सीवान के परीक्षा केंद्र में हिंदी का पेपर देने पहुंचा कैदी, चोरी के आरोप में हुआ था गिरफ्तार
श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान (बिहार):
बिहार के सीवान में चोरी के आरोप में जेल में बंद एक कैदी हाथों में हथकडियां लगाए इंटर का पेपर देने परीक्षा केंद्र पर पहुंचा. बंदी परीक्षार्थी को पुलिस सुरक्षा में जेल से परीक्षा केंद्र तक लाया गया. उस पर आरोप है कि उसने चोरी की घटना को अंजाम दिया था.जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था, लेकिन मन में लगन कुछ बनने की थी, जिसको लेकर वह परीक्षा केंद्र पर इंटर का परीक्षा दे रहा है.
चोरी के आरोपी में सीवान जेल में बंद है परीक्षार्थी
बता दें कि चैनपुर ओपी थाना क्षेत्र के माधवापुर के भुयाली यादव का पुत्र मनीष यादव चोरी के आरोप में कुछ महीनों से सीवान जेल में बंद है. जेल में रहने के दौरान ही आरोपी का इंटर का एडमिट कार्ड आया. जिसके बाद जेल प्रशासन के द्वारा परीक्षा देने की अनुमति दी गई. अनुमति मिलने के बाद परीक्षार्थी पुलिस की गाड़ी में बैठकर परीक्षा देने के लिए शहर के डीएवी पीजी कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने के लिए आया, तो उसके हाथों में लोहे की हथकडियां लगी हुई थी और करीब 3 से 4 पुलिस कर्मचारी उसके साथ थे.
जेल में रहकर पढ़ाई करता है कैदी
कैदी परीक्षार्थी ने परीक्षा केंद्र पर प्रथम पाली में हिंदी की परीक्षा दी है. जिसके बाद पुलिस सुरक्षा में ही गाड़ी में बैठाकर उसे जेल भेज दिया गया. परीक्षा देने पहुंचे बंदी परीक्षार्थी मनीष यादव ने बताया कि वह चोरी के आरोप में कुछ महीनों से जेल में बंद हैं,लेकिन अपनी पढ़ाई को जेल से भी जारी रखा है,जिसके बाद परीक्षा केंद्र पर हिंदी की परीक्षा को दिया है.
कानून की पहल पर परीक्षा में शामिल हुआ कैदी
डीएवी पीजी कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर केंद्राधीक्षक के रूप में तैनात कालिका सिंह ने बताया कि जेल प्रशासन की बहुत अच्छी पहल है कि कैदी को भी परीक्षा देने का मौका दिया गया है. बंदी परीक्षार्थी का व्यवहार भी परीक्षा केंद्र पर अच्छा रहा है.
यह भी पढ़े
मेन गेट को तोड़कर चोरों ने चुरायी छह लाख रुपये की संपत्ति
बड़हरिया नगर पंचायत की सामान्य बैठक में विकास पर चर्चा
उपेन्द्र कुशवाहा ने पत्र लिखकर JDU कार्यकर्ताओं को बताई ‘डील’ की बात
भारत का राजकोषीय घाटा लक्ष्य चर्चा में क्यों?
सिधवलिया की खबरें : कैंप में 5 महिलाओं का हुआ बंध्याकरण
भारत में आपराधिक न्याय प्रशासन को और अधिक पारदर्शी एवं जवाबदेह कैसे बनाया जा सकता है?