रघुनाथपुर प्रशासन अस्पताल से ध्वनि प्रदूषण को नही रोक सकता वो शराब क्या रोकेगा ?

रघुनाथपुर प्रशासन अस्पताल से ध्वनि प्रदूषण को नही रोक सकता वो शराब क्या रोकेगा ?

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किसी भी अस्पताल के आस पास प्रेसर हॉर्न बजाना प्रतिबंधित है.

लेकिन रघुनाथपुर रेफ़रल अस्पताल से सटे पूरे एक महीने फूल साउंड में बजते है बड़े-बड़े साउंड बॉक्स और हॉर्न

दुर्भाग्य है इस प्रशासन महकमे का.जो ऐसे आयोजनों में बनकर जाते है चीफ गेस्ट

श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान (बिहार)

आज 6 जनवरी शुक्रवार की सुबह रघुनाथपुर क्षेत्र के एक बुजुर्ग मरीज ने कारगिल युद्व लड़े पूर्व सैनिक अत्री पाण्डेय से अपनी पीड़ा सुनाते सुनाते फफक फफक कर रो पड़ा.उस बुजुर्ग शिक्षित मरीज को रोते देख सांस्कृतिक आयोजनों के जरिए आमजनों को तिल तिल मारने की बात सामने आ गई.रघुनाथपुर प्रशासन में बैठे बीडीओ,सीओ और थानाध्यक्ष से यह सीधा सवाल बनता है कि आप जब एक मरीजों का इलाज करने वाले अस्पताल परिसर से भीड़ भाड़ व साउंड पॉल्यूशन को नही रोक सकते.तब सरकार की नीतियां शराबबंदी व अपराध को कैसे रोक पाएंगे ?

अस्पताल, शैक्षणिक संगठन और कोर्ट के 100 मीटर के दायरे में प्रेशर हॉर्न,साउंड बॉक्स और हॉर्न बजाना प्रतिबंधित होता है.क्योंकि सरकार इन क्षेत्रों को शांत जोन क्षेत्र घोषित की है।
लेकिन इन सब नियमो की जानकारी होने के बावजूद रेफ़रल अस्पताल से सटे शहीद मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम दो-दो राज्यस्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता के नाम पर अस्पताल बाउंड्री पर हजारों की भीड़ इकट्ठा कर बड़े-बड़े साउंड बॉक्स और दर्जनों हॉर्न पूरे फूल साउंड में पूरे एक महीने बिना किसी अनुमति के बजते है। जिसे रोकने और टोकने वाला कोई नही है
जिसे रोकने की जिम्मेवारी है वही लोग ऐसे आयोजनों में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते है।

श्रीनारद मीडिया को यह विश्वास है कि इस खबर को पढ़ने के बाद प्रशासनिक महकमो में बैठे लोगों का ज़मीर जागेगा और साउंड को पूरी तरह से बन्द न करा वैल्युम को कम भी कराकर रघुनाथपुर की जनता के साथ न्याय करेंगे।ऐसा नही है कि इस तेज आवाज से केवल मरीज परेशान है बल्कि पूरे बाजार के दुकानदार परेशान है।
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