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भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए भारत ने फौरन तुर्की भेजी मदद

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भावुक हुए पीएम मोदी, भुज में आए भूकंप को किया याद

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

तुर्किये और सीरिया में सोमवार को आए जलजले ने तबाही मचा दी। हजारों लोग काल के गाल में समा गए। वहीं, कई लोग अस्पतालों में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। विनाशकारी भूकंप ने कई इमारतों को भी जमीदोंज कर दिया है। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। ऐसे में राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है।

इस मुश्किल घड़ी में तुर्किये की मदद के लिए कई देश आगे आए हैं। वहीं, भारत भी तुर्किये की मदद के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। भूकंप ने जैसे ही तुर्किये में तबाही मचाई, भारत ने बिना देर किए राहत और बचाव कार्य के लिए अपनी एनडीआरएफ की टीम भेज दी। इसके बाद भी भारत की ओर से लगातार मदद भेजी जा रही है।

तुर्किये ने कहा शुक्रिया

वहीं, इस मदद के लिए तुर्किये ने भारत को धन्यवाद कहा है। भारत में तुर्किये के राजदूत फिरात सुनेल ने ट्विटर पर लिखा, “दोस्त शब्द तुर्किये और हिंदी में आम शब्द है। हमारे यहां एक कहावत है… Dost kara günde belli olur (जरूरत में काम आने वाला दोस्त ही दोस्त होता है)… मदद के लिए बहुत धन्यवाद

भारत ने भेजी की NDRF की दो टीम

भारत ने राहत और बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें भेजी हैं। इसमें पांच महिला कर्मियों, चार खोजी कुत्ते समेत 101 सदस्य हैं। एनडीआरएफ की एक टीम मंगलवार सुबह ही पहुंच चुकी है। एनडीआरएफ की दूसरी टीम कमांडिंग ऑफिसर गुरमिंदर सिंह के नेतृत्व में कोलकाता से रवाना हुई है। भारतीय दूतावास और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार एनडीआरएफ बचाव अभियान शुरू करेगी।

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एनडीआरएफ की टीम में डॉक्टर भी शामिल

एनडीआरएफ के निदेशक जनरल अतुल करवाल ने कहा, “तुर्किये में भूकंप आते ही भारत सरकार ने हर संभव मदद पहुंचाने का फैसला लिया।” 1988 बैच के गुजरात के अधिकारी ने कहा कि एनडीआरएफ को वहां दो टीमें भेजने को कहा गया था। उन्होंने बताया, “मंगलवार सुबह करीब तीन बजे पांच महिला कर्मियों समेत 51 सदस्य तुर्किये के लिए रवाना हुए थे। साढ़े सात घंटे की उड़ान के बाद वे सुबह लगभग 10.30 बजे अदाना एयरपोर्ट उतरे। टीम में एक डॉक्टर भी शामिल है।”

करवाल ने कहा कि हम हम तुर्किये में भारतीय दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ रहने के लिए अंग्रेजी बोलने की क्षमता वाले एक संपर्क अधिकारी को तैनात किया है। स्थानीय अधिकारियों को तय करना है कि वे हमें कहां तैनात करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया। शोक व्यक्त करते समय पीएम मोदी काफी भावुक हो गए और गुजरात के भुज में 2001 में आए शक्तिशाली भूकंप को याद किया, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थीं।

तुर्किये और सीरिया की स्थिति पर पीएम मोदी हुए भावुक

संसद के बजट सत्र की कार्यवाही से पहले भाजपा की संसदीय दल की बैठक बुलाई गई थी। बैठक को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी काफी भावुक हो गए। पीएम मोदी ने गुजरात के भुज में आए विनाशकारी भूकंप को याद किया और उस समय चलाए गए राहत व बचाव कार्यों में उत्पन्न चुनौतियों पर प्रकाश डाला। बता दें कि भुज में जब शक्तिशाली भूकंप आया था, तब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

तुर्किये और सीरिया में विनाशकारी भूकंप

पीएम मोदी ने सोमवार को तुर्किये और सीरिया में आए प्रलयकारी भूकंप के बाद भारत द्वारा भेजे गए मानवीय सहायता का उल्लेख किया। बता दें कि सोमवार को तुर्किये और सीरिया में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे अब तक 4600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं और 10 हजार से अधिक लोग घायल हैं। ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

भुज में भूकंप से हजारों लोगों की हुई थीं मौत

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं अच्छी तरह समझ सकता हूं कि इस वक्त तुर्किये के साथ क्या स्थिति उत्पन्न हो रही होगी।’ बता दें कि वर्ष 2001 में गुजरात के भुज में आए विनाशकारी भूकंप से 20,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थीं। इस तबाही में डेढ़ लाख से अधिक लोग घायल हुए थे। भूकंप ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया था।

 भारत में भूकंप के कितने जोन
  • भारत में विनाशकारी भूकंपों का इतिहास रहा है। भारत के भौगोलिक आंकड़े बताते हैं कि लगभग 59 फीसद भूमि भूकंप की चपेट में है।
  • देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा गया है। इनमें जोन 5 भूकंपीय रूप से सबसे सक्रिय क्षेत्र है, जबकि जोन 2 सबसे कम है।
  • देश का लगभग 11 प्रतिशत क्षेत्र जोन 5 में, 18 प्रतिशत जोन 4 में, जोन 3 में 30 प्रतिशत और जोन 2 में बाकी का हिस्सा आता है।
  • भारत में भूकंप का पांचवां जोन सबसे खतरनाक है। इनमें पूर्वोत्तर के सभी राज्य, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड और गुजरात के कच्छ का रण और अंडमान निकोबार द्वीप समूह आते हैं।
भूकंपीय क्षेत्रभूकंप की तीव्रता
जोन 5 (बहुत गंभीर तीव्रता वाला क्षेत्र)9 या इससे ज्यादा
जोन 4 (गंभीर तीव्रता का क्षेत्र)8
जोन 3 (मध्यम तीव्रता का क्षेत्र)7
जोन 2 (कम तीव्रता का क्षेत्र)6.0 या इससे कम

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भारत में कब-कब आया भूकंप

भारत में वैसे तो कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, लेकिन उनमें से कुछ भूकंप इतना विनाशकारी था कि इसमें हजारों लोगों की जान चली गई। देश में पांच भूकंप काफी विनाशकारी थे।

  • असम में 15 अगस्त 1950 को भूकंप आया था। 8.6 तीव्रता वाले इस भूकंप असम और तिब्बत में जबरदस्त तबाही मचाई थी। असम में 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे।
  • महाराष्ट्र के लातूर-उस्मानाबाद, किल्लारी में 1993 को 6.3 तीव्रता वाले भूकंप ने 11 हजार से अधिक लोगों की जान ली थी।
  • 1991 में चमोली में आए भूकंप के कारण 2000 लोगों की मौत हुई थी।
  • साल 2001 में गुजरात के भुज में विनाशकारी भूकंप आया था। 7.7 तीव्रता वाले इस भूकंप में 20 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि 4 लाख से अधिक इमारतें तबाह हो गई थी।
  • वहीं, सिक्किम में साल 2011 में आए भूकंप में 111 लोगों की मौत हुई थी।

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भारत के 38 शहर हैं उच्च जोखिम लिस्ट में शामिल

भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप का लगभग 59 फीसद हिस्सा भूकंप की चपेट में है और कम से कम 38 शहर उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्रों में आते हैं। इनमें कश्मीर, पश्चिमी और मध्य हिमालय, उत्तर और मध्य बिहार, उत्तर-पूर्वी भारतीय क्षेत्र, कच्छ का रण और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह कई शहर आते हैं।

 

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