मातृ-शिशु देखभाल, ओपीडी व इमरजेंसी सेवाओं में बेहतरी को ले आवश्यक कदम उठाने के लिए दिशा-निर्देश:
समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिया गया आवश्यक दिशा-निर्देश:
स्वास्थ्य विभाग से जुडी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के संबंध में की गई चर्चा: डीडीसी
राज्य स्तरीय रैंकिंग के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की आवश्यकता: साहिला
श्रीनारद मीडिया‚ पूर्णिया (बिहार)
स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्टता लाने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर लगातार प्रयास किया जा रहा है। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मूलभूत सुविधाओं को लागू करने के साथ ही बेहतर उपचार कराने के लिए आने वाले सभी तरह के मरीज़ों के साथ उचित व्यवहार अपनाते हुए बेहतर सेवा उपलब्ध कराने की कवायद की जा रही है। जिसके लिए जिलाधिकारी सुहर्ष भगत के दिशा-निर्देश में जिले की स्वास्थ्य योजनाओं को प्रभावी रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने की दिशा में भी कारगर पहल की जाती है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों को लेकर जिला उपविकास आयुक्त साहिला की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक समाहरणालय सभागार में आयोजित की गई। इस अवसर पर डीडीसी साहिला, सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, डीपीआरओ दिलीप सरकार, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास सहित जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम के अलावा यूनिसेफ के शिव शंकर आनंद उपस्थित थे।
स्वास्थ्य विभाग से जुडी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के संबंध में की गई चर्चा: डीडीसी
समीक्षा बैठक के दौरान डीडीसी साहिला के द्वारा नीति आयोग के सूचकांक, मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले मरीज़ों की देखभाल, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से संचालित आयुष्मान भारत कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम, प्रजनन बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरसीएच), अनमोल सहित कई अन्य कार्यक्रमों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। वहीं बायसी अनुमंडल क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आवश्यक क़दम उठाने की जरूरत है। तो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र यथा- मधुबनी, माता स्थान, गुलाबबाग, माधोपरा, पुर्णिया सिटी एवं कोर्ट के एमओआईसी को नियमित टीकाकरण एवं सभी तरह के प्रसव पूर्व जांच को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जनवरी-2023 तक 75,194 संस्थागत प्रसव, 1,12,190 प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) का पंजीकरण, 89,160 एक वर्ष तक के बच्चों का नियमित टीकाकरण हुआ है। जिले में 392 टीबी के मरीज़ों की खोज की गई है। जिसमें सरकारी स्तर पर 234 जबकि 219 ग्रामीण चिकित्सकों के द्वारा टीबी रोगियों को दवा खिलाई जा रही है।
राज्य स्तरीय रैंकिंग के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की आवश्यकता: साहिला
जिला उपविकास आयुक्त साहिला ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा बिहार के सभी जिलों में स्वास्थ्य से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी मामलों की समीक्षा की जाती है। जिसके आधार पर राज्य स्तर पर उसका आकलन किया जाता है। सरकार द्वारा संचालित सभी तरह के कार्यक्रमों का संचालन नियमित रूप से होना चाहिए। जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में मातृ-शिशु देखभाल, परिवार नियोजन, ओपीडी व इमरजेंसी सेवाओं में बेहतरी को लेकर आवश्यक कदम उठाने के लिए दिशा-निर्देश दिया गया। स्वास्थ्य विभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार की योजनाओं का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित कराते हुए स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संचालन के लिए राज्य स्तरीय रैकिंग में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित कराने को लेकर आवश्यक रूप से कार्य करने पर बल दिया गया है।
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