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आपको झकझोर कर रख देगी जहरीली शराब से मौत की कहानी,कैसे?

आपको झकझोर कर रख देगी जहरीली शराब से मौत की कहानी,कैसे?

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मरने वालों की संख्या छिपा रही नीतीश सरकार-सुशील मोदी

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के सारण जिला में जहरीली शराब का कहर अब तक नहीं थमा है। पिचले हफ्ते से अबतक 74 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच मढ़ौरा से एक ऐसे परिवार की कहानी सामने आई है, जहां शराब की तस्करी में संलिप्त एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई है। जिले के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के लालापुर में रहने वाले मृतकों में दो चाचा व एक भतीजा शामिल हैं। बताया जा रहा है कि पहले भतीजा की मौत हुई। उसके गम में दोनों चाचा ने भी शराब पी ली, जिससे उनकी भी मौत हो गई। मृतकों में विक्की महतो, उनके चाचा रमेश महतो व राजेन्द्र महतो शामिल हैं। वहीं, एक सदस्य को पुलिस शराब तस्करी के मामले में खोज रही है।

भतीजे के अवैध कारोबार में चाचा देते थे साथ

जानकारी के अनुसार, इस परिवार के लोग शराब की खरीद-बिक्री का अवैध काम कर रहे थे। ग्रामीणों में चर्चा है कि उक्त परिवार का बुधन महतो शराब का कारोबारी है। उस पर स्थानीय थाना में कई केस दर्ज है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पूर्व में छापामारी किया, लेकिन वह हाथ नहीं चढ़ा।

स्वजनों पर जब पुलिस दबाव बनाने लगी तो बुधन महतो घर से सिलीगुड़ी फरार हो गया। उसके जाने के बाद हुस्सेपुर गनौर निवासी उमेश राय और विक्की महतो पार्टनर बन गए और मिलकर शराब की बिक्री करने लगे थे। वहीं, विक्की के चाचा रमेश महतो व राजेन्द्र महतो उर्फ रंगीला महतो दोनों को सहयोग करते थे। ग्रामीणों का कहना है कि उस घर ही महिलाएं भी शराब बिक्री में पुरुषों की मदद करती हैं।

टेस्ट करने के बाद शराब की खेप घर लाया था विक्की

बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले विक्की महतो अपने पार्टनर उमेश राय के साथ शराब की खेप लाने के लिए मशरक गया था। वहां पर उन्होंने देसी शराब को टेस्ट करने के लिए शराब पी लिया था। फिर शराब साथ लेकर आ गये। घर आने के बाद दोनों की मौत हो गयी। विक्की की मौत के बाद उसके चाचा रमेश महतो व राजेन्द्र महतो ने उसके शव को घर के पास स्थित श्मशान में जला दिया।

भतीजे की मौत के गम में दोनों चाचा ने पी ली जहरीली शराब

फिर भतीजे की मौत के गम में दोनों ने और लोगों के साथ मिलकर शराब का सेवन किया। उसके बाद दोनों की मौत हो गई। दोनों के साथ जितने लोगों ने भी शराब का सेवन किया था, सबकी हालत बिगड़ने लगी और उन्हें अस्पताल भेजा गया। सोमवार को सभी के स्वास्थ्य में सुधार की जानकारी प्राप्त हुई।

मरने वालों की संख्या छिपा रही नीतीश सरकार-सुशील मोदी

बिहार के छपरा में जहरीली शराब की वजह से मरने वालों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है। नीतीश कुमार की सरकार मृतकों की संख्या छिपा रही है। रविवार को भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुशील मोदी ने यह आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि कल (शनिवार को) मैं छपरा में जहरीली शराब त्रासदी में जान गंवाने वालों के परिवारों से मिला। मरने वालों की संख्या 100 को पार कर गई है लेकिन सरकार संख्या छिपा रही है। पुलिस के डर से लोग बिना पोस्टमॉर्टम किए अपने परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।

दोहरी नीति नहीं अपनाएं नीतीश, सारण के जहरीली शराब पीड़ितों को मुआवजा दें

सारण जिले के जहरीली शराब कांड के पीड़ित परिवारों से मिलकर लौटे राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने राज्य सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का भी आरोप लगाया। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में रविवार को प्रेसवार्ता कर उन्होंने दावा किया कि सारण जिले में मरने वालों की संख्या 100 पार कर चुकी है। पूरे इलाके में पुलिस ने आतंक, भय का माहौल पैदा कर दिया है।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने बड़ी संख्या में लाशों को बिना पोस्टमार्टम के जलवा दिया। ऐसे हालात में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तत्काल गोपालगंज जिले के खजुरबन्नी जहरीली शराबकांड की तर्ज पर उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 42 में किए गए प्रावधान के तहत चार-चार लाख मुआवजे की घोषणा करें। मरने वाले अधिकांश अत्यंत गरीब दलित और अति पिछड़े वर्ग के लोग हैं।

मोदी ने सवाल किया कि गोपालगंज शराब कांड में 16 परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया गया था तो फिर सारण के मृतक परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि सरकार जहरीली शराब से मरने वालों के आंकड़ों को छिपा रही है। पिछले छह वर्षों में बिहार में 1000 से ज्यादा मौत हो चुकी हैं। लेकिन राज्य सरकार कह रही है कि केवल 23 मौतें हुई हैं।

 

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