सोनपुर मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम,रामलीला देख भावविभोर हुए लोग
मेला में रविवार को पहुंचे डेढ़ लाख से अधिक लोग
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सोनपुर का विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला धार्मिक और ऐतिहासिक होने के साथ ग्रामीण परिवेश को भी अपने में समेटे है. मेले में खरीदारी के लिए वही पुराने मिजाज के अनुसार भी साजो सामान उपलब्ध है. मेले में लोगों की भारी भीड़ पहुंच रही है. आलम यह है कि किसी भी स्टॉल या प्रदर्शनी के पंडाल में पैर रखने तक की जगह नहीं रहती है. सभी सड़कें खचाखच भरी हुई थी. लोगों की पसंदीदा रामायण मंचन के साथ-साथ पर्यटन विभाग के मंच से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
राम और हनुमान के संवाद की प्रस्तुति देख भावविभोर हुए लोग
मेले में विश्व प्रसिद्ध हरिहर नाथ मंदिर के समीप चल रहे रामायण मंचन के दौरान दिखाया गया कि विभीषण अपने भाई रावण को समझाते हैं कि वह श्रीराम से संधि कर उनकी शरण में जाये और सीता जी को लौटा दें. इस पर रावण क्रोधित होकर उन्हें ठोकर मारकर दरबार से बाहर कर देता है. इसके बाद विभीषण श्रीराम के पास जाकर शरण ले लेते हैं. प्रभु श्रीराम से विभीषण की मित्रता होती है. उसके बाद प्रभु श्री राम रावण के पास अपना दूत भेजने का विचार किया.
सभा में सभी ने प्रस्ताव किया कि हनुमान जी को ही दूत बनाकर भेजना चाहिए. लेकिन प्रभु श्री राम ने यह कहा कि अगर रावण के पास फिर से हनुमान को भेजा गया तो यह संदेश जायेगा कि राम की सेना में अकेले हनुमान ही महावीर हैं. इसलिए महा बलशाली बालि के पुत्र कुमार अंगद को दूत बनाकर भेजा जाये. अंगद पराक्रमी और बुद्धिमान भी हैं. अंगद ने रावण के पास जाकर राम की वीरता और शक्ति का बखान करने के साथ ही रावण को चुनौती भी दे डाली कि अगर लंका मे कोई वीर हो तो मेरे पांव को जमीन से उठा कर दिखाये.
रावण के बड़े-बड़े योद्घा और वीर अंगद के पांव को जमीन से उठाने में असफल रहे. अंत में रावण जब खुद अंगद के पांव उठाने आया तो अंगद ने कहा कि मेरे पांव क्यों पकड़ते हो, पकड़ना है तो मेरे स्वामी श्री राम का चरण पकड़ लो वह बहुत ही दयालु और शरणागत वत्सल हैं. उनकी शरण में जाओ तो प्राण बच जायेंगे.
विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में पीएचइडी की ओर से लगायी गयी प्रदर्शनी में लोगों को आर्सेनिक से बचने के उपाय और आर्सेनिक क्या है. आर्सेनिक की जांच किस प्रकार होगी. इसकी जानकारी मेले में आये लोगों को दी जा रही है. प्रदर्शनी में लगाये गये स्टॉल में जल जांच की भी सुविधा विभाग की ओर से उपलब्ध करायी गयी है.
वही पुराने मिजाज के अनुसार मेले में खरीदारी के लिए साजो सामान उपलब्ध है. रविवार को मेले में डेढ़ लाख से भी अधिक लोग पहुंचे. किसी भी स्टॉल या प्रदर्शनी के पंडाल में पैर रखने तक की जगह नहीं मिल रही थी. सभी सड़कें खचाखच भरी हुई थी.
मिल रही जल जांच की सुविधा
पीएचइडी द्वारा लगाए गए स्टॉल में कोई भी व्यक्ति अपने घर से जल लेकर प्रदर्शनी में उसकी जांच के लिए ला सकता है. जल जांच के बाद उसकी रिपोर्ट दो घंटे के अंदर उपलब्ध करा दी जायेगी. यह प्रदर्शनी मेले में आये हुए लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. साथ ही सरकार की ओर से चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही हैं.
इस प्रदर्शनी में विभाग की ओर से मेले में कराये गये कार्यों को भी प्रदर्शित किया गया है. विभाग की ओर से बताया जा रहा है कि लगातार लंबे समय तक आर्सेनिक वाला पानी पीने से पैदा होने वाली बीमारियां शरीर के लगभग सभी अंगों पर खतरनाक रूप से नुकसान पहुंचा सकती है.जिसमें से त्वचा रोग प्रमुख है. इसके असर से शरीर पर सफेद या काले धब्बे होते हैं.
मेले में आने वाले लोगों को विधिक अधिकारों से कराया जा रहा परिचित
हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला महज धार्मिक आयोजन ही नहीं अपितु ढेरों सामाजिक सरोकारों का भी संगम हैं. हरिहर क्षेत्र की नगरी में वेद और पुराणों का ज्ञान ही नहीं मिलेगा. बल्कि कानून का पाठ भी पढ़ाया जायेगा. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इस बार ऐसी ही पहल को अंजाम दिया है. मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को उनके विधिक अधिकारों से परिचित कराया जा रहा है. प्राधिकरण की ओर से इसके लिए प्रदर्शनी लगायी गयी है. प्राधिकरण का मुख्य लक्ष्य मेले में आने वाले ऐसे लोग जिनको अपने सामान्य वैधानिक अधिकारों की भी जानकारी नहीं है, उन्हें जागरूक करना ही मकसद है.
विधिक सहायता प्रदान करने के लिए एक पैनल का गठन
जागरूकता कार्यक्रम के तहत गोष्ठियों और शिविरों के आयोजन के साथ ही सरल भाषा में लिखी गई कानून की पुस्तकों का भी निशुल्क वितरण पंपलेट लोगों को निशुल्क दिया जा रहा है. विधिक सहायता प्रदान करने के लिए एक पैनल का गठन किया है, जो हर लोगों की सहायता के लिए उपलब्ध रहता है. इसमें अधिवक्ता और न्यायिक अधिकारी लोगों की सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगे. स्वयं सेवकों के माध्यम से भी पूरे मेला क्षेत्र में जागरूकता कार्यक्रम चल रहा है. लोगों को पारिवारिक वादों, श्रम कानूनों, दहेज, घरेलू हिंसा और दूसरे तमाम कानूनी अधिकारों की जानकारी दी जा रही है.
मेले में है यह खास
मेले में उपलब्ध आसमानी झूले का बच्चों के साथ-साथ ही नवयुवक भी खूब आनंद उठा रहे हैं. दूसरी ओर रस्सी के सहारे छोटी बच्ची का करतब का खेल भी खूब भा रहा है. हैरतअंगेज खेल देख लोग दांतों तले उंगली दबाने को विवश हैं. इस बार मौत का कुआं अपना जादू नहीं दिखा पा रहा है, जिससे थोड़ी मायूसी छाई हुई है. मेले में खिलौनों की कई दुकानें सजी हैं. जहां तरह-तरह के छोटे-बड़े खिलौने उपलब्ध हैं. खरीदारी के लिए बच्चों के बीच आपाधापी मची है. बच्चों की जिद और उनकी मासूमियत अभिभावकों को उन दुकानों तक पहुंचा रही है.