रघुनाथपुर में भ्र्ष्टाचार के खिलाफ किसान बैठा आमरण अनशन पर
किसान द्वारा प्रशासन को करीब एक सप्ताह पहले दिए शिकायत पर कार्रवाई कर न्याय मांगे जाने की अवधि को भी महत्व नही दिया इन लुटेरे अधिकारियों ने
बदलते भारत के किसान खेतो के बजाय बाजार और ब्लॉक में दुकानदारों व जनसेवकों से कैसे बचें ?
दूसरे गांव से जाकर दूसरे गांव में बसे फर्जी किसानों ने पैक्स अध्यक्ष की मिलीभगत से सरकार को बेचे है सौ क्विंटल से ऊपर के धान
50 क्विंटल धान बेचने वाले भूमिहीन किसान सरकार से मुफ्त में लेते है राशन.गजब का
श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान (बिहार)
कहते है कि भ्र्ष्टाचार करने वाला से ज्यादे गुनहगार भ्र्ष्टाचार को होते देखने व सक्षम होने के बाबजूद कार्रवाई नही करने वाला होता है.भ्र्ष्टाचार से सम्बंधित एक बड़ी खबर बिहार के सीवान जिले से आ रही है.जहां के एक किसान को अपने ही जनप्रतिनिधि/जनसेवक के भ्र्ष्टाचार के खिलाफ अनिश्चित कालीन के लिए जिले के रघुनाथपुर प्रखंड मुख्यालय पर इस कड़ाके की ठंड में आमरण अनशन पर बैठना पड़ गया।
रघुनाथपुर प्रखंड के निखतिकलां गांव निवासी किसान लक्ष्मण सिंह के पुत्र दीपक सिंह द्वारा अपने ही पैक्स अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह उर्फ टुन्ना सिंह पर भ्र्ष्टाचार से सम्बंधित कई संगीन आरोप प्रमाण के साथ लगाया गया है.जैसे किसानों से धान न खरीदकर फर्जी किसानों से धान खरीदने,निखतिकलां पैक्स द्वारा धान की खरीदारी केवल कागजो पर करना,पैक्स गोदाम का भौतिक सत्यापन करने जैसे
आरोपो की लिखित शिकायत प्रखंड, जिला व प्रदेश स्तर को करीब एक सप्ताह पहले 22 दिसम्बर को दिया गया था।उक्त किसान ने 29 दिसम्बर से पहले न्याय की मांग की थी अन्यथा 29 दिसम्बर को दिन के 1 बजे से ब्लॉक मुख्यालय पर आमरण अनशन के लिए अनुमति भी मांगी थी.लेकिन किसान दीपक को यह कहा मालूम था कि इस भ्र्ष्टाचार में सभी की सहभागिता है वरना यह एक सप्ताह पर्याप्त था किसान दीपक को न्याय दिलाने के लिए।
किसान सह सरपंच रत्नेश सिंह ने कहा कि इस कड़ाके की ठंड में जब सभी लोग रजाई में दुबके होते है तब एक किसान रबी की सिंचाई करने के लिए बाजार से उंचे दामों पर यूरिया खरीदने को मजबूर है तो दूसरे तरह धान बेचने के लिए साहूकारों के हाथों लुटने को मजबूर है।हालांकि सरकारी तंत्र किसानों को सरकारी मूल्य पर यूरिया उपलब्ध कराने व फसलों की खरीदारी वाले मामले में पूरी तरह से फेल है।
दूसरे गांव से जाकर दूसरे गांवों में बसे फर्जी किसान पैक्स अध्यक्षो की मिलीभगत से सौ क्विंटल से अधिक धान बेच चुके है और जायज किसान धान बेचने के लिए आमरण अनशन कर रहा है.हाय रे सिस्टम।
सिस्टम का दोष देखना हो तो आप रघुनाथपुर में आए एकतरफ भूमिहीन बनकर सरकार से मुफ्त में राशन ले रहे है फिर वही व्यक्ति किसान बनकर केवल धान 50 क्विंटल से ज्यादे पैक्स को बेच चुका है.ऐसा किसी एक पैक्स,प्रखंड व जिले में नही हुआ है.जांच करने पर मालूम होगा कि इस महामारी से कोई अछूता नही है।
अनशन स्थल पर रमण कुमार तिवारी, हरेंद्र सिंह, मजिस्टर सिंह, मनन बीन, मृत्युंजय दुबे, रामप्रकाश सिंह, कौशलेंद्र सिंह, नागेंद्र सिंह,उमाशंकर प्रसाद, उमाकांत सिंह,चक्रवर्ती सिंह,धनंजय सिंह, अरविंद कुमार,विजय नारायण सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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