विपक्ष शासित राज्य बढ़ा रहे पेट्रोल व डीजल पर टैक्स-सीतारमण, वित्त मंत्री
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्र सरकार से पेट्रोल व डीजल पर टैक्स घटाने की मांग करने वाले विपक्षी पार्टियों को वित्त मंत्री सीतारमण ने उल्टा उनके ही पैंतरे से घेरने की कोशिश की है। आम बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस व टीएमसी की तरफ से केंद्र सरकार पर आरोप लगाया गया है कि वह पेट्रो उत्पादों पर ज्यादा टैक्स वसूली रही है। इस पर सीतारमण ने आंकड़ों के साथ यह तथ्य रखा कि किस तरह से हिमाचल प्रदेश और केरल की कांग्रेस सरकार व पंजाब की आप सरकार ने वैट (स्थानीय टैक्स) की दरों को बढ़ा दिया है।
राज्य सराकारों द्वारा वैट में नहीं की गई कटौती
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हाल ही में कांग्रेस सत्ता में आई है और उसने डीजल पर वैट बढ़ा दिया है। केरल सरकार ने फरवरी, 2023 में सामाजिक सुरक्षा टैक्स के नाम पर दो रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त टैक्स लगाया है। पंजाब सरकार ने भी 95 पैसे प्रति लीटर का टैक्स बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ हर भाजपा शासित राज्य ने पेट्रोल व डीजल पर वैट को घटा कर आम जनता को राहत दी है।
केंद्र सरकार के तरफ से की गई थी उत्पादन शुल्क में कटोती
केंद्र सरकार ने भी नवंबर, 2021 में और जून, 2022 में उत्पाद शुल्क में कटौती कर आम जनता पर बोझ नहीं बढ़ने दिया। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और झारखंड की तरफ से भी वैट में कोई कमी नहीं की गई। लोकसभा में आम बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने बजट में उठाये गये कदमों के बारे में बताते हुए कहा कि आम बजट 2023-24 में नई आय कर प्रणाली को लागू करने की जो व्यवस्था की गई है उससे आम जनता के हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा राशि बचेगी।
वित्त मंत्री ने बजट को बताया संतुलित
वित्त मंत्री ने 01 फरवरी, 2023 को पेश बजट को राजकोषीय हालात को ध्यान में रख कर तैयार किया गया एक बेहद ही संतुलित बजट बताया जो मध्यम वर्ग व ग्रामीण जनता के साथ ही रोजगार सृजन व ग्रीन ग्रोथ पर भी ध्यान दे रही है, ताकि अगले वित्त वर्ष के दौरान भी भारत को दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना कर रखेगा।
‘जीजा-भतीजा का समर्थन करने वाली पार्टी नहीं है भाजपा’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में बजट 2023-24 पर हुई चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट राजकोषीय विवेक की सीमा के भीतर भारत की विकास अनिवार्यताओं की आवश्यकता को आश्चर्यजनक रूप से संतुलित करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि सरल शब्दों में कहा जाए तो बजट 2023-24 राजकोषीय विवेक की सीमा के भीतर भारत की विकास अनिवार्यताओं की आवश्यकता को आश्चर्यजनक रूप से संतुलित करता है। यह बहुत ही नाजुक संतुलित रणनीति है।
राज्यों को ट्रांसफर किए जा रहे संसाधन
इसी बीच निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी संसाधनों को राज्यों को ट्रांसफर किया जा रहा है, यानी टैक्स से केंद्रीय हिस्सा और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत रिलीज कुल मिलाकर 17.98 लाख करोड़ होने का अनुमान है। यह पिछले साल की तुलना में 1.55 लाख करोड़ ज्यादा है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हम किसी एक व्यक्ति को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि सभी को ध्यान में रखकर नीतियां बनाते हैं। हम जीजा और भतीजा का समर्थन करने वाली पार्टी नहीं हैं। यह कांग्रेस की संस्कृति है।
हिमाचल सरकार ने क्यों बढ़ाया वैट ?
वित्त मंत्री ने कहा कि गौरव गोगोई को हिमाचल सरकार से पूछना चाहिए कि चुनाव जीतने के तुरंत बाद डीजल पर 3 रुपये वैट क्यों बढ़ाया। कांग्रेस की संस्कृति पहले आरोप लगाने और जवाब सुनने की जगह चिल्लाने और वॉकआउट करने की है। उन्होंने कहा कि अभी भी देख लीजिए सच्चाई सामने आने पर चिल्ला रहे हैं।
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