हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से होने वाली बीमारियों से हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता
गर्मी के दिनों में ताजी और हरी सब्जियों को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए: सिविल सर्जन
नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों से अनिवार्य रूप से लेनी चाहिए सलाह: एसीएमओ
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
गर्मी का असर सबसे ज्यादा कमजोर बच्चों और घर के बड़े बुजुर्गों पर पड़ता है। हालांकि बच्चों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए उनके माता-पिता तरह-तरह के उपायों को करते रहते हैं। लेकिन इसी बीच कभी-कभी घर के बड़े बुजुर्गो सहित बच्चों की अनदेखी कर दी जाती है। चिकित्सकों की मानें तो वर्तमान समय में शरीर में पानी की कमी से हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से होने वाली बीमारियों से सुरक्षित एवं बचाव को लेकर हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। इसकी पूर्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल के अलावा रसयुक्त आहार को अनिवार्य रूप से शामिल करना उचित होता है।
गर्मी के दिनों में ताजी और हरी सब्जियों को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि गर्मियों के दिनों में घर के बड़े बुजुर्गों की त्वचा खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। जिस कारण संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। ऐसे मामलों में औषधीय या हर्बल साबुन का उपयोग करना बेहतर होता है। गर्मी के दिनों में स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। गन्दे पकड़े पहनने मात्र से स्वच्छता और पाचन तंत्र भी प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है। वहीं फूड पॉइजनिंग आदि का खतरा अत्यधिक होता है। जिस कारण अपने आहार में ताजी और हरी सब्जियों को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए। गर्मी के दिनों में एलर्जी, कंजक्टिवाइटिस और कमजोरी होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है। इन सभी से बचाव एवं सुरक्षित रखने के लिए आंखों को गर्मी या अत्यधिक धूप से बचाने के लिए अपने आहार में विटामिन ए और विटामिन सी से परिपूर्ण फलों को शामिल करना चाहिए।
नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों से अनिवार्य रूप से लेनी चाहिए सलाह: एसीएमओ
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ राजेन्द्र प्रसाद मंडल ने बताया कि यदि आपके परिवार के किसी भी बड़े बुजुर्ग को कोई संक्रमित बीमारी होने का खतरा मंडरा रहा है तो नियमित अनिवार्य रूप से जांच करानी चाहिए। इसके अलावा यदि परिवार के किसी भी सदस्य का स्वास्थ्य ख़राब होने की स्थिति में है तो जल्द से जल्द नदजीकी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए। चिकित्सकों से परामर्श लिए वग़ैर कोई भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे चिकित्सको की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित की गई है। हालांकि इसके अलावा विशेष जानकारी या उचित परामर्श के लिए क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका या आशा कार्यकर्ताओ से संपर्क किया जा सकता है।
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