कोई भी अपराधी चरित्र का व्यक्ति नहीं हो सकता है समाज का आइकॉन-प्रो अशोक प्रियंवद
* विकासात्मक बदलाव के लिए सकारात्मक सोच आवश्यक
श्रीनारद मीडिया‚ सीवान (बिहार)
सकारात्मक सोच से ही समाज में विकासात्मक बदलाव संभव है। अतीत वैभवशाली होने से ही हम विकास के पथ पर अग्रसर नहीं हो सकते। इसके लिए हमें संघर्ष करने की आवश्यकता है। ये बातें बिहार दिवस के मौके पर आयोजित ‘बिहार और विकास’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जेड ए इस्लामिया कॉलेज, सीवान के प्रोफेसर डॉ अशोक प्रियंवद ने कहीं। उन्होंने कहा कि बच्चों के मन में आपराधिक तत्वों को महामंडित करने वाले तथ्यों के प्रवेश नहीं होने देना है। ऐसे लोगों को आइकॉन नहीं बनने देना है।
विदित हो कि सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय तरवारा रोड स्थित गरीब हॉस्पिटल के प्रांगण में बिहार दिवस पर ‘बिहार और विकास’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता ऊर्दू के स्कॉलर जबीउल्लाह ने की। मंच संचालन पत्रकार आनंद मिश्र ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य वक्ता प्रो डॉ अशोक प्रियवंद, कार्यक्रम के आयोजक सह गरीब हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ अशरफ अली, रिसर्च स्कॉलर राजेश पांडेय, बीजेपी नेता अनुरंजन मिश्र, पूर्व मुखिया सुनील चन्द्रवंशी आदि ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया।
इसमें वक्ताओं ने बिहार के अस्तित्व में आने के बाद बिहार में हुए विकास के विभिन्न आयामों पर चर्चा की। इस मौके पूर्व आचार्य प्रो रामवतार यादव ने कहा कि विकास के लिए हमें सकारात्मक सोच के साथ मनोयोग से कर्म करते रहना होगा। बिहार के विकास में हमारी नीतियां अवरोधक रही हैं। बिहारियों में काफी हुनर है, जो देश के कोने-कोने में अपना नाम रोशन कर रहे हैं।
तनवीर जकी ने कहा कि सरकारों का काम करना है। लेकिन हमें भी अपनी मानसिकता बदलनी होगी।सकारात्मक सोच और विचार से बिहार का विकास और बेहतर होगा।
जबकि स्कॉलर राजेश पांडेय ने बिहार के गौरवशाली अतीत व समृद्धि भूगोल पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमें गौरवशाली इतिहास से सबक लेना चाहिए। बच्चों का बताना होगा कि किसी जमाने में ज्ञान की गंगा बिहार की धरती से निकली है और पूरी दुनिया को पुष्पित-पल्लवित की है।
आयोजक डॉ अशरफ अली ने कहा कि बिहार सभी क्षेत्रों में बहुत अधिक विकास किया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सहित अन्य क्षेत्रों में हमने विकास का सफर किया। लेकिन हम दुनिया को देखते हैं तो हमारा विकास बौना लगता है। यह विकास जनाकांक्षाओं के अनुरुप नहीं है। विकास के लिए जनमानस का बदलना आवश्यक है।
संगोष्ठी में भाजपा नेता अनुरंजन मिश्र, तनवीर जकी, मौलाना शमशाद मिसबाही, पप्पू सर, बसीर अहमद उर्फ लालबाबू, नेयाज अहमद,कौसर अली,लक्की आदि ने अपने-अपने विचार रखे।
इस मौके पर डॉ अशरफ अली, डॉ आरके सिंह, पूर्व बीआरपी शर्मानन्द प्रसाद,महताब खान,पैक्स अध्यक्ष राजेश सिंह, गुलाम हुसैन,पूर्व मुखिया मो हासिम,अनिल मिश्र, शिक्षक नेता महेश प्रभात, हरेंद्र पंडित, राजकिशोर यादव, टी अहमद, प्रो मुर्तुजा, शहाबुद्दीन अहमद, मो युनुस, टुनटुन यादव, आमिर आजम, पंकज पांडेय,लक्की बाबू,नूरशीद,राजेंद्र यादव,शंटू शर्मा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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