अगले महीने सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस कार्यक्रम में फाइलेरिया से मुक्ति के लिए 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी लोगों को उम्र के अनुसार डीईसी और अल्बंडाज़ोल की निर्धारित खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर अपने सामने ही खिलाई जाएगी।
दीर्घकालिक विकलांगता के रूप में फाइलेरिया बीमारी: डॉ यूके सिन्हा
बरारी प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ यूके सिन्हा ने कहा कि फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। अगर इससे बचाव नहीं किया गया तो शारीरिक अंगों में असामान्य रूप से सूजन होने लगती है। हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) एवं काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ता है। जिससे उनकी आजीविका के साथ ही कार्य करने की क्षमता काफी हद तक प्रभावित हो जाती है। फाइलेरिया उन्मूलन के प्रति स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह प्रतिबद्ध है। फाइलेरिया या हाथीपांव रोग से बचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जा रहे हैं।
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