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प्यार में मिला धोखा तो युवक ने खोल दिया ‘बेवफा टी स्टाल’

प्यार में मिला धोखा तो युवक ने खोल दिया ‘बेवफा टी स्टाल’

433 पर पहुंचा जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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प्यार, इश्क और मोहब्बत… ये सब तो ठीक है, लेकिन इसमें धोखा बड़ी चीज है। धोखा इंसान को जहनी तौर पर तोड़ देता है। परंतु कुछ लोग इसे भी अपनी ताकत बना लेने का माद्दा रखते हैं। ऐसा ही एक युवा है बिहार का। जिसने प्यार में मिले धोखे को ही अपनी ताकत बना लिया और इसे ही अपने रोजगार के साधन में बदलकर रख दिया।

जी हां, दरअसल बिहार के सीवान स्थित स्टेशन रोड में एक युवक ने चाय की दुकान खोली है, नाम ‘बेवफा टी स्टॉल’ रखा है। उसका यह टी स्टॉल इलाके में खासा लोकप्रिय भी हो रहा है। इस युवा के टी स्टॉल यानी चाय की दुकान खोलने की कहानी भी काफी दिलचस्प है। युवक का नाम भोला है। वह लड्डू चौधरी का बेटा है। शहर के आंबेडकर नगर में रहता है। उसके ‘बेवफा टी स्टॉल’ पर प्यार में धोखा खाने वालों को 10 रुपये और प्रेमी जोड़ों को 15 रुपये में चाय मिलती है।

ये है भोला की कहानी

शहर के स्टेशन रोड में एक युवक ने टी स्टाल खोला है और इसका नाम ‘बेवफा टी स्टाल’ रखा है। जब स्टाल खोलने वाले युवक से पूछा गया तो उसने बताया कि उसे प्यार में धोखा मिला। इसके बाद उसने धोखे को ध्यान में रखकर बेवफा टी स्टाल के नाम से एक चाय की दुकान लगा ली।

युवक शहर के अंबेडकर नगर का रहने वाला भोला कुमार है। भोला ने बताया कि पांच साल पूर्व वह डीएवी उच्च विद्यालय में पढ़ता था। उसी समय डीएवी कालेज में पढ़ाई करने वाली इंटर की एक छात्रा से उसे प्यार हो गया था। चार साल तक सबकुछ ठीक-ठाक रहा।

एक दिन उसकी शादी का रिश्ता आया और उसने अपने घर वालों की मर्जी से शादी कर ली। भोला ने कहा कि तब से मैं दीवानों की तरह रहने लगा। इसके बाद मुझे लगा कि कुछ ऐसा किया जाए कि दूसरे लोग भी इस तरह प्यार-व्यार के चक्कर में न पड़ें।

इसके बाद भोला ने प्यार में धोखा खाकर बेवफा टी स्टाल के नाम से दुकान खोल दी। भोला का कहना है कि यहां प्यार में धोखा खाने वाले लोगों को दस रुपये में चाय पिला रहा हूं, जबकि प्रेमी जोड़े को 15 रुपये में प्रति कप चाय देता हूं। भोला के इस ‘बेवफा टी स्टॉल’ की क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है।

433 पर पहुंचा जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स

जिले की हवा में प्रदूषण की मात्रा में काफी बढ़ोतरी हो गई है। इसका मुख्य कारण जिले में नल जल योजना के तहत पाइप लाइन को बिछाना है। वहीं सबसे बड़ी वजह सड़कों के किनारे रोजाना निकलने वाले हजारों टन कचरे को फेंका जाना है और उसमें नगरपालिका कर्मियों द्वारा आग लगाना है।

आंकड़ों पर गौर करें तो बुधवार को जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स 433 पर पहुंच गया है। एक तरफ लोगों को जहां ठंड में सामान्य खांसी, फेफड़ों में संक्रमण, वायरल फीवर सहित अन्य बीमारियां होने की परेशानी बढ़ी है वहीं दूसरी ओर प्रदूषित हवाओं का संचरण जारी रहने से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

जानकारों की मानें तो जिले में उड़ती धूल व हाइवे और मुख्य सड़कों के किनारे कचरों में आग लगाने के बाद निकल रहे धुएं की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। यही नहीं इसके कारण हवा और भी जहरीली होती जा रही है।

ब्रोंकाइटिस, ईफिसेमा, अस्थमा के मरीजों में होगा इजाफा

चिकित्सकों की मानें तो इन दिनों शहर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। इस कारण सुबह में हल्की धुंध भी बढ़ी है। ऐसे में संक्रमण बर्दाश्त नहीं करने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान ब्रोंकाइटिस, ईफिसेमा, अस्थमा के मरीजों में काफी इजाफा होने की संभावना है।

हवा की गुणवत्ता के आधार पर ही एयर क्वालिटी इंडेक्स में छह कैटेगरी बनाई गई हैं। इसमें शून्य से 50 तक अच्छी, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 150 तक प्रदूषित, 151 से 200 तक खराब, 201 से 250 तक अत्यंत खराब और 250 से अधिक को गंभीर की श्रेणी में रखा गया है।

गंदगी और साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देना मुख्य कारण

शहर के बुद्धिजीवी वर्ग सहित चिकित्सकों की मानें तो शहर में समय पर कचरे का उठान नहीं करने और साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देने के कारण जिले की वायु प्रदूषित हो रही है। शहर में अभी भी कई ऐसे चौक-चौराहे हैं जहां खुले में कचरा एकत्रित रहता है और उसे समय पर उठाया नहीं जाता है। इससे वायु प्रदूषण फैलता है।

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