एटीएम ठगी गिरोह के सरगना को ग्रामीणों ने पकड़कर किया पुलिस के हवाले
ग्रामीणों से नौकरी देने-दिलाने के नाम पर पासबुक और एटीएम कार्ड लेता था ठग
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिला के बड़हरिया थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव के ग्रामीणों ने एटीएम ठगी गिरोह के सरगना को उस वक्त पकड़ किया,जब अन्य पासबुक व एटीएम कार्ड की उगाही के लिए फिर पहाड़पुर गांव में आया हुआ था। ग्रामीणों ने ठग गिरोह के सक्रिय सदस्य को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
बताया जाता है कि बड़हरिया थाना क्षेत्र के पहाड़पुर के दर्जनभर ग्रामीणों से नौकरी देने-दिलाने के नाम पर पासबुक और एटीएम कार्ड ले लिया और फिर इसका दुरुपयोग फर्जी मनी ट्रांजेक्शन करने के लिए करना लगा।ग्रामीणों को इसकी जानकारी तब हुई,जब बैंक ने ऐसे उपभोक्ताओं का खाता फ्रीज कर उन पर कार्रवाई की बात कही।
ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बड़हरिया थाना क्षेत्र के पहाड़पुर निवासी रमेश मिश्र के पुत्र सुजीत कुमार मिश्र ने शेखपुरा जिला के शेखपुरा सराय थाना क्षेत्र के मुहब्बतपुर गांव के दिलीप मिस्त्री का पुत्र नीतीश कुमार को ग्रामीणों के मदद पकड़ लिया। उन्होंने सोमवार की शाम को ठग गिरोह के सदस्य को पुलिस के हवाले कर दिया।
बताया जाता है कि एटीएम कार्ड हेराफेरी का सदस्य नीतीश कुमार वर्षों से पासबुक और एटीएम कार्ड ले जाने के लिए पहाड़पुर गांव आता -जाता था। वह पहाड़पुर के बेरोजगार युवकों से नौकरी लगाने के नाम पर उनका पासबुक और एटीएम कार्ड ले लेता था। इसी क्रम में वह रमेश मिश्र के पुत्र सुजीत कुमार मिश्र के संपर्क में आया और फिर देखते -देखते पहाड़पुर गांव के दर्जनभर लोग इस गिरोह के शिकार हो गये। पीड़ित सुजीत मिश्र ने बताया कि फ्लिपकार्ट कंपनी में नौकरी लगाने के लिए हमलोगों से पासबुक और एटीएम कार्ड लिया गया।
उन्होंने स्वीकार किया कि वह अपने गांव के दर्जनभर लोगों का पासबुक और एटीएम कार्ड शेखपुरा जिले के शेखपुरा सराय थाना क्षेत्र के मुहब्बतपुर गांव के दिलीप मिस्त्री के पुत्र नीतीश कुमार को नौकरी लगाने के नाम पर दिया है। बताया जाता है कि पहाड़पुर के लोगों को नौकरी तो नहीं मिली। लेकिन किसी नौकरी के नाम पर लिये गये एटीएम कार्ड से लाखों रुपये का फर्जी पैसा का ट्रांजेक्शन जरुर हो गया है।
वहीं पहाड़पुर निवासी उमा यादव के पुत्र रंजीत कुमार यादव ने बताया कि उनके गांव के दर्जनभर लड़कों का सुजीत कुमार मिश्र ने फेडरल बैंक सीवान में खाता खुलवाया। उसके बाद पासबुक और एटीएम कार्ड किसी को दे दिया। सभी लोगों से बताया गया कि आप सभी लोगों की फ्लिपकार्ट में नौकरी लगेगी। जिसको लेकर हमलोगों ने पासबुक और एटीएम कार्ड दे दिया। लेकिन अधिक ट्रांजेक्शन के कारण उनका खाता फ्रीज हो गया है।बैंक से लेटर भी आया है।अब बैंक अधिकारी बोल रहे हैं कि आपके खाते से लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है ।जिसके कारण आपका खाता फ्रीज हो गया है। आप कभी भी जेल जा सकते हैं। इसमें फेडरल बैंक के किसी कर्मी की संलिप्तता भी हो सकती है। क्योंकि जिन लोगों का खाता खुला है, उनका न फोटो लिया गया है ना हस्ताक्षर कराया गया है।
वहीं सुजीत कुमार मिश्र ने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहाथा कि ग्रामीणों पर कोई कार्रवाई होती है, उसकी सारी जिम्मेदारी होगी। इसकी चपेट में आये लड़कों ने स्टांप पेपर पर सुजीत कुमार मिश्र से लिखवाया भी है कि इसकी सारी जिम्मेदारी सुजीत कुमार को है। उन्होंने पासबुक और एटीएम कार्ड देने वाले ग्रामीणों को कुछ नहीं होगा।वहीं शेखपुरा के नीतीश कुमार ने बताया कि वह जिसे एटीएम और पासबुक देता था। उसके बदले गिरोह का मुख्य सरगना 10 हजार रुपये देता था, जिसमें पांच हजार उसका होता था।
जब ठग गिरोह के सदस्य नीतीश कुमार से जब पूछा गया कि वह कौन आदमी है,जिसे 10 हजार रुपये देता था। इस पर नीतीश ने बताया कि वह उसके गांव के बगल के गांव पांची रहने वाला है। जिसका नाम नीशू कुमार है। उसका पिता का नाम वह नहीं जानता है।उन्होंने बताया कि वह बिहारशरीफ के अलामा इकबाल कॉलेज में बीए पार्ट वन का छात्र है। उसकी जान पहचान नीशू से कॉलेज में ही हुई थी। उससे पूछा गया कि सुजीत मिश्र से कैसे संपर्क हुआ तो नीतीश ने बताया कि उसे पहाड़पुर के एक युवक ने सुजीत से मिलवाया था। फिलवक्त पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
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