सूबे के पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बनमनखी अस्पताल में लगा अत्याधुनिक उपकरण
चिकित्सकों एवं स्टाफ़ नर्सों को आधुनिक तकनीकी जानकारी के लिए किया गया प्रशिक्षित: एमओआईसी
गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान जोख़िम से बचाव में कारगर साबित होगा उपकरण: डॉ एसएस रेड्डी
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
सूने के पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अनुमंडलीय अस्पताल में अत्याधुनिक तकनीक को लेकर उपकरण लगाया गया है। यूनिसेफ़ के सहयोग से जनिट्री इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित उपकरण को क्लिनों हेल्थ की सहायता से ज़िले के अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी स्थित प्रसव केंद्र में 10 उपकरण को लगाया गया है। इसके माध्यम से गर्भ में पल रहे शिशुओं की हृदय गति को उपकरण एवं नई तकनीक के माध्यम से पता लगाया जा सकता है। इस अवसर पर जिला सलाहकार गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार शर्मा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रिंस कुमार सुमन, यूनिसेफ़ के नंदन कुमार झा एवं तनुज कौशिक, क्लिनों हेल्थ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीप्ति सुंदर मोहंती, बिहार के समन्वयक जयंत कुमार दास, जनिट्री इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड की प्रशिक्षिका प्रियंका सिंह एवं आदर्श राज मोहन सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
चिकित्सकों एवं स्टाफ़ नर्सों को आधुनिक तकनीकी जानकारी के लिए किया गया प्रशिक्षित: एमओआईसी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रिंस कुमार सुमन ने बताया कि स्थानीय अस्पताल में कार्यरत महिला रोग विशेषज्ञ डॉ सुष्मिता प्रसाद एवं संध्या श्री सहित 12 चिकित्सकों, प्रसव केंद्र की प्रभारी नेहा कुमारी एवं ओटी प्रभारी अनामिका सहित 15 स्टाफ़ नर्स तथा एम्बुलेंस के दो इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन (ईएमटी) को क्लिनों हेल्थ की ओर से प्रशिक्षित किया गया है।
गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान जोख़िम से बचाव में कारगर साबित होगा उपकरण: डॉ एसएस रेड्डी
यूनिसेफ़ के राज्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ शंकर रेड्डी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष पूरी दुनिया में लगभग 20 लाख नवजात मृत्यु एवं ढाई लाख मातृत्व मृत्यु होती है। विश्व स्तर पर लगभग 12 लाख बच्चों की मौत गर्भ में ही हो जाती है। 90 हज़ार बच्चों की मौत प्रसव के दौरान होती है। इसे देखते हुए यूनिसेफ़ द्वारा 15 लाख की लागत से ज़िले के अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी में अत्याधुनिक तकनीक का उपकरण लगाया गया है। यह एक लेबर मॉनिटरिंग एप्लिकेशन है जिसका उपयोग एक मरीज और नवजात शिशु के इंट्रापार्टम और पोस्टपार्टम मॉनिटरिंग के लिए किया जाता है। इस एप्लिकेशन को किसी भी मोबाइल या टैबलेट हॉटस्पॉट की मदद से कीर डिवाइस से मरीज़ों के एफएचआर, एमएचआर और यूसी डेटा प्राप्त किया जा सकता है।
उपकरण के माध्यम से शिशु मृत्यु एवं मातृ मृत्यु में आएगी कमी: सीईओ
क्लिनों हेल्थ के मुख्य अधिकारी दीप्ति सुंदर मोहंती ने बताया कि इस उपकरण के द्वारा गर्भवती महिलाओं को प्रसव केंद्र या दूर से ही किसी भी महिला चिकित्सक या स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों द्वारा निगरानी कर उस स्थिति का पता लगाया जा सकता है। ताकि गर्भ में पल रहे शिशुओं के ऊपर किसी तरह की कोई जोखिम नहीं आए। इस उपकरण के माध्यम से बहुत ही कम चिकित्सकों या नर्सों की आवश्यकता पड़ेगी। सबसे अहम बात यह है कि गर्भावस्था के दौरान शिशुओं की हृदय गति मापने में सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है।
उपकरण के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के गर्भ के बाहरी दबाव की होती है निगरानी: प्रियंका
जनिट्री इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से आई प्रशिक्षिका प्रियंका सिंह ने बताया कि प्रसव के दौरान प्रसव केंद्र के चिकित्सकों द्वारा उपकरण के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के गर्भ के बाहरी दबाव की निगरानी मातृ पेट से यूसी दबाव प्राप्त करने में सहायक साबित होगा। जब एक संकुचन होता है, पेट की दीवार के तनाव का दबाव सेंसर पर लगाया जाता है, जो दबाव को विद्युत संकेतों में परिवर्तित कर देगा। परिणामी दबाव संकेतों को उपकरण के माध्यम से बढ़ाया और संशोधित किया जाता है।
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