एमडीए कार्यक्रम की सफ़लता के लिए प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) का किया गया एक दिवसीय आयोजन

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आगामी 12 दिसंबर से फाइलेरिया से बचाव की खिलाई जाएगी दवा:
पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से जुड़े सदस्यों द्वारा ग्रामीण स्तर पर किया जा रहा है लोगों को जागरूक: डॉ जेपी सिंह
एमडीए अभियान में एनबीएस का महत्वपूर्ण योगदान: एसीएमओ

श्रीनारद मीडिया, कटिहार, (बिहार):

फाइलेरिया (हाथी पांव) जैसी बीमारी से निज़ात पाने के लिए राज्य में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) की शुरुआत अगले महीने 12 दिसंबर से होने वाली है। उक्त बातें ज़िला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जयप्रकाश सिंह ने सदर अस्पताल के सभागार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) के दौरान कही। डीएमओ डॉ जेपी सिंह ने कहा कि फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने में एमडीए अभियान की भूमिका अहम है। एमडीए अभियान के दौरान राज्य के सभी 23 चिन्हित जिलों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर लोगों को फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी। इन 23 जिलों में कटिहार जिला को भी शामिल किया गया है। जिसमें दो तरह की दवाएं खिलाई जानी है। प्रखंड स्तर पर 26 नवंबर से सभी कर्मियों को एमडीए दवा खिलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस अवसर पर ज़िला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जयप्रकाश सिंह, एसीएमओ डॉ कनक रंजन, वीबीडीसीओ एनके मिश्रा, वीबीडीसी जेपी महतो, केयर इंडिया के डीपीओ चंदन कुमार सिंह, पीसीआई के क्षेत्रीय समन्वयक अंजनी पाण्डेय के अलावा ज़िले के सभी प्रखंडों के एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम, वीबीडीसी एवं केयर इंडिया के केबीसी सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

 

पेशेंट नेटवर्क समूह से जुड़े सदस्यों द्वारा ग्रामीण स्तर पर किया जा रहा है लोगों को जागरूक: डॉ जेपी सिंह
ज़िला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जयप्रकाश सिंह ने प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) के दौरान बताया कि एमडीए अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने को लेकर रणनीति बनायी गयी है। आगामी 12 दिसंबर से चलने वाले एमडीए कार्यक्रम की सफलता के लिए केयर इंडिया, पीसीआई के बीसी द्वारा कार्य किया जा रहा है। वहीं सिफार डीसी एवं बीसी द्वारा तथा ग्रामीण स्तर पर पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों द्वारा विभिन्न स्कूलों में और डोर टू डोर भ्रमण कर जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा सूक्ष्म कार्य योजना, मरीजों की लाइन लिस्टिंग, दवा सेवन के उपरांत संभावित दुष्परिणामों को लेकर अलग से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

 

एमडीए अभियान में एनबीएस का महत्वपूर्ण योगदान: एसीएमओ
एसीएमओ डॉ कनक रंजन ने कहा कि देश में इस समय 60 करोड़ से अधिक फ़ाइलेरिया मरीज चिन्हित हैं जो चिंता का सबब बना हुआ है। बिहार के अधिकांश जिले फ़ाइलेरिया जैसी बीमारी से ग्रसित हैं। ऐसे में एमडीए अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए नाइट ब्लड सर्वे एक महत्वपूर्ण सूचकांक है। राज्य के कई जिलों सहित कटिहार में भी पहली बार प्रखंड स्तर पर रात्रि के 8 से 12 बजे तक रक्त संग्रह (एनबीएस) किया गया है। जिससे क्षेत्र में माइक्रो-फ़ाइलेरिया की दर का पता चलता है। जहां माइक्रो फ़ाइलेरिया की दर 1 प्रतिशत से अधिक होगी, वहां के सभी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में अभियान को संचालित किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि माइक्रो फ़ाइलेरिया की दर 1% से कम है, उन जिलों में चयनित जगहों पर ही दवा खिलाई जाएगी।

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