बिहार के बोधगया में दलाई लामा के कार्यक्रम में हुआ कोरोना विस्फोट
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के बोधगया में दलाई लामा के कार्यक्रम में शामिल होने आए 11 विदेश कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से एक इंग्लैंड और बाकी 10 म्यांमार और थाईलैंड के हैं। ये सभी इंटरनेशनल फ्लाइट से बोधगया आए थे। रविवार की शाम तक 4 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें से 2 लोगों को होटल में आइसोलेट किया गया है। तीसरा वापस दिल्ली लौट चुका है और चौथा लापता है। सोमवार शाम को यह संख्या बढ़कर 11 हो गई।
सबसे बड़ी बात ये है कि जांच और रिपोर्ट आने के बीच ये लोग हजारों लोगों के संपर्क में आए हैं। पूरे बोधगया में ये लोग घूमते रहे। मंदिर में इन सभी ने पूजा भी की है। कोरोना केस मिलने के बाद गया डीएम डॉ. त्यागराजन ने निर्देश दिया है कि बौद्ध धर्मगुरु दलाई लाला से मिलने से पहले कोरोना टेस्ट कराना होगा।
विदेशी संक्रमितों ने देश में कोरोना की बड़ी चेन बना दी है। थाईलैंड और म्यांमार से आए 11 विदेशी संक्रमितों की ट्रैवल हिस्ट्री ने सरकार की नींद उड़ा दी है। सिविल सर्जन रंजन सिंह का किसी में लक्षण नहीं है, जो जहां है, वहीं आइसोलेट हो गया है।
प्रशासन ने दिल्ली सरकार को अलर्ट कर दिया है। विदेशी संक्रमितों की ट्रैवल हिस्ट्री ने संक्रमितों की चेन तैयार की है, यह बिहार ही नहीं पूरे देश के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। कोरोना के स्ट्रेन के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही है।
दलाई लामा के कार्यक्रम में 30 से अधिक देशों के करीब 20 हजार श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
दैनिक भास्कर ने कोरोना के इस खतरे को लेकर प्रशासन को पहले ही अलर्ट कर दिया था। अब संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों से कोरोना विस्फोट होने का खतरा है। जांच रिपोर्ट आने से पहले संक्रमितों की ट्रैवल हिस्ट्री सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।
रिपोर्ट आने तक सैकड़ों लोगों के संपर्क में आए
बोधगया में 24 दिसंबर को फ्लाइट से विदेशी मेहमान बोधगया दर्शन के लिए आए थे। स्वास्थ्य विभाग ने एयरपोर्ट पर सभी विदेशी यात्रियों की कोरोना जांच कराई। जांच RTPCR कराई गई, इसलिए रिपोर्ट 24 घंटे बाद आई। विदेशी पर्यटक सैंपल देने के बाद बोधगया पहुंच गए और दर्शन पूजन में जुट गए।
इस दौरान वह होटल से लेकर महाबोधि मंदिर और मार्केट में भी घूमते रहे। इस दौरान वह सैकड़ों लोगों के संपर्क में आए। मास्क और सैनिटाइजर को लेकर कोई सख्ती नहीं थी, इस कारण से कोरोना को लेकर बड़ा खतरा माना जा रहा है।
विदेशी बोधगया में कहां किस होटल में गए और किन-किन लोगों के संपर्क में आए इसका भी कोई अता पता नहीं चल रहा है। प्रशासन के भी हाथ पांव फूल रहे हैं, वह कैसे लोगों का पता लगाए। इस कारण से ही जब कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई तो स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई।
कैसे है कोरोना विस्फोट का खतरा
सोमवार सुबह प्रशासन ने बताया कि दो संक्रमितों को होटल में आइसोलेट किया गया है। सोमवार शाम तक यह संख्या बढ़कर 11 हो गई। सिविल सर्जन रंजन सिंह का किसी में लक्षण नहीं है, जो जहां है, वहीं आइसोलेट हो गया है। एक संक्रमित दिल्ली चला गया है, जबकि एक संक्रमित की अभी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। सिविल सर्जन का कहना है कि एक संक्रमित जिसके बारे में दिल्ली जाने का पता चला है, उसे लेकर अलर्ट कर दिया गया है। दिल्ली प्रशासन को इस मामले को लेकर अलर्ट कर दिया गया है। वहीं जो एक संक्रमित लापता है, उसके बारे में भी पूरी छानबीन कराई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के एक्सपर्ट की माने तो अगर विदेशियों में नया स्ट्रेन होगा तो देश में कोरोना विस्फोट होने से कोई नहीं रोक पाएगा। क्योंकि नया स्ट्रेन काफी तेजी से संक्रमण फैला रहा है। नए स्ट्रेन की संक्रमण दर काफी तेज है। मामला विदेशियों का है, इस कारण से सरकार भी पूरी अलर्ट मोड पर है।
ऐसे में एक संक्रमित के लापता होने और एक के दिल्ली वापस लौट जाने से पूरी चेन तैयार होने का खतरा है। एक्सपर्ट का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने में देरी हुई और अब वायरस का लोड क्या है, इसका पता लगाना होगा।
स्ट्रेन और लोड का पता लगाने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। खतरा विदेशी होने के कारण है, क्योंकि अभी विदेशों में ज्यादातर नया स्ट्रेन ही तबाही मचाई है।
रिपोर्ट में देरी से बढ़ी मुश्किल
RT PCR की जांच रिपोर्ट में देरी के कारण ही प्रशासन की चुनौती बढ़ी है। अब बोधगया में कोरोना को लेकर पूरा अलर्ट मोड पर काम किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो सरकार इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को विशेष मिशन पर लगा दी है, क्योंकि बोधगया में जापान सहित 12 से अधिक देशों से लोग आने वाले हैं। अनुमान है कि 60 हजार विदेशी बोधगया में आएंगे। अब संक्रमण को लेकर बड़ा खतरा यही विदेशी बन गए हैं। संक्रमितों का पता लगाने के साथ अब लोगों में लक्षण के आधार पर ट्रैकिंग चल रही है।
तैयारी है कि स्वास्थ्य कर्मियों को इस काम में बोधगया में लगा दिया गया है। सुरक्षा को लेकर अलर्ट है। बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा की कोरोना से सुरक्षा को लेकर भी अलर्ट कर दिया गया है।
सरकार के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग की बड़ी चुनौती
11 विदेशी संक्रमितों ने सरकार की मुश्किल बढ़ा दी है। अब कांटेक्ट ट्रेसिंग को लेकर सरकार अलर्ट मोड पर है, लेकिन सवाल यह है कि वह बोधगया से लेकर दिल्ली तक कितने लोगों के संपर्क में आए। इस चुनौती पर काम करना आसान नहीं है। बोधगया में श्रद्धालुओं की भीड़ है, इसमें विदेशियों की संख्या भी अधिक है। अब दिल्ली से लेकर बोधगया तक कांटेक्ट ट्रेसिंग करना बड़ी चुनौती है।
अब दो दिन बाद दोबारा जांच कराई जाएगी। जिनोम सीक्वेंसिंग को लेकर सैंपल पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के जिनोम लैब में भेजा जा रहा है। इसके साथ ही विदेशियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है।
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