संविदा अभिशाप है इसे नियमित स्वरूप दें सरकार: उपाध्याय
संविदा कर्मियों के प्रति सरकार की नजरिया सही हों:राधेकृष्ण
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
बिहार राज्य संविदा कर्मी महासंघ के द्वारा राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन रविवार को
संगीता पैलेस, शिवपुरी (अटल पथ), पटना में किया गया। जिसकी अध्यक्षता राधे कृष्ण ने की।अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि संविदा का कानुन/नियम वर्ष-2007 में आया लेकिन आजतक अनेक सरकार आए और गये लेकिन संविदा कर्मी को कुछ भी लाभ नहीं मिला ।
अनेक साथियों ने मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायक से मिले, पत्राचार किया और विधान सभा में प्रश्न व धरना-प्रदर्शन-घेराव किये । आगे भी करते रहेंगे, परंतु सरकार इन कर्मियों की मांग एक भी नहीं सुनती। इसलिए उन्होंने बिहार राज्य के सभी विभाग में कार्यरत संविदा/आउटसोर्सिंग / अवर्गिकृत कर्मियों से एक होने का आवाह्न किया हैं और वर्ष 2023 को न्यायिक व संघर्षशील वर्ष के रूप में बिताना है।
साथ ही महासंघ के सचिव शंभू शंकर उपाध्याय ने सरकार से अनुरोध किया है कि हमारे देश के कई राज्य जैसे क्षारखण्ड/ उड़ीसा/पंजाब / मध्य प्रदेश आदि में संविदा सेवा स्थायी व वेतनमान किया हैं वैसे बिहार में भी होनी चाहिए। बैठक में कई मांग पर भी चर्चा हुआ जो प्रमुख हैं:–
1-2007 से मंहगाई भत्ता/प्रतिवर्ष मानदेय पुनरिक्षण व 2007 से एरियर सहित, योगदान से ईपीएफ लाभ ऐच्छिक स्थानान्तरण, अनुकंपा का लाभ,
पेंशन का लाभ,कालबद्ध प्रोन्नती का लाभ,सभी प्रकार छुट्टी स्थायी कर्मी के समान एवं सेवा स्थायी व वेतनमान हो ।
बैठक में कई संघ के प्रमुख साथी उपस्थित हुए। बिहार राज्य संविदा कर्मी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष –सह– सगासा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार सर्राफ, उपाध्यक्ष–सह– डाटा इंट्री ऑपरेटर अध्यक्ष अशोक यादव, कोषाध्यक–सह–रोजगार सेवक संघ के अध्यक्ष कमलेश कुमार कमल, कार्यपालक सहायक के प्रदेश अध्यक्ष आशीष कुमार, जिविका के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार एवं प्रदेश प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री सहित विभिन्न जिले से आये महासंघ के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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