जयंती पर याद किए गए बाबासाहब अंबेडकर
132वीं जयंती पर अनुयाइयों की उमड़ी भीड़,
उनके पदचिन्हों पर चलने का लिया संकल्प.
श्रीनारद मीडिया‚ चंद्रशेखर‚ छपरा (बिहार)
भारत रत्न, संविधान निर्माता, सिंबल ऑफ नॉलेज डॉ भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती डॉ बी आर अंबेडकर परिगणित जाति कल्याण संघ के तत्वावधान में अंबेडकर स्मारक स्थल पर धूमधाम से मनाई गई. जयंती का शुभारंभ बाबासाहब की मूर्ति पर माल्यार्पण के उपरांत दीप प्रज्वलन के साथ किया गया. समारोह की अध्यक्षता कर रहे अध्यक्ष अजीत मांझी ने आगत अतिथियों का स्वागत गुलदस्ता और अंगवस्त्र प्रदान कर किया.
कार्यक्रम के मुख्य अथिति विधान पार्षद प्रो डॉ वीरेंद्र नारायण यादव ने डॉ अंबेडकर के विचारों को समीचीन बताते हुए कहा कि अगर देश के वंचित शोषित और गरीब वर्ग के लिए विकास के रास्ते बंद है तो यह राष्ट्रीयता के खिलाफ है, और जब तक ऐसी स्थिति विद्यमान है, अंबेडकर के विचार जीवित रहेंगे. उन्होंने दलित वर्ग में महिलाओं की शिक्षा में कम भागीदारी पर सवाल खड़े किए और एक उद्धरण के मध्यम से बताया कि किस तरह किसी जमाने में जमींदार वर्ग के द्वारा यह बाते कही जाती रही थीं कि अगर सभी को शिक्षा दे दी जाएगी तो फिर उनकी चाकरी कौन करेगा. उन्होंने न्यायलयीय परिपाटी पर भी संदेह जताया और उसमे सुधार की वकालत की.
डॉ लालबाबू यादव ने कहा कि अंबेडकर के नाम पर लाभ अर्जित करने वालों से समाज में उसके योगदान का लेखा जोखा लेना चाहिए. प्रसिद्ध बहुजन चिंतक इंजीनियर डी एन दत्ता ने दलित ऐश्वर्य और इतिहास की जानकारी देते हुए उनको प्रतिनिधित्व मिलने तक के सफर को बारीकी से समझाया. डीपीओ समग्र शिक्षा धनंजय कुमार पासवान ने शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अनुसूचित वर्ग की भागीदारी अधिक करने पर बल दिया. उन्होंने बताया कि हमारा विकास शिक्षा के रास्ते ही जाता है.
डीपीओ डीआरडीए राजेश कुमार ने स्मारक स्थल पर एक पुस्तकालय खोलने तथा उसके लिए राशि अनुदान देने की बात कही. रिविलगंज बीडीओ लालबाबू पासवान ने शिक्षा की जरूरत को समझते हुए कहा कि बाबासाहब ने आखिर डीएससी, डी लिट और एलएलडी आदि की पढ़ाई क्यों की हमे यह मंथन करने की अवश्यकता है.
प्रो धनंजय यादव ने कहा कि बाबासाहब के मूल मंत्र शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो के रास्ते पर चलने की बजाय आज का युवा सिर्फ संघर्ष कर आगे बढ़ना चाहता है जो शायद संभव नही, उसे शिक्षित और संगठित हुए बिना कामयाबी नहीं हासिल हो सकती. जयंती समारोह को, ईश्वर राम, सुपेंद्र चौधरी, सभापति बैठा, पोस्ट ऑफिस के डायरेक्टर दिनेश साह, शिवकुमार मांझी, हवलदार मांझी, लालबाबू मांझी, दीनबंधु मांझी, शिव प्रसाद मांझी, , ममता कुमारी, रंजीत मांझी, हरेंद्र मांझी, सुरेंद्र सिंह, चंद्रिका प्रसाद यादव समरेंद्र बहादुर सिंह, आदि ने संबोधित किया.
कार्यक्रम की सफलता में शैलेंद्र राम, विनोद चौधरी, चंद्रशेखर कुमार आदि की भूमिका सराहनीय रही.
इस अवसर पर शिक्षिका संगीता कुमारी , अनन्या कश्यप, रीना कुमारी, मंजू मानस, राजा लाल, मदन लाल, विक्की रजक, नवल किशोर बैठा, रामलाल मांझी, व्यास मांझी, मेराज आलम, गणेश चौधरी, ध्रुव बैठा, दीपक प्रसाद गुप्ता, अजय कुमार राम, अश्वनी कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे. संचालन अधिवक्ता अनिल् कुमार ने किया.
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