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पुत्र, भाई, राजा, सखा,पति और शिष्य कौन सा ऐसा स्वरूप है जिसमें भगवान पूर्णता का अहसास नहीं कराते हैं.

पुत्र, भाई, राजा, सखा,पति और शिष्य कौन सा ऐसा स्वरूप है जिसमें भगवान पूर्णता का अहसास नहीं कराते हैं.

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श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):

अमनौर के परिसीमन क्षेत्र तरैया के भटगाई दक्षिण गांव में सात दिवसीय संगीतमय श्री राम कथा हनुमान जयंती महा यज्ञ आयोजित है।सप्तदिवसीय श्री राम कथा के षष्ठ दिवस वाराणसी से आए प्रसिद्ध कथा वाचक पूज्य श्री मधुकर जी महाराज भगवान राम के वनवास की कथा सुनाई ।केवट प्रसंग में उन्होंने कहा भगवान श्रीराम को अपने भक्तों के आगे स्वयं विष्णु भगवान राम भी विवश हो जाते हैं. हों भी क्यों न जब भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से अपना सर्वत्र प्रभु के चरणों में अर्पित कर दें तो ऐसे भक्त की बात को भला कौन टाल सकता है. रामायण का एक ऐसा ही एक प्रसंग है. जो जीवन को बहुत प्रेरणा देता है.

वह कौन था जिसने भगवान श्रीराम को एक पैर पर खड़ा रहने के लिए मजबूर कर दिया, बाद में देवों ने की पुष्प वर्षा भगवान राम की विनम्रता और सहजता का जितनी व्याख्या की जाए कम है. वे हर एक रूप में पूर्ण दिखाई देते हैं. पुत्र, भाई, राजा, सखा,पति और शिष्य कौन सा ऐसा स्वरूप है जिसमें भगवान पूर्णता का अहसास नहीं कराते हैं. भगवान राम सभी रूपों में अनुकरणीय नजर आते हैं।भगवान राम जिनका अगले दिन राज्याभिषेक होना है और माता कैकयी उन्हें वनगमन का आदेश देती हैं. वे इसका किंचित मात्र भी दुख व्यक्त नहीं करते हैं और माता के आदेश का खुशी खुशी पालन करते हुए वनगमन के लिए प्रस्थान कर जाते हैं. यहां पर भगवान राम एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, जो व्यक्ति की महानता को प्रदर्शित करता है.।

 

भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनगमन के लिए जब प्रस्थान करते हैं तो उनकी भेंट केवट से होती है. केवट का संबंध भोईवंश से था और मल्लाह का काम किया करता था.उन्होंने कहा कि रामायण में केवट का वर्णन प्रमुखता से किया गया है. केवट ने प्रभु श्रीराम को वनवास के दौरान माता सीता और लक्ष्मण के साथ अपने नाव में बिठा कर गंगा पार करवाया था. रामायण के अयोध्याकाण्ड में इस प्रसंग का बहुत खूबसूरती से ब्यख्या करते हुए कहा कि गंगा को पार करने के लिए प्रभ श्रीराम केवट को पुकारते हुए कहते हैं कि निषाद राज तनिक नाव को किनारे लाएं, पार जाना है.

इस बात को रामायण की इस चौपाई के माध्यम से समझाया गया है।मागी नाव न केवटु आना। कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना॥चरन कमल रज कहुं सबु कहई। मानुष करनि मूरि कछु अहई॥केवट ने प्रभु श्रीराम के सामने शर्त रखी ।प्रभु श्रीराम पार जाने के लिए केवट से नाव लाने के लिए कहते हैं लेकिन वह लाता नहीं और एक शर्त प्रभु राम के सामने रखते हुए कहता है कि मैंने आपका मर्म समझ लिया है. प्रभु आपके चरण कमलों की धूल के लिए सब लोग आतुर रहते हैं. कहते है कि आपके पैरों की धूल किसी जड़ी बूटी से कम नहीं है. इसलिए नाव पर बैठने से पहले आपको पहले पांव धुलवाने होंगे तभी वह नाव पर चढ़ने देगा.लक्ष्मण को क्रोध आया।भगवान राम केवट की मंशा को तुंरत समझ लेते हैं और वे तैयार हो जाते हैं उसके लिए जो केवट चाहता है. केवट के इस बर्ताव से लक्ष्मण को क्रोध आ जाता है और वे अपना धनुष उठा लेते हैं.


केवट की बात सुन लक्ष्मण शांत हुए
तब केवट कहता है कि मार दें प्रभु. इससे बड़ा सौभाग्य मेरे लिया क्या होगा सामने भगवान राम, माता सीता और गंगा का तट इससे अच्छी मृत्यु मेरे लिए हो ही नहीं सकती है. मेरा तो उद्धार हो जागा. लेकिन प्रभु आपको अंतिम क्रिया तक रहना पड़ेगा. केवट की बात को सुनकर लक्ष्मण का क्रोध शांत हो जाता है.
,,,श्रीराम को माननी पड़ी केवट की बात,,
केवट की इस बात को सुनकर प्रभु राम मुस्कराते हैं और कहते हैं केवट आओ मेरे पैर धोलो. इतना सुनकर केवट की प्रसन्नता का कोई ठिकाना नहीं रहता है और दौड़कर घर से पैर धोने के लिए कटोरा ले आता है.
,,एक पैर पर होना पड़ा खड़ा,,

केवट प्रभु श्रीराम का एक पैर धोता है दूसरा मिट्टी में लिपट जाता है. इस स्थिति से केवट बहुत दुखी होता है. केवट का ये दुख देख प्रभु श्रीराम एक पैर पर खड़े हो जाते हैं. एक पैर पर खड़े होने से प्रभु राम की परेशानी देख केवट कहता है कि मेरे प्रभु आप कब तक एक पैर पर खड़े रहेगें. जब तक मैं पैर धोता हूं आप मेरे सिर का सहारा ले लें. इसके बाद प्रभु राम ने केवट के सिर पर हाथ रख दिया. इसके बाद आसमान से देवों ने पुष्प वर्षा की. चरण धोने के बाद केवट ने चरणामृत परिजनों और बन्धुजनों को पिलाया और भगवान को पार ले गया. इसक बाद बारी श्रम का मूल्य यानी उतराई देने का समय आया इस पर केवट ने प्रभु राम से उतराई लेने से इनकार कर दिया और कहा कि प्रभु मुझे भवसागर पार करा दें.।इस दौरान बीडीओ कृष्ण कुमार सिंह,सीओ अंकु गुप्ता, सरपँच संघ के महासचिव सुनील कुमार तिवारी,संजीव चौबे,मुखिया अमित कुमार सिंह,ओम प्रकाश राय, समेत सैकड़ो ग्रामीण उपस्थित थे।

 

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