बैंकों के ग्राहकों के लिए एक बुरी खबर
श्रीनारद मीडिया, राकेश सिंह, स्टेट डेस्क:
बैंकों के ग्राहकों के लिए एक बुरी खबर है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इन बैंकों के बचत और चालू खाता ग्राहकों (सेविंग्स और करेंट अकाउंट कस्टमर्स) के लिए पैसे निकालने की लिमिट 5,000 रुपये तक सीमित कर दी है. रिजर्व बैंक ने यह फैसला इन बैंकों की कमजोर लिक्विडिटी पोजिशन को देखते हुए लिया है.
आरबीआई समय-समय पर बैंकों की स्थिति को देखते हुए कई बड़े फैसले लेता है. आइए आपको बताते हैं कि अब आरबीआई किन बैंकों पर और क्यों प्रतिबंध लगाया है. रिजर्व बैंक ने कुछ खास सहकारी बैंकों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन पर कई तरह की रोक लगाई है. यह एक्शन 5 बैंकों के खिलाफ लिया गया है, जिसमें से 2 बैंकों के ग्राहक अपने खाते से सिर्फ 5000 रुपये तक का ही पैसा निकाल सकते हैं.
बता दें यह प्रतिबंध आने वाले 6 महीनों तक लागू रहेंगे. आरबीआई ने कमजोर लिक्विडिटी की पोजीशन को देखते हुए उर्वाकोंडा सहकारी नगर बैंक, उर्वाकोंडा (अनंतपुर जिला, आंध्र प्रदेश) और शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक, अकलुज (महाराष्ट्र) बैंक पर प्रतिबंध लगाया है, जिसकी वजह से ग्राहक खाते से सिर्फ 5000 रुपये की निकासी कर सकेंगे. इसके अलावा ये बैंक किसी भी तरह की लोन या फिर एडवांसेज को भी रिन्यू नहीं कर सकेंगे.
बैंक किसी भी तरह का निवेश भी नहीं कर सकेगा. साथ ही दोनों बैंक कोई भी एग्रीमेंट या फिर अपनी प्रापर्टी को सेल या ट्रांसफर भी नहीं कर सकेंगे. आरबीआई की ओर से जारी किए गए सर्कुलर में बताया गया है कि बैंक अपनी आर्थिक स्थितियों को सुधारने तक पाबंदियों के साथ बैंकिंग बिजनेस को जारी रखेंगे.
वहीं, एचसीबीएल सहकारी बैंक, लखनऊ (उत्तर प्रदेश), आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और शिमशा सहकार बैंक नियमित, मद्दुर, मांड्या (कर्नाटक) की मौजूदा नकदी स्थिति के कारण इन बैंकों के ग्राहक अपने खातों से रुपये की निकासी नहीं कर सकेंगे. आरबीआई ने कहा कि पांचों सहकारी बैंकों के पात्र जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम से पांच लाख रुपये तक जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे.
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