बाराबंकी की खबरें : लोधेश्वर महादेवा में लाखों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
जगह-जगह हुए भंडारे के आयोजन
श्रीनारद मीडिया, लक्ष्मण सिंह, बाराबंकी, यूपी :
रामनगर बाराबंकी। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर रामनगर तहसील क्षेत्र के लोधेश्वर महादेवा में अर्धरात्रि से ही दूरदराज से आए हुए कांवरियों ने पंक्ति बद्ध होकर बम बम भोले के उद्घोष के साथ शिवजी का जलाभिषेक किया। उत्तर प्रदेश के महोबा, उरई, जालौन ,बांदा, हमीरपुर, उन्नाव ,रायबरेली, प्रतापगढ़ ,सीतापुर, शाहजहांपुर, लखनऊ ,कानपुर नगर, कानपुर देहात ,कन्नौज, फर्रुखाबाद ,इटावा
,मैनपुरी सहित बुंदेलखंड क्षेत्रों के कांवरियो का लोधेश्वर महादेवा में बसंत पंचमी से ही दर्शन पूजन तथा जलाभिषेक करना प्रारंभ कर दिया था किंतु महाशिवरात्रि के पुनीत अवसर पर श्रद्धालुओं का लाखों की तादाद में रेला उमड़ पड़ा। पूरा मेला क्षेत्र ढोल नगाड़े की धुन तथा बम बम भोले के स्वर में गुलजार था।
मेला प्रभारी/ चौकी प्रभारी सुरेश मिश्र की देखरेख में मेला शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। मेला की सुरक्षा व्यवस्था हेतु एक हजार से अधिक पुलिस के जवान लगाए गए थे जिसमें महिला पुलिस की भी काफी संख्या थी। मेले में लगने वाली दुकानों में सामान का रेट बोर्ड लगाए जाने तथा भीड को नियंत्रित किए जाने के उपायों से मेले में कोई अप्रिय वारदात समाचार लिखे जाने तक नहीं हुई।
कांवरियों की सेवा के लिए समाजसेवियों ने भी आगे आकर बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मेला क्षेत्र सहित रास्ते में जगह-जगह जल-पान,भंडारा तथा चिकित्सा स्वास्थ्य शिविर लगाए गए। बुढ़वल शुगर मिल के पास ग्राम प्रधान बिछलखा स्वेता मिश्रा व सचिव मनोज मिश्रा
द्वारा दूसरे दिन देर रात तक भंडारा चलता रहा वही रामनगर ब्लॉक मुख्यालय पर खंड विकास अधिकारी अमित त्रिपाठी ब्लॉक प्रमुख संजय तिवारी और सेवानिवृत्त प्रधान सहायक विनोद मिश्रा सहित समस्त कर्मचारियों के सहयोग से तीसरे दिन निरंतर भंडारे का आयोजन किया गया। मेला क्षेत्र में भी दूरदराज के श्रद्धालुओं ने आकर के मेला क्षेत्र में भंडारे का आयोजन किया।
रामनगर महादेवा के लोधेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग का महाभारत कालीन है इतिहास
श्रीनारद मीडिया, लक्ष्मण सिंह, बाराबंकी, यूपी :
बाराबंकी महादेवा मंदिर का महाभारत कालीन इतिहास रामनगर महादेवा के लोधेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग का महाभारत कालीन इतिहास से लेकर इस मंदिर की ख्याति पूरे देश में है बुजुर्गों द्वारा बताया गया है कि यहां पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान काफी वक्त महादेवा में बिताया था रूद्र महायज्ञ के बाद महर्षि व्यास की प्रेरणा से शिवलिंग की स्थापना की जो कालांतर में गंडक नदी की बाढ़ में दब गया और बाद में शिव भक्त राम अवस्थी को उनके खेत में प्राप्त हुआ हुआ था इसका नाम लोधेश्वर महादेव पड़ गया कहा जाता है कि पांडवों के अज्ञातवास काट रहे थे तो वह कुछ समय के लिए अब बाराबंकी आए थे
यहां गंडक नदी मौजूदा घाघरा और यहां कुछ दिन रुक गए महर्षि व्यास की सलाह पर माता कुंती ने रुद्र महायज्ञ किया की सफलता के लिए शिवलिंग की स्थापना पर विचार हुआ महाबली भीम बद्रीनाथ केदारनाथ के पहाड़ी इलाके में जहां से प्रखंड लेकर चलने लगे एक को लेकर जब चलने लगे तो दिक्कत हुई उन्होंने बनाकर उत्तर का एक और रख लिया और चले आए तभी से बल्कि इसे कहते हैं कि प्रकाशित हुई और भक्त कांवर लेकर चलने लगे एक शिवलिंग को महाराज युधिष्ठिर ने महादेवा में दूसरे को माता कुंती में पूर्व में स्थापित
कर पूजा-अर्चना की कालांतर में महादेवा की शिवलिंग नदी की बाढ़ की मिट्टी में दब गया और वहां खेत बन गया लो लो धारा के शिव भक्त लोधी राम अवस्थी के परम भक्त थे जो धारा के शिव भक्त राम भक्त खेत पर एक दिन पानी लगा रहे थे तो एक स्थान पर पानी समाने लगा लाख प्रयास करने के बाद ही पानी समक्षम आना बंद नहीं हुआ तो निराधार लौट आए रात में उनको सपना आया और महाभारत कालीन शिवलिंग के दबे होने की जानकारी हुई सुबह उस स्थान पर जब खुदाई की तो शिवलिंग के दर्शन हुए वहीं उनकी मठिया बनवा कर पूजा शुरू हो गई बाद में बाबा बेनीसागर ने एक मंदिर बनवाया तभी से यहां पूजा शुरू हो गई वर्ष में सावन अगहन फाल्गुनी मेले में भारी भीड़ होती है प्रत्येक सोमवार को भी यहां श्रद्धालु आकर जल चढ़ाते हैं
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