उपेन्द्र कुशवाहा ने पत्र लिखकर JDU कार्यकर्ताओं को बताई ‘डील’ की बात
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने पार्टी के अंदर बगावत का बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने साफ कर दिया है कि अब वो पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ मैदान में खुलकर उतरने वाले हैं. अगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उनकी बातों पर अमल नहीं करता है, तो अंजाम चाहे जो भी हो अब वह पीछे हटने वाले नहीं है. दरअसल उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू (JDU) के नेता और कार्यकर्ताओं को एक खुला पत्र लिखा है. इस पत्र में उपेंद्र कुशवाह ने जेडीयू कार्यकर्ताओं को 19-20 फरवरी को पटना के सिन्हा लाइब्रेरी (Sinha Library) में आने का आह्वान किया है.
उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है- ‘प्रिय साथियों, हमारी पार्टी अपने आंतरिक कारणों से रोज और रोज कमजोर होती जा रही है. महागठबंधन बनने के बाद हुए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने के समय से ही मैं पार्टी की स्थिति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार अवगत कराते आ रहा हूं. समय-समय पर पार्टी की बैठकों में ही में भी मैंने अपनी बातें रखी है. विगत एक डेढ़ महीने से मैंने हर संभव तरीके से इस ओर कोशिश की है कि अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके.’
उपेन्द्र कुशवाहा ने पत्र में जो सबसे महत्वपूर्ण बाते लिखी वो है डील की बात. दरअसल उन्होंने लिखा कि राजद की ओर से एक खास डील जदयू और राजद के साथ विलय की चर्चा ने न सिर्फ पार्टी के निष्ठावान नेताओं, कार्यकर्ताओं व आम जनमानस को भी झकझोर कर रख दिया है. ऐसी परिस्थिति में हम सबके समक्ष राजनीतिक शून्यता की स्थिति बनती जा रही है. अब आवश्यकता इस बात की आ गई है कि हम सब मिलकर उस विषय पर विमर्श करें. इसलिए आपसे आग्रह है कि अपने साथियों के साथ 19 फरवरी और 20 फरवरी को 11:00 बजे सिन्हा लाइब्रेरी के पास पहुंचे भाग लें. इसके बाद चर्चा करें.
वहीं उपेन्द्र कुशवाहा के इस पत्र और आरोप के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट कर कुशवाह की ओर से बुलाई गई बैठक पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा है ‘कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना. जदयू के समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ता साथियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास है, ना कोई डील है और ना ही विलय की बात. यह सिर्फ एक मनगढ़ंत कहानी है.’
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