राजेंद्र बाबू की सादगी संसाधन प्रबंधन का एक शानदार संदेश थी: ललितेश्वर कुमार

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श्रीनारद मीडिया, जीरादेई , सीवान (बिहार):

संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष और देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद सादगी के मिसाल थे। देशरत्न सादगी के माध्यम से संसाधन प्रबंधन के महत्व को समझाना चाहते थे। राजेंद्र बाबू के दौर में संसाधन सीमित मात्रा में उपलब्ध थे इसलिए संसाधन प्रबंधन की नितांत आवश्यकता थी। राजेंद्र बाबू सदैव फिजूलखर्ची के भी मुखर विरोधी रहे।

राजेंद्र बाबू ये मानते थे कि फिजूलखर्ची से व्यय बढ़ता है। इस बढ़े खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए व्यक्ति फिर अनैतिक साधनों का उपयोग करता है जिससे समाज में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता हैं। ये बातें शनिवार को राष्ट्र सृजन अभियान के राष्ट्रीय महासचिव श्री ललितेश्वर कुमार ने देशरत्न राजेंद्र बाबू के जयंती और सीवान जिले की स्थापना के स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में तितरा स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में कही।

राष्ट्र सृजन अभियान के पदाधिकारी गण ने राजेंद्र बाबू की जन्म स्थली जीरादेई जाकर उनकी प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया। साथ ही जीरादेई के राजेन्द्र उद्यान तथा जीरादेई रेलवे स्टेशन पर अवस्थित उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण किया । इस आवास पर राष्ट्र सृजन अभियान के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रमंडलीय संयोजक श्री कृष्ण कुमार सिंह, जिला महामंत्री प्रशांत कुमार, जीरादेई प्रखण्ड व्यवसायी मंच के अध्यक्ष मनोज कुमार, महामंत्री जयप्रकाश पटवा, जिला आई टी सेल संयोजक ई अंकित मिश्रा, राजन तिवारी, कैलाश राय, प्रमोद राय, शानू राय, सखिचन्द साह, डॉ प्रेम शर्मा आदि उपस्थित थे।

इस अवसर पर शिक्षाविद् गणेश दत्त पाठक ने कहा कि देशरत्न का व्यक्तित्व महान था और कृतित्व भी उतना ही विशाल था। देशरत्न के विचार जिंदगी के लिए बेहद सार्थक संदेश देते हैं। देशरत्न के संदेशों को समझे जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजेंद्र बाबू राजपथ के पथिक थे लेकिन कर्तव्य पथ पर भी बेहद संजीदगी दिखाते थे।

प्रधानाचार्य श्री कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि राजेंद्र बाबू में जितनी विद्वता थी उतनी ही विनम्रता थी। इस तथ्य को समझना आधुनिक पीढ़ी के लिए जरुरी है।

राष्ट्र सृजन अभियान के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के महामंत्री श्री प्रशांत कुमार ने कहा कि राजेंद्र बाबू का व्यक्तित्व और कृतित्व आज के दौर में युवा पीढ़ी का सबसे बेहतर मार्गदर्शन कर सकती है।

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