ज्ञान की बातों से गुरुजी को श्रद्धा के सुमन किये गए अर्पित!
कर्मयोगी स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला जी के प्रथम पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में पंजवार में बह रही श्रद्धा की बयार
जैसा मैंने देखा….
✍️ गणेश दत्त पाठक
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क:
सिवान जिले के रघुनाथपुर प्रखंड का पंजवार गांव इन दिनों अपने प्रेरणापुरुष कर्मयोगी स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला जी के प्रथम पुण्यतिथि पर उनके पावन स्मृति को सादर नमन कर रहा है। गुरुजी के सिद्धांतो के अनुरूप पंजवार की नवचेतना समिति ने प्रथम पुण्यतिथि पर त्रि दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। जिसमें प्रथम दिवस स्थानीय महिला खिलाडियों ने विभिन्न स्पर्धाओं में भाग लेकर अपने हौसले को जाहिर किया। वहीं दूसरे दिन quiz स्पर्धा का आयोजन रखा गया। गुरुजी के पुण्यतिथि यानी 23 को उनकी प्रतिमा का अनावरण होना है। जिसमें मेधा पाटे कर आदि हस्तियां भी पहुँच रही हैं। इस पोस्ट में मैं गुरूवार को आयोजित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के आयोजन सम्बन्धी बातों को बता रहा हूँ।
सुबह तक़रीबन 11 बजे मैं कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा। कार्यक्रम स्थल पर भारी संख्या में उपस्थित छात्र पंजवार क्षेत्र में शिक्षा के अलख की रोशनी को साबित कर रहे थे। छात्रों में दिख रहा उत्साह गुरु जी के प्रयासों को श्रद्धांजलि देता दिख रहा था।
गुरु जी के प्रिय शिष्य संजय सिंह जी ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया और जूनियर वर्ग के quiz स्पर्धा के शुरुआत की घोषणा की। quiz स्पर्धा के लिए चुने गए छात्र मंच पर आसीन हुए। फिर शुरु हुआ सामान्य ज्ञान के प्रश्नों को पूछने का सिलसिला। मंच पर आसीन प्रतिभागियों से ज्यादा उत्साह दिखा रहे थे पांडाल में बैठे छात्र। जूनियर वर्ग के छात्रों के बाद सीनियर वर्ग के छात्रों ने अपने सामान्य ज्ञान के जौहर को दिखाया। सामान्य रूप से गांव में रहने वाले प्रतिभाओं का सामान्य ज्ञान के बारे में स्तरीय जानकारी को देख कर सुखद आश्चर्य हुआ।
संजय सिंह जी द्वारा मुझे मंच पर स्थानीय छात्रों को मार्गदर्शन के लिए बुलाया गया। मंच पर जाते ही मैं थोड़ा भावुक हो गया। क्योंकि गुरुजी ने मुझसे पहली और आखिरी मुलाकात में पंजवार आने की बात एक कार्यक्रम में कहीं थी। पंजवार में छात्रों के साथ संवाद एक अनमोल पल बन गया मेरे लिए। मैंने छात्रों से सामान्य ज्ञान के लिए बुनियाद को मजबूत करने की सलाह दी। शिक्षा के मायने को समस्या के समाधान के तौर पर समझाया। स्किल महत्व पर प्रकाश डाला। इंटरनेट के सदुपयोग, सड़क पर सुरक्षित सफर के बारे में समझाइश दी। परीक्षाओं में सफलता के गुर समझाया।
बाद में कुछ अन्य अतिथियों ने गुरु जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। फिर धन्यवाद् ज्ञापन के साथ सत्र स्थगित हो गया। शाम में गीत संगीत की स्पर्धा ने अपनी रंगत बिखेर कर श्रद्धा के सुमन गुरुजी को समर्पित किया।
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