स्वामी विवेकानंद को नमन कर स्पर्धा में बही सकारात्मक ऊर्जा की सरिता
सोसायटी हेल्पर ग्रुप ने साई अस्पताल में किया भाषण प्रतियोगिता का आयोजन
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
वहां उम्र का फासला नहीं था। वहां सिर्फ उद्गारों की ज्योति थी। वे उद्गार सिर्फ स्वामी विवेकानंद की पावन स्मृति को नमन नहीं कर रहे थे। बल्कि प्रेरणा और उत्साह की बयार भी बहा रहे थे। सकारात्मकता और आत्मविश्वास का संदेश दे रहे थे। प्रेम और सद्भाव के नगमे अपनी सुमधुर तान छेड़ रहे थे। स्थिति यह थी कि सभी ऊर्जस्वित महसूस कर रहे थे, जो कार्यक्रम की सफलता और सार्थकता दोनों को प्रमाणित करते दिख रहे थे। सोसायटी हेल्पर ग्रुप द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर साई अस्पताल के सभागार में आयोजित भाषण प्रायोजित प्रतिभागियों के लिए यादगार लम्हा बन गई, जहाँ सिर्फ भाषण नहीं हो रहे थे अपितु संदेश और प्रेरणा की अविरल धारा भी बह रही थी।
बुधवार को साई अस्पताल के सभागार में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम की शुरुआत सांस्कृतिक परम्परा के अनुरूप दीप प्रज्ज्वलन से हुई। उसके बाद स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण किया गया। महराजगंज के किशन वर्णवाल की टीम ने सुमधुर स्वागत गान प्रस्तुत किया। भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक् भागीदारी निभाई। भाषण प्रतिस्पर्धा के निर्णायक मंडल के सदस्य शिक्षाविद् श्री गणेश दत्त पाठक और कवयित्री आरती आलोक वर्मा थे।
अपने सम्बोधन में अतिथियों ने भी बेहद भावुक अंदाज़ में उपस्थित प्रतिभागियों से संवाद किया। मुख्य अतिथि डॉक्टर रामेश्वर कुमार ने स्वामी विवेकानंद को नमन करते हुए कहा कि संघर्ष और पुरुषार्थ हमारे व्यक्तित्व को निखारते हैं। स्वामी जी के विचार हमें ऊर्जस्वित करते हैं। सम्बोधित करते हुए डॉक्टर के एहतेशाम ने कहा कि प्रेम और सद्भाव की भावना ही स्वामी विवेकानंद के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है। स्वामी जी भारतीय संस्कृति के शाश्वत प्रतीक थे।
शिक्षाविद् गणेश दत्त पाठक ने कहा कि सकारात्मक विचार और अत्मविश्वास के भाव से बड़े से बड़े लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। स्वामी विवेकानंद के विचार वर्तमान दौर में सबसे बेहतर मार्गदर्शक साबित हो सकते हैं। कवयित्री आरती अलोक वर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकांनद का व्यक्तित्व आज की युवा पीढ़ी को प्रेरित करती है, ऊर्जस्वित करती है। उनके शिकागो में दिए गए भाषण को महसूस करने की आवश्यकता है। समाज सेवी अनमोल कुमार ने कहा कि महापुरुषों के नमन से हमारे संस्कार जागृत होते हैं और मानवता को लाभ होता है।
भाषण प्रतियोगिता का विषय वर्तमान दौर में स्वामी विवेकानंद अधिक प्रासंगिक हैं, था। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल ने भाषण में तथ्यों की व्यापकता, प्रस्तुतिकरण, मौलिकता, समसामयिक जुड़ाव और समय सीमा के अनुपालन के मानकों पर प्रतिभागियों के उद्बोधन का मूल्यांकन किया । जिसमें प्रथम स्थान अमरनाथ पाण्डेय , द्वितीय स्थान आलोकिता , तृतीय स्थान रिमझिम कुमारी को मिला। सभी प्रतिभागियों को भागीदारी प्रमाण पत्र भी दिया गया।
अपने शानदार अंदाज़ में मंच का संचालन संतोष मिश्रा ने किया तो आभार ज्ञापन ट्रस्ट के प्रमुख अनमोल कुमार ने किया। इस अवसर पर अवनीत कुमार, नितीश, सचिन, चन्दन, शैणवी, मनीष, सुयश, सुयशा आदि उपस्थित रहे। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हो गया लेकिन स्वामी विवेकानंद जी के पावन स्मृति को नमन कर उपस्थित हर व्यक्तित्व ऊर्जस्वित दिखा।
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