नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के बच्चों को मिलेगी प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
* बिहार में कक्षा एक से लेकर दसवीं तक के पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शुरू की जाएगी. इस योजना के तहत बिहार सरकार अब अपने कोटे से शिक्षा विभाग के माध्यम से कक्षा 1 से 4 तक के बच्चों को 600 रुपये, 5 से 8 तक के बच्चों को 1200 रुपये और नवमीं-दसवीं के छात्रों को 1800 रुपये छात्रवृत्ति सालाना देगी. पहले इस योजना में केंद्र और बिहार सरकार का 50-50 फीसदी तक हिस्सा होता था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बिहार कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई. मुख्य सचिवालय स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में आयोजित हुई इस बैठक में कुल 16 एजेंडों पर मुहर लगी. शिक्षा विभाग के एक महत्वपूर्ण एजेंडे पर मंत्रिमंडल ने अपनी सहमति दे दी है. इसके अलावा भी कैबिनेट ने कई दूसरे एजेंडों पर अपनी मुहर लगाई है जो इस प्रकार से है. बिहार कैबिनेट ने विभिन्न विभागों में 281पदों के सृजन को स्वीकृति दी. इसके तहत मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग में 136, आपदा प्रबंधन विभाग में 57, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में 88 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई.
बिहार सरकार मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 1 से 10 तक पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के एक करोड़ 25 लाख छात्र छात्राओं को अपने स्तर पर छात्रवृति देगी. पश्चिम चंपारण के समेकित थरूहट विकास योजना के तहत वितीय वर्ष 2022-23 के लिये 29 करोड़ 28 लाख 35 हज़ार रुपये की स्वीकृति दी गई. बिहार के 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 से 24-25 तक 3 वर्षों के लिए कुल 104 करोड़ की योजना को स्वीकृति दी गई है, एवं चालू वित्तीय वर्ष में 41 करोड़ 92 लाख रुपए की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गई है.
ग्रामीण कार्य विभाग के तहत 38 जिलों के लिए 1467 किलोमीटर अन्य ग्रामीण पथों को सम्मिलित करने के लिए राज्य सरकार की सहमति मिली है. निगरानी विभाग के कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार ठाकुर को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद अगले 2 वर्षों तक नियोजित करने की स्वीकृति मिली है. औद्योगिक क्षेत्र विकास के तहत 416 करोड़ 55 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति एवं 195 करोड़ 71 लाख की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गई है. सामान्य चावल के स्थान पर फोर्टिफाइड चावल आपूर्ति करने के लिए भारत सरकार से मान्यता प्राप्त आपूर्तिकर्ताओं से एसएफसी द्वारा निर्धारित दर पर फोर्टीफाइड चावल कर्नल प्राप्त कर फोर्टिफाइड चावल चावल तैयार कराने पर सहमति दी गई है.
पटना जिले के बाढ़ मसौढ़ी, पालीगंज एवं दानापुर अनुमंडल को मद्य निषेध, उत्पाद क्षेत्र के रूप में सृजित करते हुए सभी नवसृजित कार्यालय की स्थापना के लिये कुल 136 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है.
तारामंडल विज्ञान संग्रहालय दरभंगा के संचालन के लिए 12 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. राजकीय पॉलिटेक्निक भागलपुर के लिए 29 शैक्षणिक, 31 तकनीकी 16 गैर शैक्षणिक यानि कुल 76 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है.
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