ठोक देंगे कट्टा कपार में, आइए ना हमरा बिहार में,यह क्या है ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

‘ठोक देंगे कट्टा कपार में, आइए ना हमरा बिहार में’! नेटफ्लिक्स आई वेब सीरीज ‘खाकी द बिहार चैप्टर’ का यह गाना खूब चर्चा में है। यह वेब सीरीज आईपीएस अमित लोढ़ा की किताब ‘बिहार डायरीज’ पर आधारित है।

राज्य में बढ़ते अपराध के दौर में एक पुलिस अफसर और कुख्यात अपराधी के बीच तानेबने को दिखाती यह सीरीज बिहार के उस दौर की कहानी है जब लालू यादव अपनी सत्ता के ढलान और नीतीश कुमार सत्ता संभालने वाले थे। इस वेब सीरीज के स्क्रिप्ट राइटर उमाशंकर सिंह हैं। उमाशंकर सिंह बिहार के रहने वाले हैं। इन्होंने ही वेब सीरीज महारानी की पटकथा भी लिखी थी।

शेखपुरा की कहानी यह भी बताती है कि राजनेताओं ने अपराधियों का कैसे संरक्षण किया और इसके बीच खाकी कैसे पिस रही थी। फिल्म में सबसे बड़ा आश्चर्य यह कि अमित लोढ़ा नाम के असली आईपीएस किरदार हैं। लेकिन बाकी पात्रों के नाम काल्पनिक हैं।

यहां पर यह दिखने लगता है कि फिल्म अमित लोढ़ा की ब्रांडिंग करने के लिए बनी या बनायी गई है! इसके प्रोड्यूसर नीरज पांडेय हैं और कहा जा रहा है कि यह वेब सीरीज 70 करोड़ रुपए से बनी है। वेबसीरीज इसलिए भी चर्चा में है कि अमित लोढ़ा पर एफआईआर हो गई है।

यहां पर यह दिखने लगता है कि फिल्म अमित लोढ़ा की ब्रांडिंग करने के लिए बनी या बनाई गई है। इसके प्रोड्यूसर नीरज पांडेय हैं और कहा जा रहा है कि यह वेब सीरीज 70 करोड़ रुपए से बनी है। वेब सीरीज इसलिए भी चर्चा में है कि अमित लोढ़ा पर एफआईआर हो गई है।

यह वेब सीरीज आईपीएस अमित लोढ़ा की किताब ‘बिहार डायरीज’ पर बेस्ड है।
यह वेब सीरीज आईपीएस अमित लोढ़ा की किताब ‘बिहार डायरीज’ पर बेस्ड है।

ड्राइवर चंदन महतो को दबोचने की कहानी

फिल्म में अमित लोढ़ा शादी के बाद हुई पोस्टिंग के बाद पत्नी को लेकर बिहार आते हैं। आशुतोष राणा उनके सीनियर की भूमिका में हैं। चंदन महतो नाम का व्यक्ति ड्राइवर हैं। चंदन महतो, अपहरण के मामले में अपराधियों का साथ देता है।

जब आईपीएस अमित लोढ़ा अपहरण के शिकार बच्चे को रेस्क्यू करने जाते हैं तभी चंदन महतो, अमित लोढ़ा को देखता है। ईंट भट्टा मालिक को पता चलता है तो चंदन महतो उससे माफी मांगता है। ईंट भट्ठा का मालिक दारोगा को बुलाता है कि चंदन को गिरफ्तार कीजिए।

अभ्युदय सिंह पॉलिटिकल गुंडा

गुस्से में चंदन महतो ईंट भट्ठा मालिक की पैर में गोली मार देता है। फिल्म में अभ्युदय सिंह पॉलिटिकल गुंडा है। वह बोलता है कि मेरे आदमी को किसने गोली मारी। इसके बाद चंदन महतो, अभ्युदय सिंह के सामने सरेंडर कर उसके साथ हो जाता है।

वह अभ्युदय (रवि किशन) के साथ मिलकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता है। रवि किशन का भाई नेता है। लेकिन पूरे गैंग की गिरफ्तारी हो जाती है। सभी नवादा जेल भेज दिए जाते हैं।

सीरीज की शुरुआत राजनीति,अपराध और पुलिस के आसपास घूमती है।
सीरीज की शुरुआत राजनीति,अपराध और पुलिस के आसपास घूमती है।

जेल में हत्या की भी कहानी

नवादा जेल में रवि किशन को एक सलाहकार वकील सलाह देता है कि पांच हत्या का इल्जाम कोई बैक वर्ड जाति का आदमी अपने ऊपर ले ले तो फायदा रहेगा। चंदन महतो से रवि किशन कहता है कि हमने तुम्हारे लिए इतना किया है तुम मेरे लिए ये इल्जाम ले लो।

पहले तो चंदन महतो तैयार हो जाता है लेकिन च्यवनप्रास साहु जेल में बताता है कि ये सभी किसी के नहीं हैं। वह चंदन महतो को खूब उकसाता है। इसके बाद जेल में ही चंदन महतो, रवि किशन की गला दबा कर हत्या कर देता है।

आईपीएस अमित लोढ़ा करते हैं ब्लैकमेल

चंदन महतो की जो पत्नी उसको छोड़ कर चली गई थी। उससे एक बेटी थी जिसकी परवरिश च्यवनप्रास साव की पत्नी कर रही थी। च्यवनप्रास के एक बेटे को भी वो पाल रही थी। आईपीएस अमित लोढ़ा दो चीज से चंदन महतो को ब्लैकमेल करते हैं।

जब कोई गवाही नहीं देता है तो अमित लोढ़ा च्वयनप्रास को बताते हैं कि तुम्हारी पत्नी का चंदन महतो से चक्कर है। इसलिए तुम उसके खिलाफ गवाही दो। लेकिन वह तैयार नहीं होता है। लोढ़ा समझाते हैं तो वह तैयार हो जाता है। गुस्से में चंदन महतो, अमित लोढ़ा के बेटा को बम से उड़ाने की कोशिश करता है बेटे पर बम फेंकता है। इस हमले में अमित लोढ़ा की पत्नी और बच्चे का बॉडीगार्ड मारा जाता है।

इस फिल्म की खास बात

चंदन महतो और च्यवनप्रास साहु नवादा जेल से जब भागने की प्लानिंग करते हैं तो उस क्रम में दो पुलिसवालों को गोली मारते हैं। बाद में दिखता है कि अमित लोढ़ा जब चंदन महतो को पकड़ने के लिए टीम बनाते हैं तो शहीद पुलिसकर्मियों का बेटा भी पुलिस में रहता है।

इस फिल्म की खास बात यह कि पहली बार अमित लोढ़ा ने फोन को सुनने की टेक्नोलॉजी अपराधियों को पकड़ने के लिए इस्तेमाल की। ऐसा उन्होंने टेलीफोन कंपनी से बात करके किया।

फिल्म का डायलॉग- जिस दिन मैं छोड़कर हम पर आ जाइएगा 50% बिहारी उसी दिन हो जाइएगा।
फिल्म का डायलॉग- जिस दिन मैं छोड़कर हम पर आ जाइएगा 50% बिहारी उसी दिन हो जाइएगा।

मोबाइल से खुलासा

चंदन महतो, च्यवनप्रास और उसके करीबियों का फोन अमित लोढ़ा सुनते रहते हैं। इसके बाद फोन कंपनी को फोन कर लोकेशन पूछते हैं। फिल्म का अंत उस समय होता है जिस समय अमित लोढ़ा चंदन महतो को मोबाइल में दिखाते हैं कि हम च्यवनप्रास के घर गए थे और हम जान गए हैं कि वहां तुम्हारी बेटी रहती है।

चंदन महतो सकपका जाता है। डर जाता है। चंदन महतो समझ जाता है कि अगर जेल से अमित लोढ़ा के परिवार पर कुछ करेंगे तो मेरी बेटी सुरक्षित नहीं रहेगी।

फिल्म में आईपीएस अफसर का एडवेंचर

फिल्म में पात्रों के नाम बदले हुए हैं। लेकिन लोग उसकी एक्टिविटी से समझने लगते हैं कि इसमें लालू की भूमिका में उजियार सिंह हैं, नीतीश कुमार की भूमिका में सर्वेश कुमार हैं! फिल्म में एक आईपीएस अफसर का एडवेंचर दिखाया गया है कि वह पुलिस की नौकरी कितना रिस्क लेकर करता है। शासन-प्रशासन कैसे जरूरत के हिसाब से उसकी ट्रांसफर-पोस्टिंग करते हैं यह भी इसमें है।

एक्टर करण के साथ IPS अमित लोढ़ा (दाएं)।
एक्टर करण के साथ IPS अमित लोढ़ा (दाएं)।

वेब सीरीज के चर्चित डायलॉग

  • जिस दिन मैं छोड़कर हम पर आ जाइएगा 50% बिहारी उसी दिन हो जाइएगा।
  • आप हाकिम हैं सर, आप फाइन नहीं होंगे तो कौन होगा।
  • बिहार को बदलना है तो बिहार को समझना पड़ेगा।
  • जब ओखल में सर डाल दिए तो मूसल से का डरना।
  • Power doesn’t currupt people, people cruppts power.
  • ईमानदार ऑफिसर सभी को अच्छे लगते हैं पर अपनी सरकार में नहीं।
  • संटेड ऑफिसर और पुराने अखबार की कतरन एक समान हो जाती है। एक दिन पहले आप सुर्खियों में थे और आज वो बासी खबर हो गए है, जिसे सब भूल जाना चाहते हैं।
  • विरोध न नारियल के गाछ जईसा होता है, देखते देखते कब आसमान छूने लग जाता है पते नहीं लगता।
  • खतरनाक लोग जब खुद खतरे में आ जाए असल शांति तभी आती है।
  • यहां सांड लाल कपड़ा देख के जितना नहीं भड़कते उससे ज्यादा गवाह कोर्ट को देखकर बिदकते हैं।

ये गाना सबसे चर्चित

इस सीरीज में एक टाइटल ट्रैक है ‘ ठोक देंगे कट्टा कपार में, आइए ना हमरा बिहार में’। इसे लिखा है भोजपुरिया माटी के और बॉलीवुड के उभरते हुए गीतकार सागर जुनू ने। गाया है कैलाश खेर ने। यह ऐसा गाना है जो उस समय को सामने ला देता है।

इन्होंने की है एक्टिंग

  • रवि किशन- अभ्युदय सिंह
  • आशुतोष राणा- मुक्तेश्वर सिंह
  • अविनाश तिवारी- चंदन महतो
  • जतीन शरणा- च्यवनप्रास साहु
  • अभिमन्यु सिंह- राजन कुमार
  • ऐश्वर्या सुष्मिता- मीता देवी

25 नवंबर को OTT प्लेटफॉर्म NETFLIX पर बिहार पर बनी वेब सीरीज ‘खाकी’ द बिहार चैप्टर रिलीज हुई थी। जो महज 24 घंटे में ही हिट हो गई। अब इस वेब सीरीज के नायक अमित लोढ़ा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन पर पटना में FIR दर्ज हो गई है। दरअसल, अमित लोढ़ा बिहार पुलिस में सीनियर IPS अधिकारी हैं। इन्होंने ही ‘बिहार डायरी’ नाम से एक किताब लिखी थी, जो साल 2017 में पब्लिश हुई। इसी किताब पर NETFLIX और फ्राइडे स्टोरी टेलर ने मिलकर ‘खाकी’ द बिहार चैप्टर वेब सीरीज बनाई। गुरुवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने स्पष्ट किया है कि गया के तत्कालीन IG अमित लोढ़ा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।

 

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