मांझी की खबरें : नहाने के दौरान बच्चा डूबा
श्रीनारद मीडिया, सचिन पांडेय, मांझी, सारण (बिहार):
नगर पंचायत के मधेश्वर नाथ घाट पर नहाने के दौरान एक बच्चे की डूब गया. डूबे हुए बच्चे की पहचान दक्षिण टोला गांव निवासी मुन्ना प्रसाद का दस वर्षीय पुत्र सुधीर कुमार बताया जाता हैं. घटना के संबध में मिली जानकारी के अनुसार सुधीर अपने दोस्त के साथ नदी में नहा रहा था.
नहाने के दौरान गहरे में चला गया.बहुत देर होने पर जब वह घर पर नहीं दिखा तो परिजन उसे खोजना शुरू किए. काफी देर के बाद परिजनों को मालुम हुआ की वह सरयू नदी में नहाने के लिए गया हैं.परिजन जब घाट पर गए तो सायकिल, चपल तथा शर्ट बाहर ही था. तब परिजनों को आशंका हुआ की नदी में नहाने दौरान डूब गया है.
घटना की सुचना मिलने के बाद सीओ धनंजय कुमार थानाध्यक्ष अशोक कुमार दास दल बल के साथ मधेश्वर नाथ घाट पर पहुंच कर मामले की छानबीन में जुट गए. शव को ढूंढने के लिए स्थानीय गोताखोरो को लगाया गया है.
लोक आस्था का महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य
श्रीनारद मीडिया, सचिन पांडेय, मांझी, सारण (बिहार):
मांझी में लोक आस्था का महापर्व चैती छठ पर्व पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. इस अवसर पर सोमवार की शाम पहला अर्घ्य देने के लिए सरयू नदी के मांझी रामघाट, बैरिया घाट व सोनासती घाट सहित दर्जनों घाटों पर व्रतियों की भाड़ी भीड़ उमड़ी.
वही छठ पूजा पंडाल का उद्घाटन राजद नेता सुधांशु रंजन,चेयरमैन प्रतिनिधि बिट्टू राय, उप मुख्य पार्षद प्रतिनिधि कृष्णा सिंह पहलवान, डॉ बिनोद सिह ,धनन्जय सिंह ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया जहाँ बड़ी संख्या में नगर पंचायत के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे
बता दें कि सोमवार की शाम स्थानीय गांवों से भी बड़ी संख्या में जूट व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया. प्रशासन की ओर से सुरक्षा व शांति व्यवस्था के लिए हर सम्भव उपाय किये गए हैं.सीओ धनन्जय कुमार मौके पर मौजूद रहे वही गोताखोरों के साथ नदी के किनारे-किनारे छठ घाटों का मोनिटरिंग करते दिखे.
वहीं किसी अनहोनी के मद्देनजर मांझी रेलपूल पर युवकों को सेल्फी लेने पर पाबंदी थी. किसी भी घटना को रोकने के लिए पुलिस सतर्क दिखी. चिकित्सा सुविधा को लेकर एक पांच सदस्यीय डॉक्टरों की टीम भी ड्यूटी पर लगाई गई है.
विभिन्न छठ घाटों पर पूजा समितियों द्वारा भी लगातार श्रद्धालुओं को निर्देश दिए जा रहे थे और उन्हें फल फुल के साथ साथ दूध का वितरण किया गया. मंगलवार की अहले सुबह एकबार फिर से व्रतियों का घाटो पर तांता लगेगा और दूसरा अर्घ्य देने के बाद व्रत संपन्न होगा.
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