उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 की तैयारियां पूरी जोरों पर है। केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारों धामों के कपाट खोलने को लेकर उत्तराखंड सरकार निर्माण कार्यों को युद्धस्तर पर कर रही है। चार धाम रजिस्ट्रेशन करा चुके दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR), यूपी, एमपी सहित देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों की संख्या इस बार नया रिकॉर्ड बना सकती है। आपको बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल, और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुल रहे हैं। जबकि, गंगोत्री, और यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
इसी के बीच केदारनाथ धाम पर एक ‘डेंजर वाला एडवेंचर’ वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। ट्रैक्टर की मदद से बिजली ट्रांसफॉर्मर, पानी की बड़ी-बड़ी पाइन लाइन सहित भारी-भरकम सामानों को केदारनाथ धाम तक पहुंचाया जा रहा है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर सोनप्रयाग और गौरीकुंड से लगातार भारी सामान को केदारनाथ धाम तक पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए गौरीकुंड से ट्रैक्टर की मदद ली जा रही है। कठिन मार्ग पर ट्रैक्टर से सामान पहुंचाना काफी चुनौती भरा है। भारी-भरकम सामान पहुंचाने के लिए निर्माण कार्यों में लगे मजदूर अपनी जान जोखिम में डालकर सामान को आसानी से केदारनाथ धाम तक पहुंचा रहे हैं।
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केदारनाथ पैदल मार्ग पर ट्रैक्टर चलाकर भारी सामान ले जाना एक जोखिमभरा ही नहीं बल्कि साहसिक काम भी है। नेपाल निवासी विरमल शाही गौरीकुंड से करीब 10 से 15 कुंतल का भारी सामान ट्रैक्टर से केदारनाथ धाम पहुंचा रहे हैं। विरमल हालांकि केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग में आपदा के बाद से ही काम कर रहे हैं, किंतु अब वह यहां की हर परिस्थिति में ढलते हुए इस साहसिक काम को कर रहे हैं।
नेपाल निवासी विरमल शाही केदारनाथ आपदा के बाद वर्ष 2014 में केदारनाथ आए। तब नेहरु पर्वतारोहण संस्थान द्वारा किए जा रहे पुनर्निर्माण के कार्यों में उन्होंने बतौर मजदूर काम किया। कड़ाके की ठंड में अथक मेहनत करते रहे। घोड़ा-खच्चर, डंडी कंडी चलाने के साथ ही सामान और यात्री पहुंचाने का काम भी किया। वर्ष 2018 में विरमल शाही जो अब गणेश शाही के नाम भी मशहूर है उन्होंने केदारनाथ आस्था पथ निर्माण में पत्थर लगाने का काम किया।
विरमल अब बी क्लास के ठेकेदार बन गए हैं और केदारनाथ पुर्ननिर्माण में लगी अनेक कार्यदायी संस्थाओं का भारी सामान ट्रैक्टर से केदारनाथ धाम पहुंचा रहे हैं। विरमल शाही ने बताया कि वह 2014 से केदारनाथ में कार्य कर रहे हैं। पहली बार उन्होंने 2014 में ट्रैक्टर चलाया और धीरे-धीरे इस में महारथ हासिल की। वर्तमान में विरमल के पास अपना स्वयं का ट्रैक्टर है जिससे वह एक दिन में 10 से 15 कुंतल सामान करीब 10 घंटे में केदारनाथ पहुंचा रहे हैं।
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वह उसी दिन वापस भी लौटने की हिम्मत रखते हैं। उन्होंने बताया कि वह जेसीबी बोकेट, बिजली ट्रांसफार्मर, 90 किलो के लोहे के पाइप, पानी के पाइप सहित कई भारी सामान को केदारनाथ पहुंचा रहे हैं। इधर, वुड स्टोन के प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि विरमल को ट्रैक्टर चलाने का काफी अनुभव है।
हेली सेवा ऑनलाइन बुकिंग पर बड़ा अपडेट, इन दिन से दूसरे चरण की टिकट हो सकेगी बुक
केदरारनाथ हेली सेवा दूसरे चरण की हेली टिकटों की बुकिंग 18 अप्रैल दोपहर 12 बजे शुरू होगी। इस बार 1 से 7 मई के बीच के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग होगी। केदारनाथ हेली सेवा से जुड़ी सभी जानकारी, आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। केदारनाथ हेली सेवा के लिए पहली चरण की बुकिंग 09 अप्रैल को शुरू हुई थी। यह तीर्थ यात्री 25 से 30 अप्रैल के बीच हेली सेवा से केदारनाथ धाम जा सकेंगे। आपको बता दें कि केदारनाथ हेली सेवा की बुकिंग शुरू होते ही पहले 30 मिनट में ही सारी टिकटें बुक हो गईं थीं। प्रथम चरण की केदारनाथ हेली टिकट बुकिंग में 2673 टिकटों के जरिए 6263 यात्रियों ने टिकटें बुक कराईं हैं।
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यह है प्रति यात्री किराया
गुप्तकाशी 3870रुपये
सिरसी 2749 रुपये
फाटा 2750 रुपये (एक तरफ का किराया)
वेबसाइट: https:// heliyatra.irctc.co.in/