तुर्किये से लौटे बचावकर्मियों से PM मोदी ने की बातचीत.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद बचाव कार्यों में सहायता के लिए पहुंचे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कार्मिक वापस भारत लौट आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भूकंप प्रभावित तुर्किये में बचाव कार्यों में भाग लेकर वापस लौटे भारतीय सहायता और आपदा राहत दलों से बातचीत की और उनके काम की सराहना की।
मोदी ने तुर्किये-सीरिया की हर संभव सहायता के दिए निर्देश
पीएम मोदी ने ट्वीट में जानकारी दी कि उन्होंने तुर्किये और सीरिया में ‘ऑपरेशन दोस्त’ में शामिल कार्मिकों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने और राहत पहुंचाने में उनके प्रयास सराहनीय रहे हैं। एनडीआरएफ की कुल तीन टीमों को 7 फरवरी को भूकंप प्रभावित तुर्किये भेजा गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इन टीमों को निर्देश दिए थे कि भूकंप-पीड़ित तुर्किये की हर संभव सहायता की जाए।
जिंदगी की तलाश में 35 जगह खंगाला मलबा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर जानकारी दी कि ऑपरेशन दोस्त के तहत एनडीआरएफ की आखिरी टीम तुर्किये से वापस भारत लौट चुकी है। एनडीआरएफ के 151 कार्मिकों और डॉग स्क्वायड की 3 टीमों ने भूकंप प्रभावित तुर्की की सहायता की। उन्होंने बताया कि इन टीमों ने नूरदगी और अंटाक्या के 35 जगहों में मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश की और बचाव एवं राहत कार्य किए।
तुर्किये ने जताया भारत का आभार
6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप में दोनों देशों के विभिन्न हिस्सों में 40,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। इस आपदा में तुर्किये और सीरिया को सहायता प्रदान करने के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ शुरू किया था।ऑपरेशन दोस्त के तहत भारत ने तुर्किये और सीरिया को दवाइयां और सुरक्षा उपकरण भेजे। तुर्किये के विदेश मंत्रालय ने राहत कार्यों और सहयोग के लिए भारत का आभार जताया है।
तुर्किये और सीरिया में छह फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के कारण करीब 45,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस विनाशकारी भूकंप के कारण भारी संख्या में जानमाल की क्षति हुई है। अभी भी कई लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा रहा है। भारत ने इस मुश्किल समय में दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए ऑपरेशन दोस्त शुरू किया है,
जिसके तहत भारतीय सेना तुर्किये में आए भूकंप के कारण मलबे में फंसे लोगों के लिए राहत और बचाव का कार्य और उन्हें चिकित्सीय मदद कर रही है। भारत सेना की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन दोस्त के तहत एक फोटो वायरल हो रही है, जो मेजर बीना तिवारी की है। इस लेख के माध्यम से आइए हम बताते हैं कि कौन है बीना तिवारी और क्यों हो रही हैं वायरल।
भारत कर रहा है भूकंप प्रभावित देशों की मदद
तुर्किये और सीरिया में पिछले दिनों आए आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद भारत इन दोनों देशों की मदद कर रहा है। भारत की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन दोस्त के कारण इस अभियान में 50वीं पैरा ब्रिगेड(स्वतंत्र), सात पैरा फील्ड के अधिकारी और कई जवान राहत-बचाव कार्य में लगाए गए हैं। इसी मिशन में एंबुलेंस अधिकारी बीना तिवारी भी शामिल हैं और घायलों को बचाने के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं।
देहरादून की रहने वाली हैं बीना तिवारी
मेजर बीना तिवारी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की रहने वाली हैं। उन्होंने आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह सेना में अपनी सेवाएं दे रही हैं। मेजर बीना तिवारी अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं, जो सेना में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनके दादाजी सेना में सूबेदार के पद पर तैनात थे,
जबकि पिता 16 कुमाऊं इंफेंट्री में थे। मालूम हो कि बिना भूंकप प्रभावित इलाकों में मदद के लिए भेजी गई 14 डॉक्टर और 86 पैरा मेडिक्स की टीम में एकमात्र महिला अधिकारी हैं। वह 60 पैरा फील्ड अस्पताल में एकमात्र महिला अधिकारी के रूप में भी तैनात हैं।
बीना तिवारी की तस्वीर हो रही खूब वायरल
डॉ. बीना तिवारी इन दिनों इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही हैं और दुनियाभर से उन्हें प्यार मिल रहा है। मालूम हो कि भूकंप पीड़ितों की मदद के दौरान एक बुजुर्ग महिला ने जान बचाने के लिए शुक्रिया कहते हुए उन्हें गले लगाया है, वहीं एक दूसरी फोटो में डॉ. बीना एक बच्ची की जांच कर रही हैं। ऐसे में यह दोनों तस्वीरें इन दिनों इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही हैं।
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