यूट्यूबर मनीष कश्यप रिमांड में उगले कई राज, भेजा गया बेऊर जेल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
यूट्यूबर मनीष कश्यप को फिर से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मनीष कश्यप बेऊर जेल जाएगा। विशेष कोर्ट में उसकी पेशी हुई, जहां से जेल भेज दिया गया। बता दें कि EOU की चार दिनों की रिमांड सोमवार की शाम पूरी हो गई। EOU ने मनीष को फिर से रिमांड की अपील नहीं की थी।
मनीष को तमिलनाडु पुलिस पूछताछ के लिए अपने साथ ले जाना चाहती है। इसके लिए कोर्ट में अपील भी अलग से की गई है। कोर्ट ट्रांजिट रिमांड पर विचार करेगी। फिलहाल उसे जेल भेज दिया गया है।
इधर मनीष के पार्टनर और ‘सच तक’ कंपनी के डायरेक्टर मणि द्विवेदी के फ्लैट से आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने 3 रजिस्टर और 2 चिप कार्ड बरामद किया है। जिसे जांच एजेंसी ने जब्त कर लिया है।
रजिस्टर में रुपयों का लेन-देन
बरामद किए गए रजिस्टर में रुपयों के लेन-देन का हिसाब लिखा हुआ है। अब इस रजिस्टर को EOU की टीम काफी बारीकी से जांच करेगी। रुपयों का लेनदेन कब, क्यों और किसके साथ किए गए? इसकी पड़ताल होगी।
सोमवार को EOU की तरफ से इसकी पुष्टि की गई है। वहीं, जब्त किए गए चिप कार्ड को भी खंगाला जाएगा। इस बात की पड़ताल की जाएगी कि कार्ड के अंदर क्या-क्या रखा हुआ है? कहीं कोई वीडियो तो नहीं है? इसके अलावा कुछ और डॉक्यूमेंट्स भी फ्लैट से जब्त किए गए हैं।
मणि द्विवेदी अब भी फरार है। जांच एजेंसी को उसकी तलाश है। इसके मिलने कई नई बातें सामने आ सकती हैं। सबूत जुटाने के लिए टीम ने रविवार को महेश नगर के रोड नंबर जीरो स्थित पूजा अपार्टमैंट के B ब्लॉक फ्लैट नंबर 201 में छापेमारी की थी। ये फ्लैट मणि द्विवेदी का है। अक्सर मनीष कश्यप यहां ठहरता भी था।
खत्म हुई रिमांड, जेल भेजा गया मनीष
पिछले 5 दिनों से मनीष कश्यप लगातार EOU के रिमांड पर था। पहले वो महज एक दिन के रिमांड पर जांच एजेंसी को सौंपा गया था। पर डिटेल पूछताछ नहीं हो पाने के कारण जांच एजेंसी ने उसकी रिमांड की अवधि बढ़ाने की मांग की थी। इसके बाद ही कोर्ट ने फिर 4 दिन के लिए दोबारा रिमांड पर देने का आदेश दिया। सूत्र बताते हैं कि जिन सवालों का जवाब EOU को जानना था, वो जान चुकी है। इसलिए उन्हें मनीष कश्यप की रिमांड पर लेने की जरूरत नहीं है।
जारी है मोबाइल की तलाश
जिस मोबाइल से मनीष कश्यप वीडियो बनाया करता था, वो मोबाइल अब भी लापता है। EOU को उस मोबाइल की तलाश अब भी है। इसकी तलाश में अब तक कई जगहों पर छापेमारी हो चुकी है। मणि द्विवेदी के फ्लैट पर भी मोबाइल की तलाश की गई थी। पर जांच एजेंसी की माने तो उन्हें वो मोबाइल वहां भी नहीं मिली। इसके बाद भी EOU की टीम ने मोबाइल की तलाश को जारी रखा है। क्योंकि, जांच एजेंसी को लगता है कि इसके हाथ लगने से फर्जी वीडियो या दूसरे वीडियो के मामले में कई अहम सुराग हाथ लग सकते हैं।
आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम यूपी पुलिस के साथ नोएडा में मनीष कश्यप के फ्लैट पर छापेमारी की। टीम को फ्लैट से वह मोबाइल नहीं मिला, जिससे फर्जी वीडियो शूट करने और वायरल करने का आरोप है। EOU अफसरों का कहना है कि मनीष कश्यप न सही बात बता रहे हैं और न ही कोर्ट में सही जानकारी दे रहें। मनीष कश्यप के बताए जगह पर मोबाइल तलाशने EOU के डीएसपी शुक्रवार को नोएडा पहुंचे थे। जिस चीज की तलाश में टीम बिहार से वहां गई, घंटों तलाशने के बाद भी वो नहीं मिली।
बिहार के सबसे चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप के सितारे इन दिनों गर्दिश में हैं। वह तमिलनाडु में मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो के मामले में जेल में हैं। संपत्ति की कुर्की के बाद अब छापे पर छापे पड़ रहे हैं। पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। मनीष इंजीनियर हैं, राजनीति में भी किस्मत आजमा चुके हैं। विधायक बनने का सपना पूरा नहीं हुआ तो वह एक यूट्यूबर बन गए। आज मनीष के यूट्यूब चैनल पर 61 लाख और फेसबुक पर 40 लाख फॉलोवर्स हैं।
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