सीफार के सहयोग से विश्व एनटीडी दिवस पर कुष्ठ दिवस मनाया गया
एनटीडी को समाप्त करने के लिए सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों को जागरूक करने की जरूरत: सिविल सर्जन
संकल्प के रूप में मनाया गया एनटीडी दिवस: डॉ जेपी सिंह
नेटवर्क सदस्यों द्वारा आपबीती सुनाकर किया गया जागरूक:
श्रीनारद मीडिया, कटिहार, (बिहार):
पूरे विश्व में आज भी कुछ ऐसी बीमारियां हैं जो हमलोगों के लिए जानलेवा तो नहीं होती है लेकिन आजीवन कष्टमय देतीं हैं। इसे नेग्लेक्टेड ट्रापिकल डिजीज कहा जाता है। सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (एनटीडी) सह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि को कुष्ठ दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह, एसीएमओ डॉ कनक रंजन, डीवीडीसीओ डॉ जयप्रकाश सिंह, सीडीओ डॉ अशरफ़ रिज़वी, सदर अस्पताल की प्रभारी उपाधीक्षक डॉ आशा शरण, वरीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रेम रंजन, वीडीसीओ नंद किशोर मिश्रा, डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ दिलीप कुमार झा, सीफार के राज्य सलाहकार अरुणेंदु झा, एलएफ/वीएल की डीसी पल्लवी कुमारी, डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, बरारी एवं कोढ़ा प्रखंड के नेटवर्क सदस्य, एएनएम स्कूल की छात्राएं, सभी वीबीडीएस, केबीसी, पीसीआई के डीसी तपेश कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
एनटीडी को समाप्त करने के लिए सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों को जागरूक करने की जरूरत: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि एनटीडी को समाप्त करने के लिए सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उपेक्षित उष्णकटिबंधीयरोग (एनटीडी) के तहत लगभग 20 रोगों को शामिल किया गया है। इसमें मुख्य रूप से फाइलेरिया (हाथीपांव), कालाजार, कुष्ठ रोग सहित 20 रोग प्रमुख हैं। इन बीमारियों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (एनटीडी) दिवस मनाया जाता है। ये ऐसी उपेक्षित बीमारियां हैं जो व्यक्ति को आर्थिक ही नहीं बल्कि सामाजिक स्तर पर भी कमजोर बनाती हैं। इसलिए जरूरी यह है कि इन बीमारियों को उपेक्षित न मानकर प्राथमिकता वाली बीमारी मानकर सामाजिक स्तर पर सहभागिता के साथ काम किया जाए।
संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया एनटीडी दिवस: डॉ जेपी सिंह
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश सिंह ने कहा कि एनटीडी दिवस यानी नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज के उन्मूलन को लेकर संदेश एवं संकल्प सभा का आयोजन किया गया है। इसमें स्वास्थ्य विभाग, डब्ल्यूएचओ, केयर इंडिया, पीसीआई, सीफार के अधिकारी एवं नेटवर्क सदस्यों द्वारा शपथ लिया गया। यह लोग फाइलेरिया एवं कुष्ठ रोग उन्मूलन में बढ़ चढ़ कर सहभागिता सुनिश्चित कर जड़ से मिटाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे। कालाजार, फाइलेरिया, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया एवं लेप्रोसी के बचाव को लेकर जागरूकता के लिए अपील की गयी। संकल्प के रूप में बताया गया कि एनटीडी से संबंधित रोगी पाए जाने पर रोगियों को नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जांच एवं उपचार के लिए निश्चित रूप से भेजने का कार्य करेंगे। इस प्रकार के रोगों से ग्रसित रोगियों के साथ किसी प्रकार का सामाजिक भेदभाव नहीं करेंगे। मरीजों को सरकार की ओर से मिलने वाली सहयोग राशि दिलाने में भी यथासंभव मदद करेंगे।
नेटवर्क सदस्यों द्वारा आपबीती सुनाकर किया गया जागरूक:
बरारी प्रखंड के रौनियां गांव निवासी आशा कार्यकर्ता सह नेटवर्क सदस्य 54 वर्षीय पवन रेखा देवी एवं कोढ़ा प्रखंड के बसगढ़ा गांव निवासी 36 वर्षीय कंचन देवी ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों के समक्ष अपनी आपबीती सुनायी और एमएमडीपी एवं फाइलेरिया रोकथाम के लिए आवश्यक रूप से घरेलू देखभाल करने पर विचार रखी। उन्होंने बताया कि विगत चार माह पहले फ़ाइलेरिया नेटवर्क के संपर्क में आई और सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़कर प्रभावित अंगों की सही तरीके से साफ-सफाई और व्यायाम के बारे में जाना। इसे अपनाने से सूजन में लगभग 70 प्रतिशत की कमी आयी है और जीवन भी कुछ सरल हो गया है।
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