Tiger#50: बाघों की संख्या 3167,PM मोदी ने जारी किए आंकड़े

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के मैसूर में टाइगर प्रोजेक्ट के 50 वर्ष पूरे होने पर इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (IBCA) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर एक स्मारक सिक्का भी जारी किया। पीएम मोदी ने बाघों की नई गणना रिपोर्ट जारी की है। भारत में बाघों की संख्या बढ़कर 3 हजार 167 हो गई है। 2006 में यह संख्या 1411 थी। इससे पहले 2018 व 2019 में जारी बाघों की गणना में 2967 संख्या पाई गई थी।

भारत ने टाइगर को बचाया- पीएम मोदी

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी एक बेहत महत्वपूर्ण पड़ाव के साक्षी बन रहे हैं, प्रोजेक्ट टाइगर को 50 वर्ष हो गए हैं। भारत ने न सिर्फ टाइगर को बचाया है, बल्कि उसे फलनेफूलने का एक बेहतरीन ईको सिस्टम दिया है। उन्होंने कहा जब अनेक टाइगर रिजर्व देशों में उनकी आबादी स्थिर है या आबादी घट रही है तो फिर भारत में तेजी से बढ़ क्यों रही है? इसका उत्तर है भारत की परंपरा, भारत की संस्कृति और भारत के समाज में बायो डायवर्सिटी को लेकर, पर्यावरण को लेकर हमारा स्वाभाविक आग्रह।

प्रकृति की रक्षा करना भारतीय संस्कृति का अंग- पीएम मोदी

प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के उद्घाटन सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रोजेक्ट टाइगर बड़ी बिल्लियों की सुरक्षा और संरक्षण का मार्ग प्रशस्त करता है। प्रकृति की रक्षा करना भारतीय संस्कृति का अंग है। प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व की बात है। भारत ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं और दुनिया की बाघों की आबादी का 75 फीसद भारत में है।

पीएम मोदी ने किया नामीबिया के चीतों का जिक्र

पीएम मोदी ने आगे कहा कि दशकों पहले भारत से चीते विलुप्त हो गए थे, हम शानदार चितों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रिका से भारत लेकर आए। कुछ दिन पहले ही कूनो नेशनल पार्क में 4 सुंदर शावकों ने जन्म लिया है।उन्होंने कहा यह बिग कैट का पहला सफल ट्रांस-कॉन्टिनेंटल ट्रांसलेशन है। लगभग 30,000 हाथियों के साथ, हम दुनिया में सबसे बड़े एशियाई हाथियों की श्रेणी वाले देश हैं।

एलिफेंट व्हिस्परर्स डॉक्यूमेंट्री का पीएम मोदी ने किया जिक्र

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा जिस एलिफेंट व्हिस्परर्स डॉक्यूमेंट्री को ऑस्कर मिला है, वह भी नेचर और क्रिएचर के बीच के अद्भुत संबंधों की हमारी विरासत को दर्शाती है। मेरा आग्रह है कि आप हमारे आदिवासी समाज के जीवन और परंपरा से अपने देश और समाज के लिए कुछ न कुछ लेकर जाएं।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व पहुंचे। इस दौरान उन्होंने थेप्पाकडू हाथी शिविर में हाथी को गन्ना भी खिलाया। पीएम मोदी ने ऑस्कर विजेता डॉक्यूमेंट्री ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ वाले कपल बोमन-बेली से भी मुलाकात की।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व का दौरा किया। इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (IBCA) दुनिया की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों यानि बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता के संरक्षण एवं सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा।

देश में 2014 के बाद से सातों जीवों की बढ़ी आबादी

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2019 में विश्व नेताओं से इस पहल का आह्वान किया था, ताकि एशिया में इन जीवों के अवैध शिकार और व्यापार को रोका जा सके। बता दें कि देश में 2014 के बाद से इन सातों जीवों की आबादी बढ़ी है। इनमें बाघों की आबादी 33 प्रतिशत बढ़कर 2018 में 2,967 पर पहुंच गई, जबकि 2014 में यह 2,226 थी। बाघों की अंतिम गणना 2018 में हुई थी।

जंगल सफारी में दिखा पीएम मोदी का स्टाइलिश अंदाज

पीएम नरेंद्र मोदी ने बांदीपुर टाइगर रिजर्व से जुड़ी कुछ तस्वीरों को ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘सुबह का समय सुंदर बांदीपुर टाइगर रिजर्व में बिताया और भारत के वन्य जीवन, प्राकृतिक सुंदरता और विविधता की झलक देखी।

बाघों की आबादी का नवीनतम आंकड़ा जारी करेंगे पीएम मोदी

प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 2022 की जनगणना के आधार पर बाघों की आबादी का नवीनतम आंकड़ा जारी करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बांदीपुर टाइगर रिजर्व में संरक्षण के प्रयासों में शामिल फ्रंटलाइन फील्ड स्टाफ और स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत करेंगे।

गुजरात में शेरों की आबादी में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई

बता दें कि मजबूत संरक्षण प्रबंधन और मजबूत सुरक्षा के परिणामस्वरूप गुजरात में शेरों की आबादी में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह 2015 में 523 से बढ़कर 2020 में 674 पर पहुंच गई। तेंदुओं की आबादी 2014 के 7,910 से 63 प्रतिशत बढ़कर 2018 में 12,852 हो गई। पिछले साल सरकार नामीबिया से देश में चीते लेकर आई थी। इनमें से एक चीते ने चार शावकों को जन्म दिया, जिससे वे 1952 के बाद से भारतीय धरती पर पैदा होने वाले पहले चीते बन गए।

 

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