एचडब्ल्यूसी पर कार्यरत नवनियुक्त सीएचओ का परिवार नियोजन को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का किया गया आयोजन
ग्रामीण इलाको में स्वास्थ्य सेवाओं को क्रियान्वयन करने में सीएचओ की भूमिका महत्वपूर्ण: उप निदेशक
सभी प्रतिभागी सीएचओ को परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थाई तरीके को उपयोग के लिए किया गया प्रशिक्षित: आरपीएम
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया,(बिहार):
परिवार नियोजन एक ऐसी योजना है, जिसमें परिवार की आय, माता का स्वास्थ एवं बच्चों के समुचित पालन पोषण के अलावा बुनियादी शिक्षा को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त समय पर बच्चों को जन्म दिया जाना चाहिए। क्योंकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से परिवार नियोजन महत्वपूर्ण माना गया है।
उक्त बातें पूर्णिया प्रमंडल के नवनियुक्त क्षेत्रीय उप निदेशक सह अपर निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ विजय कुमार ने एक निजी होटल में परिवार नियोजन से संबंधित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान कही। कटिहार ज़िले के विभिन्न हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत नवनियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को शहर के निजी होटल में परिवार नियोजन को लेकर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के नवनियुक्त क्षेत्रीय उप निदेशक डॉ विजय कुमार, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैशर इक़बाल, डॉ राजीव कुमार गुप्ता उपस्थित रहे। जबकिं प्रशिक्षक के रूप में जपाइगो के क्षेत्रीय कार्यक्रम पदाधिकारी विनय गुप्ता, केयर इंडिया के जिला तकनीकी पदाधिकारी डॉ देबब्रत महापात्रा, सोमेन अधिकारी एवं सनत गुहा द्वारा कटिहार ज़िलें के विभिन्न प्रखंडों से आए 30 सीएचओ को परिवार नियोजन से संबंधित जानकारियों को बारीकी से बताया गया।
ग्रामीण इलाको में स्वास्थ्य सेवाओं को क्रियान्वयन करने में सीएचओ की भूमिका महत्वपूर्ण: उप निदेशक
क्षेत्रीय उप निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ विजय कुमार ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को आशा कार्यकर्ता, एएनएम के अलावा स्थानीय स्तर पर पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर स्वास्थ्य से जुड़े हुए कार्यो को बेहतर तरीके से करना होता है। क्योंकि सीएचओ द्वारा ग्रामीण इलाको में रहते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को क्रियान्वयन करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जिसके तहत ग्रामीण इलाकों के मरीजों का इलाज करना, स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी का संचालन करना, गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओ को उचित सलाह देना होता हैं। हालांकि इसके अलावा आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य से संबंधित सभी तरह के प्राथमिक उपचार मुहैया कराने की जिम्मेदारी होती हैं। एक तरह से देखा जाए तो सामुदायिक स्वास्थ अधिकारी (सीएचओ) ग्रामीण इलाको में स्वास्थ्य सेवाएं को जन-जन तक पहुंचाने एवं किसी भी तरह की बीमारियों को बचाने के साथ ही उसका परामर्श और निदान करने में अपनी अहम भूमिका निभाते है।
सभी प्रतिभागी सीएचओ को परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थाई तरीके को उपयोग को लेकर किया गया प्रशिक्षित: आरपीएम
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैशर इक़बाल ने बताया कि क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई द्वारा आयोजित कटिहार ज़िले में पदस्थापित नवनियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को परिवार नियोजन को लेकर आयोजित कार्यक्रम में कटिहार ज़िलें के दंडखोरा से एक, प्राणपुर से दो, मनिहारी से एक, आजमनगर से तीन, हसनगंज से दो, कदवा से दो, सदर प्रखंड से दो, कोढ़ा से तीन, कुरसेला से एक, बलरामपुर से चार, बरारी से तीन, बारसोई से एक, फ़लका से तीन एवं मनसाही से एक सीएचओ को प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया गया है। इन सभी को परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थाई तरीके का भी उपयोग किया जा सकता हैं। जिसमें अंतरा छाया, कॉपर टी एवं कंडोम सहित कई अन्य प्रकार का उपयोग से बच्चों के बीच उम्र का अंतर रख सकते हैं। इससे बच्चों की समुचित देखभाल के साथ ही महिलाओं का स्वास्थ्य भी तंदुरुस्त रखने में आप सभी की सहभागिता जरूरी होता है। क्योंकि आप सभी को परिवार नियोजन से संबंधित स्थायी तौर पर सुविधाओं का लाभ देने के लिए अलग- अलग लक्ष्य निर्धारित किया जाता है।
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