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कोलकाता नाइट राइडर्स यानी केकेआर के बल्लेबाज रिंकू सिंह का नाम अभी तक सुना-सुना सा लगता था, लेकिन रविवार 9 अप्रैल को जो कारनामा उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम और दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग के मैच में किया, वह अद्भुत था। इस एक पारी की बदौलत उनका नाम दुनियाभर में रोशन हो गया। उन्होंने 5 गेंदों में 5 छक्के जड़कर अपनी टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई, लेकिन इस बीच महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के बेटे और पूर्व क्रिकेटर रोहन गावस्कर ने कमेंट्री के दौरान एक नई बहस छेड़ दी, जिसके लिए उनकी आलोचना हो रही है।
जूनियर गावस्कर की आलोचना इसलिए भी हो रही है, क्योंकि वह रिंकू सिंह की तारीफ नहीं कर पाए और वे गेंदबाज को कोसने लगे। ये गेंदबाज गुजरात टाइटन्स टीम के लेफ्ट आर्म पेसर यश दयाल थे। वे जब आखिरी ओवर करने के लिए आए तो कोलकाता को जीत के लिए 29 रन चाहिए थे। पहली गेंद पर उमेश यादव ने एक रन ले लिया। इस तरह अगली 5 गेंदों पर कम से कम चार छक्के और एक चौका चाहिए था, लेकिन रिंकू सिंह ने एक के बाद एक लगातार पांच छक्के जड़ दिए और टीम को जीत दिला दी। इस दौरान कमेंट्री करते हुए रोहन गावस्कर ने अटपटा बयान दिया।
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रोहन गावस्कर ने ऑनएयर कहा, “इसीलिए मैं कहता हूं कि यह गेंदबाजों का खेल है। उसने बहुत खराब गेंदबाजी की, लेकिन हम यहां रिंकू सिंह के बारे में बात कर रहे हैं और वह कितनी अच्छी बल्लेबाजी कर रहा है। कल हम कह रहे थे कि अगर कोई बल्लेबाज एक गेंद पर एक रन या 120 के स्ट्राइक रेट से खेलता है तो आप उसकी आलोचना करते हैं। एक गेंदबाज 31 रन दे देता है तो आप कहते हैं कि यह रिंकू सिंह हैं – उनकी प्रशंसा होनी चाहिए है। इसलिए मैं कहता रहता हूं कि यह गेंदबाजों का खेल है।” इसी कमेंट्री के लिए उनकी आलोचना हो रही है। आप भी सुनिए।
रोहन गावस्कर की इस कमेंट्री से तमाम क्रिकेट फैंस नाखुश हैं। एक यूजर ने लिखा है कि रोहन गावस्कर दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग के ग्लोबल फीड पर एक इंग्लिश कमेंटेटर की भूमिका में फिट नहीं बैठते हैं। खेल के सबसे रोमांचक क्षणों के दौरान उन्हें कभी भी ऑन एयर नहीं रखना चाहिए था।