कृषि विज्ञान केन्‍द्र के द्वारा प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय जागरुकता कार्यक्रम आयोजित

कृषि विज्ञान केन्‍द्र के द्वारा प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय जागरुकता कार्यक्रम आयोजित

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, सचिन पांडेय, मांझी, सारण (बिहार):

प्राकृतिक खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र, मॉझी, सारण द्वारा प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय जागरुकता कार्यक्रम दिनॉक 10-01-2023 को सोनिया गॉव, प्रखंड- मॉझी में किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र, मॉझी, सारण के उद्यान विशेषज्ञ डॉ0 जितेन्द्र चन्द्र चन्दोला ने किसानों से कहा कि इस समय प्राकृतिक खेती की बहुत आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान समय में उर्वरकों व एग्रो- केमिक्ल्स के दामों (मूल्यों) में काफी बढ़ोतरी के साथ-साथ समय पर आपूर्ति की भी समस्या, ऐसे में हमें इनका विकल्प की ओर देखना अति आवश्यक है जो हमारे प्रकृति में मौजूद है |

जिसे हम अपने खेतों में सूक्ष्मजीवों एवं केंचुआ इत्यादि को सक्रिय कर कृषि लागत को कम किया जा सकता है ये पोषक तत्त्वों को उपलब्ध कराने में बहुत ही मददगार होते हैं साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी बढाया जा सकता है | लगातार भूमि पर रासायनिक कीटनाशकों, खादों का प्रयोग तथा भूमि को प्रतिवर्ष पलटने से भूमि की उर्वरा शक्ति पूरी तरह समाप्त हो चली है। हानिकारक कीटनाशकों के उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति कम होने के साथ-साथ कृषि की लागत भी बढ़ रही है।

रासायनिक खेती से मिट्टी की गुणवत्ता में और मनुष्यों के स्वास्थ्य में भी गिरावट आई है।किसानों की पैदावार का आधा हिस्सा उनके उर्वरक और कीटनाशक में ही चला जाता है। यदि किसान खेती में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो उन्हें प्राकृतिक खेती की तरफ अग्रसर होना चाहिए। रासायनिक खाद और कीटनाशक के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा क्षमता काफी कम हो गई है जिससे मिट्टी के पोषक तत्वों का संतुलन बिगड़ गया है।

मिट्टी की उर्वरक क्षमता को देखते हुए प्राकृतिक खेती जरूरी हो गया है। साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र, मॉझी, सारण के कार्यक्रम सहायक डॉ0 विजय कुमार जी ने किसानों को प्राकृतिक खेती के चार स्तंभ एवं सिद्वांत, जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत एवं नीमास्त्र इत्यादि बनाने की विधि एवं विभिन्न फसलों में उपयोग की विस्तृत में जानकारी भी दी गईl यहां प्राकृतिक खेती की अधिक संभावना है इन बातों को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र इस प्रखंड में प्राकृतिक खेती हेतु सघन जागरूकता चला रहा है।

जिसके तहत किसानों को प्राकृतिक खेती की तरफ जागरूक करते हुए प्राकृतिक खेती की महत्ता आवश्यकता एवं लाभ पर विस्तृत जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम में दीपक कुमार सिंह, बल्वन्त सिंह, प्रेम कुमार सिंह, पर्मेश्वर सिंह, लाल बाबू मेहतो, धनन्जय उपाध्याय, मनोज मेहतो, सुनेना देवी, शीला देवी, सुदामो देवी आदि किसान उपस्थित रहे। इस प्रशिक्षण में 61 किसानो ने भाग लिया।

यह भी पढ़े

जोशीमठ:हमने अपने ही हाथों एक पवित्र देवस्थान ध्वस्त कर दिया है

लड्डू बाबू मरने वाले हैं” कहानी विद्रूप समय का यथार्थ है”~चंद्रकला त्रिपाठी

World Hindi Diwas 2023:विश्व हिंदी दिवस की असीम शुभकामनाएँ।

गोरेयाकोठी के गोपालपुर में दस साल की बच्ची से अधेड़ ने किया दुष्कर्म का प्रयास

Leave a Reply

error: Content is protected !!